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पठार
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पठार (अंग्रेजी: Plateau, highland, या tableland) आसपास के जमीन से ऊँचाई पर मौजूद, ऊपर से सपाट आ पर्याप्त बिस्तार वाला जमीनी हिस्सा होला, जेकरा कम से कम एक ओर तेज ढाल वाला किनारा होला।[1][2][3][4] पृथ्वी के सतह के कौनों हिस्सा के पठार कहल जाए की पाछे प्रमुख बिसेसता एकर आसपास के धरातल से ऊँच होखल आ साथे-साथ अपने आप में कम ऊँचाई-निचाई वाला यानि सपाट सतह वाला होखल बाटे। ढेर ऊँचाई (इलेवेशन) आ कम उच्चावच (रेलीफ़) के पठार क प्रमुख बिसेसता मानल जाला।[5] पठार, मैदान आ पहाड़ के भूआकृति बिज्ञान में दूसरा श्रेणी (सेकेंड ऑर्डर)के थलरूप मानल जाला।[6][7]
![तिब्बत के पठार के सैटेलाईट फोटो](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/2/2f/Himalaya_85.30820E_32.11063N.jpg/640px-Himalaya_85.30820E_32.11063N.jpg)
पठार, अक्सरहा खनिज पदार्थ खातिर महत्वपूर्ण होलें, काहें से की ज्यादातर पठार पुरान आग्नेय चट्टान के बनल हिस्सा हवें आ इहाँ तरह-तरह के खनिज पावल जाने। भारत के दक्खिनी हिस्सा अइसने पठार हवे।