भारत के परधानमंत्री आ गुजरात के पुरान मुख्यमंत्री From Wikipedia, the free encyclopedia
नरेंद्र दामोदरदास मोदी (17 सितम्बर 1950) एगो भारतीय राजनीतिज्ञ आ भारत के 14वाँ आ वर्तमान परधानमंत्री बाड़ें। मोदी 26 मई 2014 के प्रधानमंत्री पद के पहिली बेर शपथ लिहलें; एकरा बाद से ऊ अबतक ले प्रधानमंत्री बाड़ें, अपना तिसरा कार्यकाल क शपथ 9 जून 2024 के लिहलें। भारत के अबतक भइल प्रधानमंत्री लोग में मोदी आजाद भारत में जनमल पहिला प्रधानमंत्री बाड़ें। एकरा पहिले ऊ गुजरात के मुख्यमंत्री रहलें आ वर्तमान में बनारस लोकसभा सीट से सांसद बाङे। नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी के सदस्य, हिंदू राष्ट्रवादी आ दक्खिनपंथी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य हवें।
नरेंद्र मोदी | |
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भारत के 14वाँँ परधानमंत्री | |
Taking office 26 मई 2014 | |
राष्ट्रपति | द्रौपदी मुर्मू |
Succeeding | मनमोहन सिंह |
गुजरात के 14वाँँ मुख्यमंत्री | |
कार्यकाल 7 अक्टूबर 2001 – 22 मई 2014 | |
गवर्नर | सुन्दरसिंह भण्डारी कैलाशपति मिश्र बलराम जाखड़ नवलकिशोर शर्मा एस॰ सी॰ जमीर कमला बेनीवाल |
इनसे पहिले | केशूभाई पटेल |
इनके बाद | आनंदीबेन पटेल |
निजी जानकारी | |
जनम | नरेन्द्र दामोदरदास मोदी सितंबर 17, 1950 वड़नगर, गुजरात, भारत |
राजनीतिक पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
जीवनसाथी | जसोदाबेन चिमनलाल[1] |
महतारी संस्था | दिल्ली विश्वविद्यालय गुजरात विश्वविद्यालय |
दस्खत | |
वेबसाइट | निजी वेबसाइट |
बडनगर में एगो गुजराती परिवार में पैदा मोदी, बचपन में अपना बाबूजी के चाय के दुकान पर मदद करें, बाद में आपन दुकान लगावे लगलें। स्वयंसेवक संघ से उनके परिचय आ जुड़ाव आठ बरिस के उमिर में भइल। ग्रेजुएशन के पढ़ाई के बाद मोदी घर छोड़ दिहलें, कारण बियाह बतावल जाला जेकरा के मोदी स्वीकार ना कइलें। दू साल खातिर भारत के बिबिध इलाका सभ में घूमे के बाद 1969 या 1970 में अहमदाबाद लवटलें। 1971 में आरएसएस के फुल-टाइम मेंबर बन गइलें आ 1975 के इमरजेंसी के दौर में कुछ दिन इनके लुकाये के परल। 1985 में आरएसएस इनके भाजपा में भेज दिहलस, पार्टी के बिबिध पद पर रह के काम करत साल 2001 में एकर जनरल सेक्रेटरी बनलें।
2001 में नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री नियुक्त कइल गइल जवना के कारण तत्काल के मुख्यमंत्री केशूभाई पटेल के खराब सेहत आ भुज के भूडोल के बाद उनके छवि में गिरावट रहल। जल्दिये मोदी बिधायक के रूप में चुन लिहल गइलें। मोदी के प्रशासन के 2002 के गुजरात दंगा में भूमिका होखे के बात कहल जाला,[नोट 1] या फिर दंगा करावे के आरोप भी लगावल जाला, हालाँकि कोर्ट के कौनों अइसन सबूत ना मिलल जेकरा आधार पर एक मामिला में मोदी के कौनों सजा दिहल जा सके।[नोट 2] मुख्यमंत्री के रूप में गुजरात में आर्थिक बढ़ती के आगे रखे में उनके नीति के तारीफ कइल जाला,[9] जबकि सेहत-सुबिधा, आ शिक्षा के बिकास के आगे बढ़ावे के मामिला में आ गरीबी दूर करे में बिफल रहे खातिर उनके सरकार के आलोचना होले।[नोट 3]
मोदी 2014 के आम चुनाव में भाजपा के अगुआई कइलेन आ पार्टी लोकसभा में बहुमत से आइल। कौनों पार्टी के 1984 के बाद से पूर्ण बहुमत पहिली बेर मिलल बा। मोदी खुद बनारस लोक सभा सीट से चुनल गइलें। परधानमंत्री बनले के बाद से मोदी प्रशासन के कोसिस रहल बा कि देस में बिदेसी डाइरेक्ट निवेश के बढ़ावा दिहल जाय, मूलभूत संरचना पर खरच ढेर कइल जाय, आ स्वास्थ्य आ सामाजिक कल्याण के ऊपर होखे वाला खर्चा में कटौती कइल जाय। मोदी के सारकार द्वारा ब्यूरोक्रेसी के दक्षता बढ़ावे आ आ सेंट्रलाइज हो चुकल पावर के छितरावे के कोसिस में योजना आयोग के भंग क दिहल गइल बा। इनके द्वारा देस भर में हाई-प्रोफाइल सफाई अभियान चलावल गइल बा आ पर्यावरण आ मजूरी संबंधी कानून के कमजोर भा खतम क दिहल गइल बा। मोदी के देस के राजीनीत के दक्खिनपंथी राजनीति के तरफ ओरमावे खातिर इंजीनियरी करे के क्रेडिट दिहल जाला आ इनके हिंदू राष्ट्रवादी बिसवास आ गुजरात दंगा में भूमिका के ले के देस में आ देस के बाहर बिबादास्पद छवी बा; एह दुनों बात के, सामाजिक भेदभाव वाला एजेंडा रखे वाला ब्यक्ति होखे के सबूत के तौर पर भी प्रस्तुत कइल जाला।[नोट 4]
2001 में केशुभाई पटेल (तत्कालीन मुख्यमंत्री) के सेहत बिगड़े लगल रहे औरी भाजपा चुनाव में काइगो सीट हारत रहे।[18] एकरा बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्यमंत्री के रूप में मोदी के नया उम्मीदवार के रूप में रखले । हालांकि भाजपा के नेता लालकृष्ण आडवाणी, मोदी के सरकार चलावे के अनुभव के कमी के कारण चिंतित रहले। मोदी पटेल के उप मुख्यमंत्री बनले के प्रस्ताव के ठुकरा दिहाले औरी आडवाणी व अटल बिहारी वाजपेयी से कहके कि यदि गुजरात के जिम्मेदारी देवेके बा त पूरा दीहल जाओ अन्यथा ना दिहाल जाओ। 3 अक्टूबर 2001 के इ केशुभाई पटेल के जगह गुजरात के मुख्यमंत्री बनले। एकरा साथ ही उनका पर दिसम्बर 2002 में होखे वाला चुनाव के पूरा जिम्मेदारी भी रहे।[19]सुरुआती जीवन आ शिक्षा == नरेंद्र मोदी के जनम 17 सितंबर 1950 के एगो गुजराती परिवार में, मेहसाणा जिला (ओह समय के बांबे स्टेट, अब गुजरात) के वडनगर में भइल। बाबूजी दामोदरदास मूलचंद मोदी (c.1915 - 1989) आ महतारी हीराबेन मोदी (जनम c.1920) के छह गो में नरेंद्र मोदी तिसरा संतान रहलें।[20] मोदी के परिवार मोध-घाँची-तेली समुदाय के हवे,[21][22][23] जेकरा के सरकारी तौर पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में गिनल जाला।[24][25]
लरिकाईं में मोदी वडनगर रेलवे टीशन पर चाय बेचे में अपने बाबूजी के मदद करें, बाद में अपना भाई के साथे खुद के छाया के दुकान बस अड्डा के लगे चलवलें।[26][27] मोदी साल 1967 में वडनगर से इंटर के इम्तिहान पास कइलें, जहाँ उनके एगो अध्यापक औसत दर्जा के बिद्यार्थी आ बाद-बिबाद में रूचि रखे वाला आ थियेटर में लगाव रखे वाला बिद्यार्थी के रूप में बतवलें।[28] बाद-बिबाद प्रतियोगिता में मोदी के कुशलता उनके संघे पढ़े वाला बिद्यार्थी आ उनके मास्टर साहब लोग चिन्हित कइल।[29] मोदी नाटकन (थियेटरन) में बहुत बिसाल व्यक्तित्व (लार्जर-देन-लाइफ) वाला किरदार निभावल पसंद करें जे उनके राजनीतिक कैरियर में भी झलके ला।[30][31]
आठ बरिस के उमिर में मोदी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बारे में मालुम भइल आ ऊ लोकल शाखा में जाए सुरू कइलेन। एकरे बाद मोदी लक्ष्मणराव इनामदार, जिनके वकील साहब के नाँव से जानल जाय, मिलने आ उहे इनका के बालस्वयंसेवक बनवलें आ इनके राजनीतिक अभिभावक बनलें।[32] आरएसएस में अपना शिक्षा के दौरान मोदी वसंत गजेंद्रगाडकर आ नाथालाल जघड़ा से मिललें जे लोग भारतीय जनसंघ के नेता आ 1980 में भारतीय जनता पार्टी के गुजरात इकाई के संस्थापक सदस्य रहल लोग।[33] पढ़ाई के दौरान लरिकाईंये में इनके बियाह जसोदाबेन नरेंद्रभाई मोदी से तय हो गइल जेकरा के मोदी ना स्वीकार कइलें [34] आ एही कारन उपजल पारिवारिक तनाव के कारन 1967 में घर छोड़ देवे के फैसला कइलें।[35]
एकरे बाद मोदी दू साल उत्तर भारत आ पूर्वोत्तर भारत के जगह-जगह घुमलें, कवना-कवना जगह गइलें आ रहलें एकरे बारे में बहुत बिबरन ना मिले ला।[36] अपना इंटरभ्यू में मोदी, स्वामी विवेकानंद के स्थापित बेलूर मठ (कलकत्ता लगे), एकरे बाद अल्मोड़ा के अद्वैत आश्रम आ रामकृष्ण मिशन, राजकोट जाए के बात कहले बाने। एह में से हर जगह कुछे दिन खातिर रह पवलें काहें कि उनके कॉलेज के शिक्षा अभिन पूरा ना भइल रहल।[37][38][39] विवेकानंद के इनके जीवन पर बहुत परभाव बतावल जाला।[40]
1968 के गर्मी के सुरुआत में मोदी बेलूर मठ चहुँपलें बाकी इहाँ से वापस लवटा दिहल गइलें, जेकरा बाद कलकत्ता पच्छिम बंगाल आ आसाम में घूमलें, सिलीगुड़ी आ गौहाटी में रुकलें।[41] मोदी अल्मोड़ा के रामकृष्ण आश्रम चहुँपलें आ एहू जा उनके ना लिहल गइल, एकरे बाद दिल्ली राजस्थान होखत वापस 1968–69 में गुजरात लवट अइलें।[42] 1969 के अंत में या फिर 1970 के सुरुआत में मोदी कुछ दिन खातिर वडनगर अइलें आ एकरा बाद अहमदाबाद चल गइलें।[43] इहँवा मोदी अपने रिश्तेदार के इहाँ, गुजरात राज्य परिवहन कारपोरेशन के कैंटीन में काम करे लगलें।[44][45]
अहमदाबाद में मोदी दोबारा इनामदार से दोबारा मिललें जे ओह समय शहर के हेगडेवार भवन (शहर के आरएसएस मुख्यालय) में रहलें।[46][47][48] 1971 के भारत-पाक लड़ाई के बाद मोदी अपना चाचा के साथे काम कइल छोड़ के पूरा टाइम खातिर आरएसएस के प्रचारक बन गइलें[45] आ इनामदार के मातहत काम करे लगलें।[49] लड़ाई के कुछे दिन पहिले मोदी भारत सरकार के खिलाफ एगो शांतिपूर्ण धरना-परदर्शन में हिस्सा लिहलें जेकरा खातिर उनके गिरफ्तार कइल गइल रहे; इहे कारन बतावल जाला कि इनामदार इनके सिखावे-पढ़ावे खातिर बीछलें।[49] कई साल बाद 2001 में इनामदार के जीवनी छपल जेह में मोदी सहायक लेखक रहलें।[50] साल 1978 में मोदी राजनीतिशास्त्र में बीए कइलें,[51] दिल्ली विश्वविद्यालय के पत्राचार माध्यम से,[52][53] आ थर्ड डिवीजन पास भइलें।[54] पाँच बरिस बाद, 1982 में, गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति बिज्ञान में एमए के डिग्री लिहलें।[55][56]
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