झारखंड
भारत के एगो राज्य From Wikipedia, the free encyclopedia
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झारखंड भारत के 28 राज्यन में से एगो राज्य ह आ एकर राजधानी राँची में बा। ई इलाका पहिले बिहार राज्य के हिस्सा रहल आ 15 नवंबर 2000 में एकरा के अलग राज्य के दर्जा दिहल गइल। पठारी आ पहाड़ी इलाका आ बन-संपदा से भरपूर ई क्षेत्र खास तौर से अपना खनिज संसाधन सभ खाती जानल जाला आ एही कारन इहाँ कई गो खनिज आधारित उद्योगो बा; एकरा बावजूद बिकास के मामिला में ई राज्य पिछड़ल बाटे।
झारखंड | |
---|---|
Coordinates (राँची): 23.35°N 85.33°E | |
देस | भारत |
क्षेत्र | पुरबी भारत |
निर्माण | 15 नवंबर 2000 |
राजधानी | राँची |
बड़ शहर | जमशेदपुर |
जिला | 24 |
Area | |
• Total | 79,714 किमी2 (30,778 बर्ग मील) |
• Rank | 16वाँ |
Population (2011)[1] | |
• Total | 32,988,134 |
• Rank | 14वाँ |
• Density | 414/किमी2 (1,070/बर्ग मील) |
Time zone | UTC+05:30 (IST) |
Website | www |
†Formed by the Bihar Reorganisation Act, 2000 |
झारखंड राज्य के कुल रकबा 79,714 वर्ग किलोमीटर बाटे आ ई भारत के पूरबी हिस्सा में पड़े वाला राज्य हवे। एकरे उत्तर में बिहार, पूरुब ओर पच्छिम बंगाल, दक्खिन में उड़ीसा राज्य आ पच्छिम ओर छत्तीसगढ़ आ कुछ सीमा उत्तर प्रदेश के साथे लागे ला। भारत के भौतिक बिभाजन अनुसार ई इलाका पूरबी पठार के हवे जेह में कैमूर श्रेणी से ले के छोटा नागपुर के पठार के इलाका आवे ला। उत्तर के हिस्सा के नदी सभ गंगा थाला के नदी बाड़ीं स आ दक्खिन से उत्तर के ओर बहे लीं जबकि दक्खिनी हिस्सा के अपवाह पूरुब ओर के बा। जलवायु मानसूनी हवे, साल में चार महीना बरखा के होला जे जून से सितंबर ले होला। माटी बहुत उपजाऊँ ना हवे बाकी बनस्पति के मामिला में धनी राज्य हवे।
झारखंड के कुल जनसंख्या, साल 2011 के जनगणना अनुसार, 32,988,134 रहल।[1] इहाँ के काफी सारा लोग आदिवासी समुदाय से हवे आ उद्योग के चलते बाहरी जगह के लोग भी इहाँ के शहर सभ में भारी संख्या में मिले लें। राजधानी राँची, धनबाद आ जमशेदपुर एह राज्य के प्रमुख शहर हवें।
झारखंड के इतिहास पत्थर जुग से सुरू होला। एह काल में इहाँ के लोग नुकीला पाथर आ हाथ से चलावे वाली पाथर के कुल्हाड़ी के इस्तेमाल करे जिनहन के सबूत दामोदर घाटी से मिलल बा आ हजारीबाग के बाँदा इलाका अउरी पूरबी सिंहभूमि के बारधा, बारबिल, हिरजिहाती वगैरह जगह सभ से मिलल बाटे। पत्थर जुग के सभसे अंतिम हिस्सा जेकरा के नवपत्थर काल (नियोलिथिक) कहल जाला, छिन्नी, आरी, चाकू वगैरह खाती जानल जाला। धियान देवे वाली बात ई बा कि भारत में कुल 12 किसिम के कुल्हाड़ी पावल गइल बा, आ एह में से बारहो किसिम के कुल्हाड़ी झारखंड के छोटानागपुर पठार से मिले लीं।
पाथर जुग के बाद तामा आ काँसा के जुग के संक्रमण काल आइल। एह जमाना के चीज भी झारखंड में मिले ला। मानल जाला कि असुर, बिरजिया आ बिरहोर जनजाति के लोग के पूर्वज तामा गला के ओह से हथियार औजार बनावे के कला जानत रहल। काँसा के एगो प्याला लोहरदग्गा से मिलल बा।
ऋग्वैदिक काल में जवन बड़हन इलाका कीकट प्रदेश कहाय ऊ अथर्ववेद के काल तक कई हिस्सा में बँट गइल आ मगध, पौंड्र, अंग वगैरह एकर हिस्सा बन गइलेन। वर्तमान झारखंड के इलाका मुख्य रूप से पौंड्र आ अंग (पच्छिमी) वाला इलाका रहल।
झारखंड में ब्रिटिश परभाव के सुरुआत 1765 के बाद भइल, इलाहाबाद के संधि के बाद मुगल बादशाह शाह आलम द्वारा बिहार, बंगाल आ उड़ीसा के दीवानी ईस्ट इंडिया कंपनी के सउँप दिहल गइल। एकरे चलते ओह समय के छोट-छोट राज्य सभ जे एह इलाका में रहलें, कंपनी के परभाव में आ गइलें। कंपनी के योजना बंगाल से बनारस ले छोटा नागपुर हो के नया ब्यापारिक रास्ता सुरू कइल चाहत रहल आ एह इलाका में ढालभूम, पोरहाट आ कोल्हान नियर राज्य रहलें। कंपनी के प्रवेश एह इलाका में सिंहभूम से सुरू भइल, 1766 में कंपनी तय कइलस कि अगर सिंहभूम के राजा लोग कंपनी के अधीन हो जायँ आ टैक्स देवें तब उनहन लोग के खिलाफ सैनिक कार्रवाई ना कइल जाई। सिंहभूम के राजा लोग माने से इनकार क दिहल आ 1767 में फर्ग्युसन के अगुआई में ब्रिटिश सेना एह इलाका पर हमला कइलस।
बिहार (जेह में ओह समय इहो इलाका आवे) के बिद्रोही जमींदार सभ खाती छोटा नागपुर पठार के इलाका शरण के जगह के रूप में, जब इनहन लोग से टैक्स वसूली करे के होखे लोग भाग के जंगल में छिप जाय। एकरे अलावा तत्कालीन बिहार के पच्छिमी सीमा के मराठा राजा लोग से भी खतरा रहल। एह सभ से निपटे खाती कंपनी पलामू के किला पर आपन अधिकार कइलस आ एह इलाका में कंपनी के शासन के मजबूती मिलल।
सभके बावजूद, एह इलाका के भूगोल आ जनजाति लोग के आबादी के संस्कृति पूरा तरीका से कब्बो कंपनी शासन के अधीनता ना स्वीकार कइलेन आ जमींदारन आ कंपनी के खिलाफ कई गो बिद्रोह आ आंदोलन भइलें। एह बिद्रोह सभ में चुआर बिद्रोह, कोल बिद्रोह, भूमिज बिद्रोह, संथाल बिद्रोह, तिलका माँझी आंदोलन, पहड़िया बिद्रोह, मुंडा बिद्रोह प्रमुख रहलें।
1857 के बिद्रोह के परभाव भी पलामू, सिंहभूम आ संथाल परगना में पड़ल। 1858 में कंपनी शासन के अंत के बाद ब्रिटिश राज के दौरान भी कई गो बिद्रोह भइल जेह में बिरसा मुंडा बिद्रोह, आ टाना भगत आंदोलन के प्रमुख गिनावल जा सके ला।
ई खंड खाली बाटे जानकारी जोड़ के विकिपीडिया के मदद करीं। |
झारखंड राज्य भारत के पूरबी हिस्सा में पड़े ला। एकरे उत्तर में बिहार, पुरुब ओर पच्छिम बंगाल, दक्खिन में ओडिशा आ पच्छिम ओर छत्तीसगढ़ अउरी [उत्तर प्रदेश]] राज्य बाड़ें। राज्य के कुल रकबा 79.7 लाख हेक्टेयर बा।[2]
झारखंड के जादेतर हिस्सा छोटा नागपुर के पठार वाला हिस्सा हवे। ई पठार खुद दक्खिनी भारत के पठार (दक्कन पठार) के हिस्सा हवे आ एगो महादीपी पठार हवे जे पुराना समय में गोंडवानालैंड (दक्खिनी महादीप) के हिस्सा रहे। पच्छिमी हिस्सा में राजमहल के पहाड़ी वाला हिस्सा में दक्कन लावा के हिस्सा भी मिले ला। ऊबड़-खाबड़ पठारी हिस्सा कई गो नदी सभ के उदगम के इलाका हवे आ सोन, दामोदर, उत्तर कोइल, दक्खिन कोइल, शंख आ ब्राह्मणी नियर कई गो नदी सभ के ऊपरी बेसिन एही पठार पर पड़े ला। पठारी इलाका होखे के कारण झारखंड के जादेतर हिस्सा अभिन ले जंगल वाला बा। हाथी आ शेर एह इलाका में पावल जालें।
झारखंड में लाल, लैटराइट आ राजमहल वाला हिस्सा में काली माटी प्रमुख रूप से मिले लीं। पठारी इलाका होखे के कारण आ बहुत उपजाऊ माटी ना होखे के कारण खेती के ओतना बिकास नइखे भइल जेतना की उत्तर ओर मैदानी हिस्सा में भइल बा।
झारखंड के जलवायु नम उपोष्णकटिबंधी (Humid subtropical) से ले के पूरबी-दक्खिनी हिस्सा में उष्णकटिबंधी नम-सूखा (सवाना) जलवायु हवे।[3] भारतीय मानसून के परभाव के चलते इहाँ चार गो सीजन होखे लें गर्मी, बरसात, शरद आ जाड़ा के रितु। गर्मी अप्रैल के महीना से जून ले पड़े ले आ सभसे गरम महीना मई के होला जब अधिकतम तापमान 38 °C(100 °F) आ न्यूनतम 25 °C (77 °F) के आसपास रहे ला। बीच जून से ले के अक्टूबर ले मानसून के परभाव के चलते बरसात के सीजन होला। बरखा साल भर में लगभग 40 इंच (1,000 मिमी) पच्छिमी आ बिचला हिस्सा में होखे ले जबकि दक्खिनी-पूरबी हिस्सा में 60 इंच (1,500 मिमी) ले होखे ले। साल भर के एह बरखा के लगभग आधा हिस्सा जुलाई आ अगस्त में बरिसे ला। नवंबर से फरवरी ले जाड़ा के मौसम होला आ राँची के तापमान एह दौरान 10 °C (50 °F) से 24 °C (75 °F) रहे ला। बसंत के सीजन फरवरी से अप्रैल ले होला।
जब झारखंड राज्य बनल तब एह में बिहार से अलगा भइल 18 जिला रहलें। कुछ जिला सभ के सीमा में बदलाव कइल गइल आ नाया 6 गो जिला बनावल गइलें। एह नया जिला सभ के नाँव बा लातेहार, सरायकेला खरसाँवा, जामताड़ा, साहेबगंज, खूँटी आ रामगढ़। वर्तमान समय में झारखंड में कुल 5 गो प्रमंडल (डिवीजन) आ 24 गो जिला बाड़ें। झारखंड के जिला सभ के बारे में एगो रोचक बात ई बा कि एकरे दू गो जिला लोहरदग्गा आ खूँटी के अलावा बाकी सगरी जिला अगल-बगल के राज्य सभ के साथ सीमा बनावे लें।[4]
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ऊपर दिहल गइल प्रशासनिक बिभाजन में, प्रमंडल के जिम्मेदार अधिकारी के आयुक्त (कमिश्नर) कहल जाला जे लोग अपना जिला सभ के अधीकारी सभ के बीचा में कोओर्डिनेशन के काम करे ला, हालाँकि, रोज-रोज के कामकाज में इनहन लोग के कौनों हस्तक्षेप ना रहे ला। जिला स्तर पर उपआयुक्त लोग होला, इहे उपआयुक्त लोग जब रेवेन्यू के काम करे ला तब कलेक्टर कहाला आ कानून-बेवस्था के काम देखे ला तब जिला मजिस्ट्रेट कहाला। आम जनता सीधे एह लोग के डीएम के रूप में जाने ले।
जिला के नीचे के प्रशासनिक खंड अनुमंडल होलें। झारखंड में वर्तमान (2018) में कुल 37 गो अनुमंडल बाड़ें। अनुमंडल के अलावा पुलिस के कामकाज खाती सर्किल आ बिकास के काम खाती प्रखंड (ब्लॉक) में बिभाजन कइल गइल बा। स्थानीय स्वशासन के इकाई ग्राम पंचायत होखे लीं। आमतौर पर लगभग 5000 जनसंख्या पर एगो ग्राम पंचायत के गठन कइल गइल बा।
झारखंड के सभसे बड़ शहर
(2011 के भारतीय जनगणना के इस्टीमेट)[5]
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