मगध
पुराना समय में भारत में एगो राज / From Wikipedia, the free encyclopedia
मगध पुराण भारत में सिंधु-गंगा के परति में बसल सोलः गो बरीयार महाजनपदन में से एगो जनपद आ दुसिरका नगरीकरण (600-200 ई.पू) के महान साम्राज्य रहलक। जेकर राजधानी राजगृह रहे बादमें पाटलिपुत्र में स्थानफेर करल गइल। ई बिहार के सुवर्णयूग के शक्तिशाली साम्राज्यन में से एगो साम्राज्य रहे। मगध पर बृहद्रथ राजवंश, प्रद्योत राजवंश (682-544 ई.पू), हर्यङ्का राजवंश (544-413 ईसा पूर्व), शिशुनाग राजवंश (413-345 ईसा पूर्व) आ एकरे अन्तले मौर्य राजवंश के शासन रहल। गाँवन के आपन खूदके सभा रहे जवऽन एगो प्रमुख द्वारा समहारल जाता रहे। ईनके ग्रामक कहल जाये। इनहन के प्रशासन कार्यकारी, न्यायिक आ सैन्य कामकाज में बाँटल रहल।
मगध महाजनपद | |
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1100-345 ई.पू | |
मगध आ आउरो महाजनपद दूसिरका नगरीकरण काल में, प्रारम्भिक ऐतिहासिक काल। | |
मौर्य साम्राज्य के क्षेत्रीय विस्तार छाट्ठा सदी ईसा पूर्व से | |
राजधानी | राजगृह (गीरीव्रज) बादमें, पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) |
आम भाषा | संस्कृतम्[1] मागधी प्राकृत अर्धमागधी प्राकृत |
धरम | हिन्दू बुद्ध जैन |
सरकार | राजवंश जे तरह अर्थशास्त्र में बतावल गइल बा। |
सम्राट | |
• 544–492 ईपू | बिम्बिसार |
• 492–460 ई.पू | अजातशत्रु |
• 460–444 ई.पू | उदायीन |
• 437–413 ई.पू | नागदासक |
• 413–395 ई.पू | शिशुनाग |
• 395–367 ई.पू | कालाशोका |
• 349–345 ई.पू | महानन्दीन |
इतिहासी जुग | लोह युग |
करेंसी | पनस |
रामायण, महाभारतम् आ पुराणन में मगध के संदर्भ भेटाला। बौद्ध आ जैन ग्रंथ सभ में मगध के संदर्भ में भेटाला। अथर्ववेद में अंग राज्य, गांधार आ मुजावत के साथे मगधो के उल्लेख बाटे। बौद्ध आ जैन धम्म के उत्पत्ति मगध से भइल। गुप्त साम्राज्य, मौर्य साम्राज्य आ अउरी केतनहे साम्राज्यन के उत्पत्ति मगध से भइल। पुराण भारत के विभिन्न शास्त्र, गणित, ज्योतिष शास्त्र, धर्मशास्त्र आ दर्शनशास्त्र में मगध के योगदान अपार बा।