हैहय राजवंश
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हैहय पुराणों में वर्णित भारत का एक प्राचीन राजवंश था। हरिवंश पुराण के अनुसार हैहय, सहस्राजित का पौत्र तथा यदु का प्रपौत्र था।[1] श्रीमद्भागवत महापुराण के नवम स्कंध में इस वंश के अधिपति के रूप में अर्जुन का उल्लेख किया गया है।[2]पुराणों में हैहय वंश का इतिहास चंद्रदेव की तेईसवी पीढ़ी में उत्पन्न वीतिहोत्र के समय तक पाया जाता है। श्रीमद्भागवत के अनुसार ब्रह्मा की बारहवी पीढ़ी में हैहय का जन्म हुआ। हरिवंश पुराण के अनुसार ग्यारहवी पीढ़ी में हैहय तीन भाई थे जिनमें हैहय सबसे छोटे भाई थे। हैहय के शेष दो भाई-महाहय एवं वेणुहय थे जिन्होंने अपने-अपने नये वंशो की परंपरा स्थापित की।