साकेत
गुप्तजी की श्रेष्ठ कृतियों में से एक / From Wikipedia, the free encyclopedia
साकेत मैथिलीशरण गुप्त रचित महाकाव्य का नाम है। इसका प्रथम प्रकाशन सन् १९३१ में हुआ था। इसके लिए उन्हें १९३२ में मंगलाप्रसाद पारितोषिक प्राप्त हुआ था।
साकेत | |
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![]() साकेत का मुखपृष्ठ | |
लेखक | मैथिली शरण गुप्त |
देश | भारत |
भाषा | हिंदी |
विषय | महाकाव्य |
प्रकाशक | सत्साहित्य प्रकाशन |
प्रकाशन तिथि | सितम्बर २५, २००५ |
पृष्ठ | 288 |
साकेत राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की अमर कृति है। इसकी रचना वैदर्भी काव्यात्मक गीति शैली में हुई हैं। इसे द्विवेदी युग की सर्वश्रेष्ठ रचना माना जाता हैं। इस कृति में हिन्दुस्तान के आराध्य अयोध्याधिपति प्रभु श्रीराम के भाई लक्ष्मण की पत्नी श्रीमति उर्मिला के विरह का जो चित्रण गुप्त जी ने किया है वह अत्यधिक मार्मिक और गहरी मानवीय संवेदनाओं और भावनाओं से ओत-प्रोत है। साकेत श्रीरामकथा पर आधारित है, किन्तु इसके केन्द्र में लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला है। साकेत में कवि ने उर्मिला और लक्ष्मण के दाम्पत्य जीवन के हृदयस्पर्शी प्रसंग तथा उर्मिला की विरह दशा का अत्यन्त मार्मिक चित्रण किया है, साथ ही कैकेयी के पश्चात्ताप को दर्शाकर उसके चरित्र का मनोवैज्ञानिक एवं उज्ज्वल पक्ष प्रस्तुत किया है।