महाकाव्य
काव्य की लंबी सूत्रबद्ध संरचना / From Wikipedia, the free encyclopedia
संस्कृत काव्यशास्त्र में महाकाव्य का सूत्रबद्ध लक्षण आचार्य भामह ने प्रस्तुत किया है और परवर्ती आचार्यों में दंडी, रुद्रट तथा विश्वनाथ ने अपने अपने ढंग से इसका विस्तार किया है। आचार्य विश्वनाथ का लक्षणनिरूपण इस परम्परा में अंतिम होने के कारण सभी पूर्ववर्ती मतों के सारसंकलन के रूप में उपलब्ध है।