शबरी
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माता शबरी भील राजकुमारी थी[1].[2]। उनका स्थान प्रमुख रामभक्तों में है। राजकुमारी शबरी बेहद ही होनहार और खूबसूरत थी , उनके पिता एक नगर के राजा थे , राजकुमारी शबरी के लिए नगर की बालाएं , पुष्प लेकर आती थी । उनका राज्य में बड़ा आदर था । [3] ।
वनवास के समय राम-लक्ष्मण ने शबरी का आतिथ्य स्वीकार किया था और उसके द्वारा प्रेम पूर्वक दिए हुए कन्दमूल फ़ल खाये कुछ लोग जूठे बेरो का वर्णन करते हैं तथा इसे रामायण में देखा जा सकता हैं। इस से प्रसन्न होकर शबरी को परमधाम जाने का वरदान दिया।