विलाद तृतीय ड्रैकुला
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विलाद तृतीय (Vlad III या इम्पेलर व्लाद ; Romanian: Vlad Țepeș ) या व्लाद ड्रैकुला १४८८ ई से लेकर अपनी मृत्यु तक तीन बार वालाशिया का शासक था। उसे वालाशिया के इतिहास के सबए महत्वपूर्ण शासकों में गिना जाता है और रोमानिया का नायक माना जाता है। [4]
विलाद तृतीय ड्राकुला Vlad III Dracula | |
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Voivode of Wallachia | |
Voivode of Wallachia | |
1st reign | October – November 1448 |
पूर्ववर्ती | Vladislav II |
उत्तरवर्ती | Vladislav II |
2nd reign | 15 April 1456 – July 1462 |
पूर्ववर्ती | Vladislav II |
उत्तरवर्ती | Radu cel Frumos |
3rd reign | December 1476 or January 1477 |
पूर्ववर्ती | Basarab Laiotă cel Bătrân |
उत्तरवर्ती | Basarab Laiotă cel Bătrân |
जन्म | 1428–1431 |
निधन | December 1476 – January 1477 (aged 45 – 49) |
जीवनसंगी | Unknown first wife Jusztina Szilágyi |
संतान more... | Mihnea |
घराना | Drăculești House of Basarab (original branch) |
पिता | Vlad II of Wallachia |
माता | Eupraxia of Moldavia (?) |
धर्म | Roman Catholic[1][2] prev. Eastern Orthodox[3] |
हस्ताक्षर |
15वीं सदी में व्लाद तृतीय वालाशिया का राजकुमार था। व्लाद को ड्रैकुला नाम से भी जाना जाता है क्योंकि वह अत्यन्त निर्दयी था। अपराध सिद्ध होने पर वह धारदार पोल को पीड़ित की शरीर के आर-पार करने का हुक्म सुनाता था। पोल की मोटाई इतनी होती थी कि उसे देख किसी भी इंसान की रूह कांप उठे। जिस व्यक्ति को ये सजा मिलती थी, उसे जबरन धारदार पोल पर बैठने के लिए मजबूर किया जाता था। पोल धीरे-धीरे उसके शरीर को चीरता हुआ निकल जाता था। तीन दिन की असहनीय पीड़ा झेलने के बाद आखिरकार पीड़ित की मौत हो जाती थी। व्लाद इस कदर जालिम इंसान था कि खाना खाते समय उसे ऐसा देखने में बड़ा आनन्द आता था।