वरंगल
तेलंगाना, भारत में स्थित महानगर / From Wikipedia, the free encyclopedia
वरंगल (Warangal) भारत के तेलंगाना राज्य का दूसरा सबसे बड़ा नगर है। यह वरंगल ज़िले का मुख्यालय भी है। वरंगल काकतीय वंश की राजधानी हुआ करता था और इसकी स्थापना सन् 1163 में हुई। काकतीयों द्वारा यहाँ कई निर्माण हुए जो आज भी देखे जा सकते हैं, जिनमें दुर्ग, झीले, मन्दिर, पत्थर के बने तोरण, इत्यादि हैं। आज यह एक पर्यटक गंतव्य है और काकतीय काल तोरनम को तेलंगाना का राजचिन्ह चुना गया है। वरंगल को तेलंगाना की सांस्कृतिक राजधानी कहा जाता है।[1][2][3]
सामान्य तथ्य वरंगल Warangalవరంగల్, देश ...
वरंगल Warangal వరంగల్ | |
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ऊपर से दक्षिणावर्त: गोविंदराजुलु पहाड़ से नगरदृश्य, काकतीय विश्वविद्यालय, वरंगल दुर्ग, सहस्त्र स्तम्भ मन्दिर, काकतीय काल तोरणम | |
निर्देशांक: 17.98°N 79.60°E / 17.98; 79.60 | |
देश | भारत |
प्रान्त | तेलंगाना |
ज़िला | वरंगल ज़िला |
स्थापना | 1163 ई |
संस्थापक | काकतीय वंश |
क्षेत्रफल | |
• शहर | 406.97 किमी2 (157.13 वर्गमील) |
• महानगर | 1805 किमी2 (697 वर्गमील) |
ऊँचाई | 266 मी (873 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• शहर | 7,04,570 |
भाषा | |
• प्रचलित | तेलुगू |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 506001 – 506019 |
दूरभाष कोड | +91–870 |
वाहन पंजीकरण | TS-03, AP-36 (भूतपूर्व) |
वेबसाइट | www |
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