Loading AI tools
विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
लज्जाराम तोमर (२१ जुलाई १९३० - १७ नवम्बर २००४) शिक्षक तथा शिक्षाविद थे। वे 1979 से 2004 तक विद्या भारती के प्रमुख थे। [1] [2] विद्याभारती, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अनुसांगिक संगठन है जो शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करता है।
लज्जाराम तोमर का जन्म २१ जुलाई, १९३० को मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के वघपुरा गाँव में हुआ था। उनके परिवार की उस क्षेत्र में अत्यधिक प्रतिष्ठा थी। मेधावी छात्र होने के कारण सभी परीक्षाएं उच्च श्रेणी में उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने 1957 में एम.ए तथा बी.एड किया। उनकी अधिकांश शिक्षा आगरा में हुई।[3]
सन् 1945 में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सम्पर्क में आये। अब तक वे आगरा में एक इंटर कालिज में प्राध्यापक हो चुके थे। उस समय उ.प्र. के प्रांत प्रचारक भाऊराव देवरस थे। लज्जाराम जी इंटर कालिज में और उच्च पद पर पहुंच सकते थे किन्तु भाउराव के आग्रह पर वे सरकारी नौकरी छोड़कर सरस्वती शिशु मंदिर योजना में आ गये। उन्होंने अनेक नये प्रयोग किये, जिसकी ओर विद्या भारती के साथ ही अन्य सरकारी व निजी विद्यालयों के प्राचार्य तथा प्रबंधक भी आकृष्ट हुए। आपातकाल के विरोध में उन्होंने जेल यात्रा भी की।
इन्हीं दिनों उनके एकमात्र पुत्र के देहान्त से उनका मन विचलित हो गया। वे छात्र जीवन से ही योग, प्राणायाम, ध्यान और साधना करते थे। अतः इस मानसिक उथल-पुथल में वे संन्यास लेने पर विचार करने लगे। पर भाउराव देवरस के आग्रह पर लज्जाराम जी ने संन्यास के बदले अपना शेष जीवन शिक्षा विस्तार के लिए समर्पित कर दिया।
उस समय तक पूरे भारत में सरस्वती शिशु मंदिर के नाम से हजारों विद्यालय खुल चुके थे; पर उनका कोई राष्ट्रीय संजाल नहीं था। 1979 में सब विद्यालयों को एक सूत्र में पिरोने के लिए ‘विद्या भारती’ का गठन किया गया और लज्जाराम जी को उसका राष्ट्रीय संगठन मंत्री बनाया गया।
विद्या भारती की प्रगति को देखकर विदेश के लोग भी इस ओर आकृष्ट हुए। अतः उन्हें अनेक अंतरराष्ट्रीय गोष्ठियों में आमन्त्रित किया गया। उन्होंने भारतीय चिन्तन के आधार पर अनेक पुस्तकें भी लिखीं, जिनमें भारतीय शिक्षा के मूल तत्व, प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति, विद्या भारती की चिन्तन दिशा, नैतिक शिक्षा के मनोवैज्ञानिक आधार आदि प्रमुख हैं।
उनके कार्यों से प्रभावित होकर उन्हें कई संस्थाओं ने सम्मानित किया। कुरुक्षेत्र के गीता विद्यालय परिसर में उन्होंने संस्कृति संग्रहालय की स्थापना कराई; पर इसी बीच वे कैंसर से पीड़ित हो गये। समुचित चिकित्सा के बाद भी उनके स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ। 17 नवम्बर, 2004 को विद्या भारती के निराला नगर, लखनऊ स्थित परिसर में उनका देहान्त हुआ। उनकी अंतिम इच्छानुसार उनका दाह संस्कार उनके पैतृक गांव में ही किया गया।
Seamless Wikipedia browsing. On steroids.
Every time you click a link to Wikipedia, Wiktionary or Wikiquote in your browser's search results, it will show the modern Wikiwand interface.
Wikiwand extension is a five stars, simple, with minimum permission required to keep your browsing private, safe and transparent.