रुद्रदामन
रुद्रदामन / From Wikipedia, the free encyclopedia
रुद्रदामन् (शासनकाल 130–150) भारत के पश्चिमी क्षत्रप वंश का एक शक राजा था।
चष्टन के बाद उसका पौत्र कार्दमक वंशी रुद्रदामन गद्दी पर बैठा । यह इस वंश का सर्वाधिक योग्य शासक था । इसका शासन काल 130 से 150 ई० माना जाता है । रुद्रदामन के विषय में विस्तृत जानकारी उसके जूनागढ़ ( गिरनार ) से शक संवत् 72 ( 150 ई० ) के अभिलेख से मिलती है । रुद्रदामन के जूनागढ़ अभिलेख से उसके साम्राज्य के पूर्वी एवं पश्चिमी मालवा , द्वारका के आस-पास के क्षेत्र , सौराष्ट्र , कच्छ , सिंधु नदी का मुहाना , उत्तरी कोंकण आदि तक विस्तृत होने का उल्लेख मिलता है। इसी अभिलेख में रुद्रदामन द्वारा सातवाहन नरेश दक्षिणपथस्वामी शातकर्णी को दो बार पराजित करने का विवरण मिलता है । जूनागढ़ अभिलेख ' ही उसे ' प्रष्ट - राज - प्रतिष्ठापक ' कहा गया है । इसने चन्द्रगुप्त मौर्य के मंत्री द्वारा बनवायी गई सुदर्शन झील के पुननिर्माण में भारी धन व्यय करवाया था । रुद्रदामन कुशल राजनीतिज्ञ के अतिरिक्त प्रजापालक , संगीत एवं तर्कशास्त्र के क्षेत्र का विद्वान था । इसके समय में संस्कृत साहित्य का विकास हुआ ।
रुद्रदामन एक महान विजेता होने के साथ-साथ एक उच्च कोटि का विद्वान भी था। उसने सबसे पहले विशुद्ध संस्कृत भाषा में लम्बा अभिलेख ( जूनागढ़ अभिलेख ) जारी किया । उसके समय में उज्जैनी शिक्षा का प्रमुख केन्द्र था ।