यूनाइटेड किंगडम की सरकार, आधिकारिक तौर पर हिज़ मैजेस्टीज़ गवर्नमेंट यानी "उनकी महिमा की सरकार" अथवा "उनकी शाही शान की सरकार" या "महामहिम/महामहिमा की सरकार", वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की यूनाइटेड किंगडम की केंद्रीय सरकार है।[1][2]

सामान्य तथ्य यूनाइटेड किंगडम की सरकारउनकी महिमा की सरकार, संक्षिप्त विवरण ...
यूनाइटेड किंगडम की सरकार
उनकी महिमा की सरकार
अंग्रेज़ी: Her Majesty's Governmentवेल्श: Llywodraeth Ei Mawrhydiआयरिश: Rialtas na Ríochta Aontaitheस्कॉट्स: Govrenment o the Unitit Kinrick
संक्षिप्त विवरण
राज्यवृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की यूनाइटेड किंगडम
मुख्य नेताप्रधानमंत्री
द्वारा नियुक्तशासक
मुख्य अंगकैबिनेट
उत्तरदायीहाउस ऑफ़ कॉमन्स
मुख्यालय१० डाउनिंग स्ट्रीट
लंदन
वेबसाइटhttps://www.gov.uk/
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ब्रिटिश सरकार का नेतृत्व प्रधानमंत्री करते हैं। प्रधानमंत्री की नियुक्ति ब्रिटेन के एकादिदारुक(नरेश) करते हैं, जिसके बाद प्रधानमंत्री अन्य मंत्रियों को नियुक्त करते हैं। प्रधानमंत्री और अन्य मंत्री सम्मिलित रूप से, सर्वोच्च निर्णय-निर्धारक और नीति-निरशरक निकाय को गठित करते हैं, जिसे मंत्रिमण्डल या कैबिनेट कहा जाता है। सरकार के सारे मंत्री संसद के सदस्य होते हैं, और अपने मंत्रालय की नातियों और कार्यों के विषय में, संसद के प्रति जवाबदेह होते हैं। प्राथमिक विधान पारित करने हेतु, सरकार, संसद पर निर्भर होती है,[3] और फिक्स्ड-टर्म्स पार्लियामेंट ऍक्ट, २०११ के पारित होने के बाद से प्रति पंचवर्षीया अवधि पर हाउस ऑफ़ कॉमन्स की नयी सभा को निर्वाचीत करने हेतु, चुनाव करवाये जाते हैं। प्राथमिक विधानों को संसदीय बहुमत द्वारा पारित किया जाता है। हालाँकि, हाउस ऑफ़ कॉमन्स में इस काल के बीच, एक सफल अविश्वास मत के पारित होने पर, चुनाव इस से पहले भी करवाया जा सकता है। हर चुनाव के बाद, शासक, बहुमत-प्राप्त दल के नेता को प्रधानमंत्री बनने हेतु आमंत्रित करते हैं।[4]

ब्रिटेन की इस शासन प्रणाली को अक्सर संसदीय प्रणाली या वेस्टमिंस्टर प्रणाली कहा जाता है। इस प्रणाली किसी संविधान या संसदीय विधान द्वारा एक ही दिन में स्थापित नहीं की गयी है, बल्कि सैकड़ों वर्षों की अवधि पर, क्रमशः विकसित हुई है। अतः, ब्रिटिश संसद को अक्साह "सांसदों की जननी" भी कहा जाता है।

ब्रिटेन के अलिखित, असंहिताबद्ध संविधान के अनुसार, धारणात्मक रूप से, सारे कार्यकारी अधिकार, अधिराट् के हाथों रखे गए हैं। हालांके, व्यवजारिक रूप से वर्त्तमान आजकल, अधिराट्, इन सारे संवैधानिक शक्तियों का अभ्यास प्रधानमंत्री व अन्य मंत्रियों की सलाह व परामर्श पर करते हैं।[5] मंत्रिमंडल के सदस्य, महारानी की सबसे सम्माननीय प्रिवी परिषद् के सदस्य होने के नाते महारानी को सलाह देते हैं। इसके अलावा, विभिन्न सरकारी विभागों के प्रमुख होने के नाते कई कार्यकारी शक्तियों का अभ्यास स्वयं भी करने हेतु सक्षम हैं, जबकि अन्य कार्य जिनको करने का अधिकार शासक के हाथों में है, उन्हें, मंत्रियों की सलाह द्वारा शासक के परमाधिकार द्वारा किया जाता है।

ब्रिटेन एक एकात्मक राज्य है, और उनकी शाही शान की सरकार, पूरे देश के प्रशासन के लिए ज़िम्मेदार है। हालाँकि, वेल्स, उत्तरी आयरलैंड और स्कॉटलैंड में भी अवक्रमित सरकारें हैं, जो संबंधित स्थानीय सांसदों के प्रति जवाबदेह हैं, परंतु इसे किसी भी मायने में किसी संघीय, महासंघिया या प्रसंघिया ढाँचे से जोड़ कर नहीं देखना चाहिए, क्योंकि इन सरकारों को संबंधित क्षेत्रों के सन्दर्भ में प्रशासन के केवल सीमित अधिकार प्राप्त हैं, तथा इनके द्वारा पारित विधानों को उनकी महिमा की सरकार किसी भी समय पलट सकती है।

ब्रिटेन के वर्त्तमान प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन हैं, जिन्होंने 23 जुलाई 2019 को कार्यभार संभाला था। वो कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता हैं, जिसने थेरेसा मे के स्थान पर पदभार संभाला है. थेरेसा ने कैमरून के पद से इस्तीफा देने पर प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभाला था। इससे पहले २०१० से २०१५ तक कंज़र्वेटिव पार्टी और लिबरल-डेमोक्रैट पार्टी की गठबंधन सरकार, डेविड कैमरून के नेतृत्व में, सत्ता पर थी।अब 12 दिसम्बर 2019 को हुए चुनाव में बोरिस जॉनसन प्रचंड बहुमत से पुनः अपनी सरकार को बनाने में सफलता प्राप्त की है।

सरकार और राजमुकुट

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ब्रिटिश राजतंत्र

ब्रिटिश एकादिदारुक, वर्तमान में राजा चार्ल्स तृतीय , यूनाइटेड किंगडम की राष्ट्रप्रमुख और संप्रभु हैं, लेकिन वो शासनप्रमुख नहीं हैं। ब्रिटिश संप्रभु देश पर शासन करने में प्रत्यक्ष रूपसे बहुत कम हिस्सा लेता है, एवं राजनीतिक मामलों में तटस्थ रहते हैं। हालांकि, शासन का अधिकार जो संप्रभु में निहित है, उसके विधिक रूप को ब्रिटिश विधिशास्त्र में राजमुकुट के रूप में जाना जाता है। राजमुकुट सरकार द्वारा प्रयोग की जाने वाली कार्यकारी शक्ति और शासनाधिकार का स्रोत माना जाता है।

ब्रिटिश विधिशास्त्र में राजमुकुट को प्रशासन के समस्त अंगों तथा हर आयाम में राज्य तथा शासन के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, तथा ब्रिटिश संप्रभु को राजमुकुट के साक्षात अवतार के रूप में देखा जाता है। [6] अतः विधिक रूप से "राजमुकुट" को एक एकव्यक्ती संस्थान है, जो ब्रिटेन में विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के संपूर्ण समुच्च न्यायिक अवतार है तथा शासन, विधि और न्याय से सम्बंधित सभी अधिकारों का स्रोत है। परम्परानुसार, संप्रभु और राजमुकुट को शासन विधान और न्याय करने के सारे अधिकार ईश्वर से मिलते हैं। राजमुकुट, ब्रिटेन की राजनीतिकव्यवस्था का सबसे पुराना कार्यशील संस्थान है।[7]

स्पष्ट वैधानिक प्राधिकरण के अलावा, कई क्षेत्रों में राजमुकुट के पास राज परमाधिकार के रूप में जानी जाने वाली शक्तियों का एक निकाय भी है, जिसका उपयोग कई उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, पासपोर्ट जारी करने या वापस लेने से लेकर युद्ध की घोषणा तक। लंबे समय से चली आ रही प्रथा के अनुसार, इनमें से अधिकांश शक्तियां संप्रभु से हरतान्तरित कर, उनके विभिन्न मंत्रियों या राजमुकुट के अन्य अधिकारियों को सौंपी दी गयी हैं। शाही परमाधिकार का उपयोग करने हेतु, संप्रभु या मुकुट के अधिकारी संसद की सहमति प्राप्त करने के लिए बाध्य नहीं हैं।

सरकार के प्रधानमंत्री, महारानी के साथ भी साप्ताहिक बैठकें करते हैं, जिसमें महारानी "सरकारी मामलों पर अपने विचार व्यक्त करने के अधिकार और कर्तव्य का उपयोग कर... अपने विचारों को व्यक्त करती हैं, बहरहाल, महारानी हमेशा अपने मंत्रियों की सलाह का पालन करती है।" संप्रभु और प्रधानमंत्री के बीच इस ये बैठकें, महारानी और उनकी सरकार के बीच की सभी संचारों के अनुरूप ही, दृढ़तापूर्वक गोपनीय होती हैं।[8]

सरकार और संसद

ब्रिटिश सर्कार अपने सारे कार्यों के प्रति संसद में जवाबदेह होती है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री एवं सरकार के सारे मंत्री संसद के सदस्य होते हैं, और अपने मंत्रालय की नातियों और कार्यों के विषय में, संसद के प्रति जवाबदेह होते हैं। ब्रिटिश सरकार का नेतृत्व प्रधानमंत्री करते हैं। प्रधानमंत्री की नियुक्ति ब्रिटेन के संप्रभु करते हैं, जिसके बाद प्रधानमंत्री अन्य मंत्रियों को नियुक्त करते हैं। प्रधानमंत्री और अन्य मंत्री सम्मिलित रूप से, सर्वोच्च निर्णय-निर्धारक और नीति-निरशरक निकाय को गठित करते हैं, जिसे मंत्रिमण्डल या कैबिनेट कहा जाता है। प्राथमिक विधान पारित करने हेतु, सरकार, संसद पर निर्भर होती है,[9] और फिक्स्ड-टर्म्स पार्लियामेंट ऍक्ट, २०११ के पारित होने के बाद से प्रति पंचवर्षीया अवधि पर हाउस ऑफ़ कॉमन्स की नयी सभा को निर्वाचीत करने हेतु, चुनाव करवाये जाते हैं। प्राथमिक विधानों को संसदीय बहुमत द्वारा पारित किया जाता है। हालाँकि, हाउस ऑफ़ कॉमन्स में इस काल के बीच, एक सफल अविश्वास मत के पारित होने पर, चुनाव इस से पहले भी करवाया जा सकता है। हर चुनाव के बाद, शासक, बहुमत-प्राप्त दल के नेता को प्रधानमंत्री बनने हेतु आमंत्रित करते हैं।[4]

प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल

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ब्रिटिश प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास और कार्यालय, १० डाउनिंग स्ट्रीट का मुख दरवाज़ा

ब्रिटिश प्रधानमंत्री वहाँ की राजनीति तथा शासन का केन्द्र बिन्दु होता है। ब्रिटेन में प्रधानमंत्री की स्थित सबसे महत्वपूर्ण है। यह देश की वास्तविक मुख्य कार्यपालिका प्रशासन का प्रमुख और ब्रिटेन में लोकतंत्र का मुख्य प्रहरी होता है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री की शक्तियां तुलनात्मक रूपसे अमेरिकी राष्ट्रपति जर्मन चान्सलर तथा अमेरिकी कांग्रेस की समितियों के अध्यक्षों से भी अधिक होती है। प्रधानमंत्री की नियुक्ति ब्रिटेन के संप्रभु करते हैं, जिसके बाद प्रधानमंत्री अन्य मंत्रियों को नियुक्त करते हैं। प्रधानमंत्री और अन्य मंत्री सम्मिलित रूप से सरकार के कार्यों को देखते हैं। सारे मंत्री संसद के सदस्य होते हैं, और अपने मंत्रालय की नातियों और कार्यों के विषय में, संसद के प्रति जवाबदेह होते हैं।

प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास लंदन के वेस्टमिंस्टर शहर में 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर स्थित है। ब्रिटिश कैबिनेट की बैठकें भी यहां होती हैं। जबकि अधिकांश सरकारी विभागों का मुख्यालय लन्दन के वाइटहॉल इलाके में है।

सरकार के विभाग

२०१९ की स्थितिनुसार, सर्कार में लगभग १२० हैं जो २५ मंत्रालय के विभागों को सँभालते है, और वे उनकी कार्यकारी एजेंसियों में कार्यरत ५६०,००० सिविल सेवकों और अन्य कर्मचारियों द्वारा समर्थित हैं। अतिरिक्त 20 गैर-मंत्रालयी विभाग भी हैं, जिनमें अन्य ज़िम्मेदारियाँ हैं।[10][11][12]

सिद्धांत रूप में किसी भी सरकारी मंत्री को संसद के किसी भी सदन का सदस्य होना आवश्यक नहीं है। व्यवहार में, हालांकि, परंपरा यह है कि मंत्रियों को संसद के प्रति जवाबदेह होने के लिए हाउस ऑफ कॉमन्स या हाउस ऑफ लॉर्ड्स का सदस्य होना चाहिए। समय-समय पर प्रधानमंत्री गैर-सांसदों को भी मंत्री नियुक्त करते हैं। हाल के वर्षों में ऐसे मंत्रियों को हाउस ऑफ लॉर्ड्स में नियुक्त किया गया है।[13]

अवक्रमित सरकारें

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बेलफ़ास्ट, स्टोरमॉन्ट में उत्तरी आयरलैंड का संसद भवन

यूनाइटेड किंगडम में विधायी और कार्यकारी शक्तियों का अवक्रमण, हमें लंदन-आधारित ब्रिटिश संसद और ब्रिटिश सरकार के अलावा स्थापित अन्य विधायी "सांसदों" और उनको जवाबदेह कार्यकारिणी के रूप में दीखता है, जिनपर अपने नियत क्षेत्र के सम्बन्ध में कुछ विधान पारित करने और प्रशासन के कुछ कार्यों की ज़िम्मेदारी लेने का विशेषाधिकार ब्रिटिश संसद द्वारा प्रदान किया गया है। हालाँकि, यूनाइटेड किंगडम में सर्वोच्च विधानाधिकार, लंदन-स्थित ब्रिटिश संसद को है, परंतु यूनाइटेड किंगडम के विभिन्न संघटक देशों:स्कॉटलैंड, उत्तरी आयरलैंड, वेल्स तथा वृहद लंदन के लिए भी अनुक्रमित संसदों को स्थापित किया गया है, जिन्हें, संबंधित उपराष्ट्रीय इकाइयों के संदर्भ में सीमित विधानाधिकार प्रदान किया गया है, परंतु इस कारणवश संघीय या महासंघिया ढाँचे के विधानसभाओं के रूप में नहीं देखना चाहिए, ये केवल अनुक्रमित संसद हैं, और इनके द्वारा पारित किसी भी विधान को राष्ट्रीय संसद स्व-इच्छानुसार, कभी भी, पलट सकती है। इन सांसदों से जुडी अनुक्रमित कार्यपालिकाएँ भी हैं, जो इन सांसदों की कार्यकारी शाखा है।

प्रत्येक अवक्रमित शासनों के स्वयं के सरकारें या कार्यपालिकाएं हैं, जो "प्रथम मंत्री" और मंत्रिमंडल समेत एक न्यागत विधायिका के नेतृत्व में कार्य करते हैं। इन सांसदों और सरकारों के पास अपने क्षेत्र से जुड़े मामलो पर कुछ विधायी अधिकार है। इनमें निम्न अवक्रमित सरकारें शामिल हैं:

स्कॉटलैंड की सरकार और संसद को स्कॉटलैंड से जुड़े ऐसे किसी भी मामले में व्यापक अधिकार हैं जो की विशिष्ट रूप से ब्रिटिश संसद के लिए 'आरक्षित' नहीं है: अतः शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, सकॉटियाई विधि और स्थानीय प्रशासन शामिल हैं।[14] 2007 के चुनावों में अपनी जीत के बाद, स्कॉटिश इंडिपेंडेंस पार्टी और स्कॉटिश नेशनल पार्टी ने अल्पमत सरकार का गठन किया जिसके नेता थे, एलेक्स सैलमोंड, जो स्कॉट्लैंड के प्रथम मंत्री बने। [15] वेल्श विधायी सरकार और राष्ट्रिय सभा को स्कॉटलैंड की संसद के मुक़ाबले सीमित अधिकारें हैं,[16] हलाँकि वेल्स सरकार अधिनियम, 2006 के पारित होने के बाद, विधानसभा विधान योग्यता आदेश द्वारा अब कुछ मामलों में कार्य कर सकती है।[17] उत्तरी आयरलैंड सरकार और सभा के पास स्कॉटलैंड में न्यागत जितनी शक्तियाँ है, अतः वह उत्तर आयरलैंड से जुड़े ऐसे किसी भी मामले में विधान पारित कर सकती है, जो ब्रिटिश संसद की आरक्षित सूचि में नहीं आते।[18]

स्थानीय सरकारें

यूनाइटेड किंगडम के सभी हिस्सों में निर्वाचित स्थानीय प्रशासन (जैसे काउंटी, जिला और पैरिश काउंसिल) की तीन परतें मौजूद हैं, कुछ स्थानों पर एकात्मक प्राधिकरणों में विलय कर दिया गया है। उनके पास स्थानीय कर बढ़ाने वाली शक्तियां सीमित हैं। कई अन्य प्राधिकरणों और एजेंसियों के पास भी वैधानिक शक्तियां हैं, जो आम तौर पर कुछ ऐसे संसथान केंद्र सरकार के पर्यवेक्षण के अधीन होती हैं।

सरकारी शक्तियों की सीमाएँ

सरकार की शक्तियों में सामान्य कार्यकारी और वैधानिक शक्तियाँ, प्रत्यायोजित विधान और नियुक्ति और संरक्षण की कई शक्तियाँ शामिल हैं। हालाँकि, कुछ शक्तिशाली अधिकारी और निकाय, (जैसे एचएम न्यायाधीश, स्थानीय अधिकारी और दान आयोग) सरकार के कानूनी रूप से कम या ज्यादा स्वतंत्र हैं, और सरकारी शक्तियां कानूनी रूप से उन मुकदमों तक सीमित हैं जिन्हें आम कानून के तहत रखा गया है या सीमित और सीमित है संसद के कार्य के द्वारा, और यूरोपीय संघ के कानून और दक्षताओं के अधीन हैं जो इसे परिभाषित करता है। न्यायिक समीक्षा द्वारा अदालतों में ठोस और प्रक्रियात्मक सीमाएं लागू करने योग्य हैं। फिर भी, मजिस्ट्रेट और महापौर को अभी भी भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया जा सकता है, और सरकार को अपने काम की देखरेख के लिए एक स्थानीय प्राधिकरण में आयुक्तों को सम्मिलित करने और स्थानीय प्राधिकारी द्वारा पालन किए जाने वाले निर्देशों को जारी करने की शक्तियां हैं, यदि स्थानीय प्राधिकरण अपने वैधानिक दायित्वों का पालन नहीं कर रहा है।[19]

इसी तरह, आपराधिक मुकदमा से ब्रिटिश संप्रभु भी पूरी तरह से प्रतिरक्षा है और केवल उसकी अनुमति के साथ ही उनपर मुकदमा चलाया जा सकता है (इसे संप्रभु प्रतिरक्षा के रूप में जाना जाता है)। विधि द्वारा, संप्रभु को आयकर का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन रानी एलिजाबेथ द्वितीय ने वर्ष 1993 से स्वेच्छा से इसका भुगतान करती आ रही हैं, एवं वे स्थानीय दरों का भुगतान भी स्वेच्छा से करती हैं। हालांकि, महामहिम को सरकार द्वारा उहें संप्रभु राजभत्ता (सॉवरेन सपोर्ट ग्रांट) से भी पर्याप्त अनुदान मिलता है।

न तो केंद्र सरकार और न ही स्थानीय अधिकारियों को मानहानि के लिए किसी पर मुकदमा चलाने की अनुमति है। व्यक्तिगत राजनेताओं को व्यक्तिगत क्षमता में और सरकारी धन का उपयोग किए बिना मानहानि के लिए मुकदमा करने की अनुमति दी जाती है, लेकिन यह अपेक्षाकृत दुर्लभ है। हालांकि, चुनाव के दौरान किसी भी चुनाव उम्मीदवार के बारे में गलत बयान देना कानूनन अपराध है, क्योंकि उन्हें प्राप्त होने वाले वोटों की संख्या को कम करने के उद्देश्य से ऐसा किया जा सकता है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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