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मोहसिन रज़ा (जन्म 15 जनवरी 1968), एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वे योगी आदित्यनाथ की सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री, मुस्लिम वक्फ और हज मंत्री रह चुके है।
मोहसिन रज़ा | |
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पूर्व अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री, मुस्लिम वक्फ और हज उत्तर प्रदेश सरकार | |
पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 19 मार्च 2017 - 25 मार्च 2022 | |
पूर्वा धिकारी | आज़म खान (राजनीतिज्ञ) |
उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य | |
पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 11 सितंबर 2017 - 25 मार्च 2022 | |
जन्म | 15 जनवरी 1968 उन्नाव, उत्तर प्रदेश, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
उन्होंने रणजी ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। उनका मॉडलिंग और अभिनय में भी करियर था और 1995 में उन्हें प्रिंस लखनऊ के रूप में भी ताज पहनाया गया था। 2013 में, वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। उत्तर प्रदेश के 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के बाद, उन्हें राज्य मंत्री बनाया गया।
रज़ा का जन्म १५ जनवरी १९६८ को उन्नाव(उत्तर प्रदेश राज्य का शहर) में हुआ।[1] वह जमींदारों (भूस्वामियों) के परिवार से आते है, जो सूफी सफीपुर शहर तक अपनी जड़ें जमाते है।[2] वह स्वर्गीय सैयद जीना रजा नकवी के बेटे हैं। पिता जीना को बड़ी दृढ़ता के व्यक्ति के रूप में जाना जाता था।[3] रज़ा एक शिया मुस्लिम है।
अटल बिहारी वाजपेयी से प्रेरित होकर उन्होंने अपना पॉलिटिकल करियर शुरू किया।[4] 2014 के भारतीय आम चुनाव से पहले, रज़ा भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और 2015 में पार्टी के प्रवक्ता बनाए गए।[5] उन्हें राज्य मंत्री बनाया गया और अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री, मुस्लिम वक्फ और हज के विभागों को दिया गया और योगी आदित्यनाथ के मंत्रालय में एकमात्र मुस्लिम मंत्री बनाए गए।[6]
रज़ा हज सब्सिडी पर कहते हैं कि यह गरीब मुसलमानो के लिए है न कि संपन्न मुसलमानों के लिए, उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता होगी कि जरूरतमन्द मुसलमानों को हज सब्सिडी मिले।[7]
रज़ा मानतें हैं कि भारतीय जनता पार्टी इस्लाम विरोधी पार्टी नहीं है। उनके अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने मुस्लिम समुदाय को यह महसूस कराया है कि भारतीय जनता पार्टी मुसलमानों के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी ने वोटबैंक की राजनीति में खुद को शामिल नहीं किया।[8]
ट्रिपल तालाक मुस्लिमों के बीच एकतरफा तलाक की एक विवादास्पद पद्धति है जहां पति अपनी पत्नी को तीन बार "तालाक" शब्द की घोषणा करके तलाक देता है। रज़ा को लगता है कि यह प्रथा भारत के संविधान के खिलाफ है और इस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि तलाक के लिए एक नए कानून का मसौदा तैयार किया जाना चाहिए और यह प्रथा महिला को परेशान करती है। ट्रिपल तालक का समर्थन करने के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर प्रतिबंध लगाने की भी उनकी राय है।[9]
मोहसिन रज़ा ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर ट्रिपल तालक का समर्थन करने के लिए प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया और इसे एक असंवैधानिक संस्था के रूप में वर्णित किया। उन्होने कहा "इस संगठन को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड नहीं बल्कि एक मौलवी पर्सनल लॉ बोर्ड कहा जाना चाहिए। इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्योंकि यह समाज के कल्याण के लिए काम नहीं करता है, लेकिन ट्रिपल तालक जैसी प्रथा का समर्थन करता है जो महिलाओं का शोषण है।"[10]
उत्तर प्रदेश के मंत्री रज़ा ने देश भर के मदरसों (इस्लामिक स्कूलों) में छात्रों के लिए एक "नया ड्रेस कोड" शुरू करने का समर्थन किया और कहा कि वह इस मुद्दे को केंद्र सरकार के साथ उठाएंगे। उत्तर प्रदेश में सरकार मदरसों को मुख्यधारा में लाना चाहती है। और केवल यूपी में ही क्यों, मुझे लगता है कि देश भर के इन सभी धार्मिक संस्थानों को मुख्य धारा में लाया जाना चाहिए। रजा ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने का इरादा रखते हैं।[11]
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