मैदानी हॉकी
मैदानी हॉकी अथवा फ़ील्ड हॉकी अथावा सामान्यतः हॉकी, हॉकी परिवार का टीम का खेल है। खेल का उद्भव मध् / From Wikipedia, the free encyclopedia
मैदानी हॉकी अथवा फ़ील्ड हॉकी (Field hockey) अथावा सामान्यतः हॉकी, हॉकी परिवार का टीम का खेल है। खेल का उद्भव मध्यकाल में स्कॉटलैण्ड, नीदरलैण्ड और इंग्लैण्ड में माना जाता है।[1] यह खेल घास के मैदान अथवा कृत्रिम घास के मैदान पर खेला जा सकता है। प्रत्येक टीम में गोलकीपर सहित ग्याहरह खिलाड़ी होते हैं। खिलाड़ी गोल और दृढ़ जैसी रबर की गेंद पर प्रहार करने के लिए लकड़ी अथवा फायबर काँच की बनी यष्टिक (स्टिक) का प्रयोग करते हैं। यष्टिक की लम्बाई खिलाड़ी की व्यक्तिगत लम्बाई पर निर्भर करती है।[2] मैदानी हॉकी में बायें हाथ की कोई यष्टिक नहीं होती और यष्टिक के एक ओर से ही मारा जा सकता है। इसकी पोशाक में शिन-गार्ड्स (घुटने के नीचे सामने की ओर बाँधी जाने वाली गद्दी), क्लीट, स्कर्ट या नीकर और जर्सी शामिल हैं। २१वीं सदी तक आते-आते यह वैश्विक रूप से खेला जाने लगा। इसका प्रचलन मुख्य रूप से पश्चिमी यूरोप, भारतीय उपमहाद्वीप और ऑस्ट्रेलिया में हुआ। हॉकी पाकिस्तान का राष्ट्रीय खेल है और सामान्यतः भारत के भी राष्ट्रीय खेल के रूप में गिना जाता है यद्यपि आधिकारिक रूप से भारत का कोई राष्ट्रीय खेल नहीं है।[3] शब्द "फील्ड हॉकी" प्राथमिक रूप से कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका, पूर्वी यूरोप और विश्व के अन्य हिस्सो में लोकप्रिय हुआ जहाँ आइस हॉकी खेला जाता है।
मैदानी हॉकी का एक खेल | |
सर्वोच्च नियंत्रण निकाय | अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ |
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उपनाम | हॉकी, घास की हॉकी |
सबसे पहले खेला गया | 19वीं सदी, इंग्लैंड |
विशेषताएँ | |
अनुबंध | हाँ |
दल के सदस्य | 11 फील्ड खिलाड़ी |
वर्गीकरण | आउटडोर, इनडोर |
उपकरण | हॉकी बॉल, हॉकी स्टिक, माउथगार्ड, शिनगार्ड, आई गार्ड |
ओलंपिक | 1908, 1920, 1928–जारी |