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भारतीय उद्योगपति विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
मुकेश धीरूभाई अंबानी (जन्म 19 अप्रैल 1957 को यमन में) एक भारतीय व्यवसायी हैं और इंडिया टाइम्स के अनुसार 31 मार्च 2020 तक उनकी सम्पत्ति लगभग अरब डॉलर हैं। [6] वे रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक और कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारक हैं। यह भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी तथा फोर्च्यून ५०० कंपनी है।[7] रिलायंस इंडस्ट्रीज में उनकी व्यक्तिगत हिस्सेदारी 87.56 % है | मुकेश अंबानी अभी भी मार्च, 2022 तक एशिया के दूसरे सबसे अमीर और दुनिया के 10 वें सबसे अमीर व्यक्ति बने हुए हैं |[8] उनकी संपत्ति का मूल्य (फोर्ब्स के अनुसार) 907 अरब अमेरिकी डॉलर है, जिससे वे भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं।[6]तथा उनकी कंपनी रिलायंस जियो भारत की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी है।
मुकेश अंबानी | |
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विश्व आर्थिक मंच 2007 के दौरान अंबानी | |
जन्म |
मुकेश धीरुभाई अंबानी 19 अप्रैल 1957 अदेन (अब यमन[1][2] |
आवास | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शिक्षा की जगह |
रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान वन विद्यालय (वलथमस्टोव) स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय (बंद)[3] |
पेशा | रिलायंस के अध्यक्ष |
कुल दौलत | $4,800 करोड़ अमेरिकी डॉलर(31 march 2020)[4] |
जीवनसाथी | नीता दलाल अंबानी (शा॰ 1985) |
बच्चे |
आकाश अंबानी अनंत अंबानी ईशा अंबानी पीरामल[5] |
माता-पिता |
कोकिलाबेन पटेल अंबानी धीरुभाई अंबानी |
संबंधी |
अनिल अंबानी (भाई) दीप्ति अंबानी सालगांवकर (बहन) नीना अंबानी कोठारी (बहन) |
वेबसाइट मुकेश अंबानी |
वर्तमान में भारी मंदी कारण उनकी संपत्ति कुछ ही समय 109.16 बिलियन USD में रह गयी है [9]
मुकेश और उनके छोटे भाई अनिल रिलायंस इंडस्ट्रीज के संस्थापक स्वर्गीय धीरू भाई अम्बानी के पुत्र हैं। मुकेश इंडियन प्रीमियर लीग की टीम मुंबई इंडियंस के स्वामी भी हैं।
मुकेश धीरूभाई अंबानी का जन्म 19 अप्रैल 1957 को ब्रिटिश क्राउन कॉलोनी अदन (वर्तमान यमन) में एक गुजराती हिंदू परिवार में धीरूभाई अंबानी और कोकिलाबेन अंबानी के घर हुआ था। उनका एक छोटा भाई अनिल अंबानी और दो बहनें नीना भद्रश्याम कोठारी और दीप्ति दत्तराज सालगांवकर हैं।
अंबानी यमन में केवल कुछ समय के लिए रहे क्योंकि उनके पिता ने 1958[10] में मसालों और वस्त्रों पर केंद्रित एक व्यापारिक व्यवसाय शुरू करने के लिए भारत वापस आने का फैसला किया। बाद वाले को मूल रूप से "विमल" नाम दिया गया था लेकिन बाद में इसे "केवल विमल" में बदल दिया गया।[11][12] उनका परिवार 1970 के दशक तक भुलेश्वर, मुंबई में एक साधारण दो-बेडरूम वाले अपार्टमेंट में रहता था।[13] जब वे भारत आए तो परिवार की वित्तीय स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ लेकिन अंबानी अभी भी एक सांप्रदायिक समाज में रहते थे, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करते थे और उन्हें कभी भत्ता नहीं मिला।[14] धीरूभाई ने बाद में कोलाबा में 'सी विंड' नामक एक 14 मंजिल का अपार्टमेंट ब्लॉक खरीदा, जहां हाल तक, अंबानी और उनके भाई अपने परिवारों के साथ अलग-अलग मंजिलों पर रहते थे।[15]
अंबानी ने अपने भाई और आनंद जैन के साथ मुंबई के पेडर रोड स्थित हिल ग्रेंज हाई स्कूल में पढ़ाई की, जो बाद में उनका करीबी सहयोगी बन गया। [16] उन्होंने इंस्टिट्यूट ऑफ़ केमिकल टेक्नोलॉजी से केमिकल इंजीनियरिंग में बीई की डिग्री प्राप्त की | [17] बाद में अंबानी ने स्टैनफोर्ड_विश्वविद्यालय में एमबीए के लिए दाखिला लिया | 1980 में अपने पिता को रिलायंस में मदद करने के लिए उन्होंने डिग्री बीच में ही छोड़ दी | जो उस समय एक छोटा लेकिन तेजी से बढ़ता हुआ उद्यम था [18]| [19] "धीरूभाई का मानना था कि वास्तविक जीवन कौशल का अनुभव अनुभवों के माध्यम से किया जाता है न कि किसी कक्षा में बैठने से |" इसलिए उन्होंने उसे(मुकेश अंबानी) अपनी कंपनी में एक धागा निर्माण परियोजना की कमान लेने के लिए स्टैनफोर्ड से भारत वापस बुलाया | [20]
सन 1981 में उन्होंने अपने पिता की उद्योग चलाने में सहायता करनी शुरू की तथा रिलायंस में काम संभाला और रिलायंस के पुराने खोज परिणाम वस्त्र उद्योग को पॉलिएस्टर फाइबर और फिर पेट्रोकेमिकल में आगे बढाया[21] | इस प्रक्रिया में उन्होंने ६० नयी, विश्व स्तर की, विभिन्न तकनीकों से युक्त निर्माण सुविधाओं की रचना को निर्देशित किया, इस से रिलायंस की जो उत्पादन क्षमता १० लाख टन प्रति वर्ष भी नहीं थी वह १ करोड़ २० लाख टन प्रतिवर्ष हो गयी।
उन्होंने ने जामनगर (Jamnagar) (गुजरात, भारत) में बुनियादी स्तर की विश्व की सबसे बड़ी पेट्रोलियम रिफायनरी की स्थापना की। वर्तमान में इसकी क्षमता ६६०,००० बैरल प्रति दिन है यानी ३ करोड़ ३० लाख टन प्रति वर्ष. १००००० करोड़ (crore) रुपयों (लगभग २६ बिलियन अमरीकी डॉलर) के निवेश से बनी इस रिफायनरी में पेट्रोकेमिकल, पावर जेनरेशन, पोर्ट तथा सम्बंधित आधारभूत ढांचा है।
2002 में धीरूभाई का निधन हुआ तो मुकेश और उनके छोटे भाई अनिल अंबानी के बीच कारोबार का बंटवारा होना लगभग तय हो गया. साल 2005 में कारोबार के बंटवारे के बाद मुकेश को विरासत में रिलायंस इंडस्ट्रीज का नाम मिला[22] |
मुकेश अम्बानी ने भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनियों में से एक रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड को स्थापित किया। हालांकि, दोनों भाइयों में अलगाव होने के बाद रिलायंस इंफोकॉम अनिल धीरूभाई अंबानी समूह में चली गयी। अंबानी के नेतृत्व में, रिलायंस ने अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी रिलायंस रीटेल के अंतर्गत खुदरा बाज़ार में प्रवेश किया। दूरसंचार उद्योगों में उत्पादों और सेवाओं को भी शामिल किया । 5 सितंबर 2016 को सार्वजनिक रूप से लॉन्च होने के बाद से रिलायंस की जियो ने देश की दूरसंचार सेवाओं में शीर्ष पांच में जगह बनाई है |
इनकी अगुआई में रिलायंस रीटेल ने डीलाईट स्टोर की नयी चेन भी लॉन्च की है। और नोवा केमिकल्स के साथ रिलायंस रीटेल को ऊर्जा सक्षम बनने हेतु इस आशय का अनुबंध भी किया है।
अम्बानी इंडियन प्रीमियर लीग की टीम मुंबई इंडियंस के मालिक हैं, जो 2013 में फाईनल में पहुँच पायी| इन्होने मुंबई में धीरू भाई अम्बानी इन्टरनेशनल स्कूल की स्थापना भी की है।
मुकेश अंबानी भारत के सबसे प्रखर उद्योगपति स्वर्गीय धीरूभाई अंबानी के पुत्र हैं। धीरूभाई अंबानी एक भारतीय उद्यमी एवं रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के संस्थापक थे।
इनके भाई अनिल अंबानी रिलायंस (अनिल "धीरूभाई अम्बानी" समूह) के प्रमुख हैं। यह समूह दूरसंचार, बिजली, प्राकृतिक संसाधनों, बुनियादी सुविधाओं और वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में काम करता है। पिता की मृत्यु के बाद दोनों भाईयों में अति प्रचारित कहा-सुनी हुयी, जिसके बाद रिलायंस समूह दो भागों में विभाजित हो गया[23]।
मुकेश अम्बानी की पत्नी नीता अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज के सामाजिक एवं धर्मार्थ कार्यो को देखती हैं। उनके तीन बच्चे हैं: आकाश, ईशा और अनंत|
इनका परिवार गुजरात के (मोध बनिया) समुदाय से ताल्लुक रखता है। उनकी माता का नाम कोकिला बेन अम्बानी है |
स्फ्ग्र्य्ह्ह्य्व्४ग मैन्ह्न्
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