मार्शल आर्ट
युध्दकला / From Wikipedia, the free encyclopedia
मार्शल आर्ट या युद्ध कलाएँ विधिबद्ध अभ्यास की प्रणाली और बचाव के लिए प्रशिक्षण की परंपराएं हैं। सभी मार्शल आर्ट्स का एक समान उद्देश्य है : ख़ुद की या दूसरों की किसी शारीरिक ख़तरे से रक्षा । मार्शल आर्ट को विज्ञान और कला दोनों माना जाता है। इनमें से कई कलाओं का प्रतिस्पर्धात्मक अभ्यास भी किया जाता है, ज़्यादातर लड़ाई के खेल में, लेकिन ये नृत्य का रूप भी ले सकती हैं।
मार्शल आर्ट्स का मतलब युद्ध की कला से है और ये लड़ाई की कला से जुड़ा पंद्रहवीं शताब्दी का यूरोपीय शब्द है जिसे आज एतिहासिक यूरोपीय मार्शल आर्ट्स के रूप में जाना जाता है। मार्शल आर्ट के एक कलाकार को मार्शल कलाकार के रूप में संदर्भित किया जाता है।
मूल रूप से 1920 के दशक में रचा गया ये शब्द मार्शल आर्ट्स मुख्य तौर पर एशिया के युद्ध के तरीके के संदर्भ में था, विशेष तौर पर पूर्वी एशिया में जन्मे लड़ाई के तरीके के. हालांकि इसकी उत्पत्ति की परवाह किये बगैर इस शब्द को किसी भी संहिताबद्ध युद्ध प्रणाली के लिए शाब्दिक अर्थ और उसके बाद के उपयोग में लिया जा सकता है।
यूरोप मार्शल आर्ट्स की कई व्यापक प्रणालियों का घर है, यूरोप की ऐतिहासिक मार्शल आर्ट्स की जीवंत परंपराएं (उदाहरणतया जोगो डु पाओ और दूसरी लकड़ी और तलवार से लड़ाई की कलाओं एवं सेवेट - एक फ्रांसिसी पाद प्रहार शैली जो नाविकों और सड़क सेनानियों द्वारा विकसित की गयी थी) और पुराने तरीके जो आज भी अस्तित्व में हैं, उनमें से कई का अब पुनर्निर्माण किया जा रहा है। अमेरिका में, अमेरिकी मूल निवासियों में खुले हाथों की मार्शल आर्ट्स जिसमें कुश्ती शामिल है और हवाई लोगों में ऐतिहासिक रूप से अभ्यास में लाई जा रही कलायें जिनमें छोटे और बड़े संयुक्त जोड़ तोड़ होते हैं, की प्रथा है। केपोएईरा के पहलवानी खेलों में मूल का मिश्रण पाया जाता है, जिसे अफ्रीकी गुलामों ने अपने अफ्रीकी कौशल से ब्राज़ील में विकसित किया।
प्रत्येक शैली के अद्वितीय पहलु उसे दूसरी मार्शल आर्ट्स से अलग बनाते हैं, लेकिन लड़ाई की तकनीकों का प्रबंधन एक ऐसा लक्षण है जो सभी शैलियों में पाया जाता है। प्रशिक्षण के तरीके भिन्न होते हैं और उनमें मुक्केबाज़ी का अभ्यास (कृत्रिम लड़ाई) या औपचारिक समूह या तकनीकों का व्यवहार हो सकता है, जिन्हे मुद्रा या काटा से जाना जाता हैं। विशेषतया एशिया और एशिया से आई मार्शल आर्ट्स में मुद्रा आमतौर पर पायी जाती है।[1]
युद्ध कलाएँयुद्ध की कूट एवं पारम्परिक पद्धतियाँ हैं जिन्हे विविध कारणों से व्यवहार में लाया जाता रहा है। इन्हें आत्मरक्षा, प्रतिस्पर्धा, शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक एवं आध्यात्मिक विकास आदि के लिये व्यवहार में लाया जाता है। विश्व में विभिन्न प्रकार की युद्ध कलाएँ हैं जैसे भारत में युद्धकला चीन में कुंग फू और जापान में कराते। पुराणों के मुताबिक मार्शल आर्ट के जनक भगवान परशुराम है|