मानववाद
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मानववाद या मनुष्यवाद दर्शनशास्त्र में उस विचारधारा को कहते हैं जो मनुष्यों के मूल्यों और उन से सम्बंधित मसलों पर ध्यान देती है। अक्सर मानववाद में धार्मिक दृष्टिकोणों और अलौकिक विचार-पद्धतियों को हीन समझा जाता है और तर्कशक्ति, न्यायिक सिद्धांतों और आचारनीति (ऍथ़िक्स) पर ज़ोर होता है।[1] मानववाद की एक "धार्मिक मानववाद" नाम की शाखा भी है, जो धार्मिक विचारों को मानववाद में जगह देने का प्रयत्न करती है।
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