मनोहरथाना
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मनोहरथाना (Manoharthana) भारत के राजस्थान राज्य के झालावाड़ ज़िले में स्थित एक नगर है। यह इसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है।[1][2] मनोहर थाना से करीबन 10 किलोमीटर दूर से खाता खेड़ी गांव है जहां से राजा मनोहर सिंह 500 वर्ष पुरानी एक गुफा तैयार किए थे जो खाता खेड़ी के किले से मनोहर थाना के किले तक जाती थी।
मनोहरथाना Manoharthana | |
---|---|
निर्देशांक: 24.236°N 76.806°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | राजस्थान |
ज़िला | झालावाड़ ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 11,292 |
भाषा | |
• प्रचलित | मेवाती, ब्रजभाषा, हिन्दी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
मनोहरथाना राजस्थान के दक्षिण पूर्व में स्थित झालावाड जिले का एक कस्बा है। यह राजस्थान-मध्यप्रदेश सीमा से कुछ ही दुरी पर स्थित है और कस्बे से मध्यप्रदेश सीमा करीब १२ किलोमीटर है। मनोहर थाना ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिती है, तहसील मनोहर थाना लगती है। यह ग्राम तीन और से नदियों से घिरा हुआ है। दो तरफ़ से इसे मध्य प्रदेश से आने वाली कालीखाड नदी घेरती है एवं एक और से परवन नदी। गांव के बाहर ही घोडापछाड परवन नदी में मिलती है, जिसे संगम स्थल कहा जाता है।
गांव के चारों तरफ़ परकोटा है जिसे प्राचीन काल में राजा मनोहर भील नामक राजा ने बनवाया था। राजस्थान के इस दुसरे जल किले मे आज भी राजाओं के समय के खण्डर हुए कक्ष, स्नानागार आदि देखे जा सकते हैं। प्राचीन नगर में कुल 4 प्रवेश द्वार (दरवाजे) बने हुवे है। जिन पर प्राचीन परंपरागत प्रथा के अनुसार हर दशहरे के दिन पटेल परिवार द्वार विजयी पूजा की जाती है। ईनमें सुरजपोल दरवाजा नगर का मुख्य प्रवेश द्वार होने के कारण राजाओं द्वारा नगर व नागरिकों की रक्षा हेतु हनुमान जी के मंदिर की भी स्थापना की गई थी। जो आज भी स्थित है। मान्यता है यहां आज भी प्रार्थना करने वालो की रक्षा स्वयं हनुमान जी करते है। यहां प्राचीन काली मााता का मंदिर भी किले मेे ही है। यहां पर रानी सती मंदिर दर्शनीय हैं जहां हर साल भाद्रपद कृष्णपक्ष की चतुर्दशी व अमावस्या को मेला लगता है। वहीं भील राजा चक्रसेन भील का इतिहास इस क्षेत्र को गोरवान्वित करता है। कुछ वर्ष पहले तक आसपास घने वन भी हुआ करते थे लेकिन अब सब काटे जा चुके हैं। यह कस्बा आस पास के करीब ५० गाँवों के लिये व्यापार का केन्द्र है। कृषि उपज मंडी भी है जहाँ किसान अपनी फसल बेचने आते हैं। मनोहरथाना से करीब 10किमी पर मोग्याबेह भीलान गांव है जहां मनोहरथाना के राजाओं की एक शाखा निवास करती है तथा उनका चबूतरा भी बना हुवा है जो आज भी मोग्याबेह भीलान के इतिहास को गोरवनवित करता है।
प्राचीन किला,राम टेक मन्दिर, नदी तट पर स्थित थानेश्वर महादेव धाम, कालीखाड बालाजी, थोडी ही दूरी पर स्थित टनटोकरी स्थित हनुमान मंदिर। इसके अलावा करीब २२ किलोमीटर दूर कामखेडा बालाजी का प्रसिद्ध मंदिर है जहाँ हर मंगलवार को मेला लगता है और दूर दूर से श्रृद्धालू आते है। यह अकलेरा-मनोहरथाना मार्ग पर स्थित है। करीब २० किलोमीटर दूर मध्यप्रदेश सीमा पर बाघबाघेश्वर धाम है जहाँ शिवजी का मंदिर है। मनोहरथाना से कुछ ही दुरी पर "दो खुपि" हे जहाँ पर (शिव मंदिर) स्थित हे।
राजस्थान से आने के लिये: जयपुर-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 12 (NH १२) पर जयपुर से लगभग ३७० किलोमीटर दूर अकलेरा से मनोहर थाना के लिये अलग रास्ता निकलता है। कोटा एवं झालावाड से नियमित बस सेवा उपलब्ध है।
मध्यप्रदेश की तरफ़ से : आगरा-मुम्बई राष्ट्रीय राजमार्ग 3 (NH 3) पर चाचौड़ा से रास्ता निकलता है। चाचौड़ा-बीनागंज से इन्दौर, भोपाल एवं गुना के लिए नियमित बसें उपलब्ध हैं। चाचौड़ा-बीनागंज से प्राइवेट जीप व टेक्सी का सहारा लेना होता है। चाचौड़ा में रेलवे लाइन भी है, स्टेशन का नाम चाॅचौड़ा-बीनागंज (Station code CBK) है।
ठहरने के ज्यादा विकल्प उपलब्ध नहीं हैं। सरकारी डाकबंगले के अलावा बस स्टेण्ड पर एक धर्मशाला और अंबेडकर चौराहे पर एक होटल है ।
कस्बा आसपास के कई गाँवों के लिये व्यापार का केन्द्र है। इलाके में मुख्य फ़सलें सोयाबीन, सरसों, धनिया, चना, मक्का, गेहूँ आदि होती हैं जो मनोहरथान कृषि उपज मंडी में बिकने आती हैं। प्रत्येक रविवार को हाट बाजार लगता है। साल में एक बार महाशिवरात्रि के अवसर पर मेला भी लगता है जो करीब एक महीना चलता है और विशेष आकर्षण का केन्द्र होता है।