मधुविद्या
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मधुविद्या का वर्णन बृहदारण्यक उपनिषद (२।५।१-१९) तथा छान्दोग्य उपनिषद (३।१-५) में आया है। इन्द्र ने दधीचि को मधुविद्या सिखायी और उन्हें यह विद्या किसी और को न बताने के लिए कहा था।
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