भगवत सिंह मेवाड़
1955 से 1971 तक भारत के उदयपुर के नाममात्र शासक / From Wikipedia, the free encyclopedia
भागवत सिंह मेवाड़ (20 जून 1921 - 3 नवंबर 1984) 1955 से भारतीय रियासत उदयपुर या मेवाड़ के नाममात्र शासक थे। वे मेवाड़ के अंतिम शासक थे। इन्होने वर्ष 1956 से 1984 तक मेवाड़ पर शासन किया था। सन् 1969 में वे सर्वसम्मति से विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष बने।
महाराणा भगवंत सिंह का जन्म 21 जून 1927 को उदयपुर के मेवाड़ राजघराने में हुआ। ये भूपाल सिंह के पुत्र थे। इन्हें इनके पिताजी द्वारा गोद लिया गया था। इनका विवाह बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह की पोती महारानी सुशीला कुमारी से किया गया था। ये महाराणा प्रताप के वंशज थे। इनके दो पुत्र और एक पुत्री थी जिनका नाम महाराणा महेंद्र सिंह, महाराज अरविन्द सिंह और रानी योगेश्वरी कुमारी है। 1971 में भारत सरकार ने सभी शाही खिताब या राजशाही व्यवस्था को खत्म कर दिया था. जिसके बाद सिर्फ सरकार का ही प्रशासन पूरे राज्य के लिए लागू कर दिया गया था।
महाराणा भगवत सिंह फर्स्ट क्लास क्रिकेट भी खेल चुके हैं। इन्होने कुल 31 फर्स्ट क्लास मैच खेले जिसमे इन्होने 18.35 के औसत से 826 रन बनाये । महाराणा भगवत सिंह वर्ष 1945 से 1962 तक राजपुताना क्रिकेट टीम और राजस्थान क्रिकेट टीम के लिए खेले। महाराणा भगवत सिंह की सम्पति में एक पैलेस हैं जिसका नाम जग निवास हैं। यह राजमहल पिचोला झील के किनारे स्थित है। वर्ष 1983 में मशहूर हॉलीवुड फिल्म “ओक्टोपुसी” (जेम्स बांड) की शूटिंग हुई थी। इसके साथ ही यहाँ अन्य कई फिल्मो की शूटिंग भी हुई हैं. वर्तमान में यह पैलेस एक होटल के रूप में भी संचालित होता हैं।
महाराणा भगवत सिंह ने ‘मेवाड चैरिटेबल फाउंडेशन के महाराणा’ नामक एक संगठन की स्थापना की जो उदयपुर में सिटी पैलेस संग्रहालय चलाता है और कई परोपकारी कार्यों को संभालता है, और एक वार्षिक पुरस्कार समारोह भी आयोजित करता है जहां चयनित क्षेत्रों को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया जाता है।