ब्रह्मचारिणी
माँ दुर्गा शक्ति का दूसरा स्वरूप / From Wikipedia, the free encyclopedia
ब्रह्मचारिणी माँ की नवरात्र पर्व के दूसरे दिन पूजा-अर्चना की जाती है[1]। साधक इस दिन अपने मन को माँ के चरणों में लगाते हैं। ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी का अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली। इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएँ हाथ में कमण्डल रहता है। यह जानकारी भविष्य पुराण[2] से ली गई हे।
सामान्य तथ्य मां ब्रह्मचारिणी, देवनागरी ...
मां ब्रह्मचारिणी | |
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ब्रह्मचारिणी- नवदुर्गाओं में द्वितीय | |
देवनागरी | ब्रह्मचारिणी |
संबंध | हिन्दू देवी |
अस्त्र | कमंडल व माला |
संतान |
ऋक्,यजुष,साम,अथर्वा (पौत्र:व्याडि,लोकविश्रुत मीमांस,पाणिनी,वररुचि) |
सवारी | पैर |
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