![cover image](https://wikiwandv2-19431.kxcdn.com/_next/image?url=https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/3/32/Uttar_Pradesh_locator_map_hi.svg/langhi-640px-Uttar_Pradesh_locator_map_hi.svg.png&w=640&q=50)
बिजनौर
From Wikipedia, the free encyclopedia
बिजनौर भारत के उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। हिमालय की उपत्यका में स्थित बिजनौर को जहाँ एक ओर महाराजा दुष्यन्त, परमप्रतापी सम्राट भरत, परमसंत ऋषि कण्व और महात्मा विदुर की कर्मभूमि होने का गौरव प्राप्त है,विदुर कुटी से उत्तर दिशा में कालांतर में बान नदी के तट पर भगवान परशुराम ने भीष्म पितामह और दानवीर कर्ण को ज्ञान दिया जो कभी सोननगर के नाम से प्रसिद्ध था वर्तमान में इस गांव को सुनपता के नाम से जाना जाता है वहीं आर्य जगत के प्रकाश स्तम्भ स्वामी श्रद्धानन्द, अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त वैज्ञानिक डॉ॰ आत्माराम, भारत के प्रथम इंजीनियर राजा ज्वालाप्रसाद आदि की जन्मभूमि होने का सौभाग्य भी प्राप्त है। इसी जिला बिजनौर ने भारतीय राजनीति एवं आजादी की लड़ाई को हाफिज मोहम्मद इब्राहिम और मोलाना हिफजुर रहमान जैसे कर्म योद्धा दिये
बिजनौर | |||||||
— शहर — | |||||||
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |||||||
देश | ![]() | ||||||
राज्य | उत्तर प्रदेश | ||||||
(श्री मलूक नागर) | |||||||
जनसंख्या • घनत्व |
३६८३८९६ (२०११ के अनुसार [update]) • ८०८ | ||||||
क्षेत्रफल • ऊँचाई (AMSL) |
६५६१ कि.मी² • २२५ मीटर | ||||||
विभिन्न कोड
|
साहित्य के क्षेत्र में जनपद ने कई महत्त्वपूर्ण मानदंड स्थापित किए हैं। कालिदास का जन्म भले ही कहीं और हुआ हो, किंतु उन्होंने इस जनपद में बहने वाली मालिनी नदी को अपने प्रसिद्ध नाटक 'अभिज्ञान शाकुन्तलम्' का आधार बनाया। अकबर के नवरत्नों में अबुल फ़जल और फैज़ी का पालन-पोषण बास्टा के पास हुआ। उर्दू साहित्य में भी जनपद बिजनौर का गौरवशाली स्थान रहा है। क़ायम चाँदपुरी को मिर्ज़ा ग़ालिब ने भी उस्ताद शायरों में शामिल किया है। नूर बिजनौरी, रिफत सरोश,कौसर चांदपुरी,डिप्टी नजीर अहमद,अख्तर उल इमान,निश्तर खानकाही, कयाम बिजनौरी, अफसर जमशेद,सज्जाद हैदर यलदरम,शेख़ नगीनवी विश्वप्रसिद्ध शायर व लेखक इसी मिट्टी से पैदा हुए। महारनी विक्टोरिया के उस्ताद नवाब शाहमत अली भी मंडावर,बिजनौर के निवासी थे, जिन्होंने महारानी को फ़ारसी की पढ़ाया। संपादकाचार्य पं. रुद्रदत्त शर्मा, बिहारी सतसई की तुलनात्मक समीक्षा लिखने वाले पं. पद्मसिंह शर्मा और हिंदी-ग़ज़लों के शहंशाह दुष्यंत कुमार, विख्यात क्रांतिकारी चौधरी शिवचरण सिंह त्यागी, पैजनियां- भी बिजनौर की धरती की देन हैं। इसी धरती ने भारतीय फिल्म जगत को न सिर्फ प्रकाश मेहरा जेसे निर्माता एवं शाहिद बिजनौरी सरीखे कलाकार दिये बल्कि वर्तमान में फिल्म एवं धारावाहिक के मशहूर लेखक एवं निर्माता दानिश जावेद जैसे साहित्यकार आज भी मुम्बई से बिजनौर का नाम रोशन कर रहे हैं, वर्तमान में महेन्द्र अश्क देश विदेश में उर्दू शायरी के लिए विख्यात हैं। धामपुर तहसील के अन्तर्गत ग्राम किवाड में पैदा हुए महेन्द्र अश्क आजकल नजीबाबाद में निवास कर रहे हैं । अमन कुुुुमार त्यागी रेेडियो रूपक, कहानी आदि के माध्यम से अपनी पहचान बना चुके हैं।
लेखन के क्षेत्र में अपनी बहुमुखी प्रतिभा के साथ उभरते हुए नए लेखक, कवि, फिल्म निर्देशक, गीतकार व शायर हिमांकर अजनबी नाम भी शामिल है जो अपनी प्रतिभा से उत्तर प्रदेश का नाम रोशन करते हुए अपने लेखन में सफलता प्राप्त कर रहे हैं। इनके द्वारा लिखी गई पुस्तक "द गेम्स ऑफ लाइफ" युवाओं को प्रेरित करती हैं तथा इनके द्वारा लिखे गए गीत भी युवाओ को भाते हैं| हिंदी व उर्दू भाषा के अतिरिक्त पंजाबी भाषा के क्षेत्र में भी इन्होंने बहुत काम किया है जो सराहनीय है। उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर में जन्मे मोहित कुमार उर्फ हिमांकर अजनबी ने बहुत ही कम आयु से लिखना आरंभ कर दिया था जिसके बाद इन्होंने कई काव्य मंच पर अपनी कविताओं द्वारा युवाओं का दिल जीता तथा अपने लेखन के सफर को आगे बढ़ाते हुए इन्होंने पुस्तके लिखना आरंभ किया उसके बाद कई टीवी सीरियल गीतों और फिल्मों का सिलसिला जारी हुआ जिसमें यह बतौर गीतकार, स्क्रिप्ट और स्क्रीनप्ले राइटर काम कर चुके हैं |
वर्तमान में बिजनौर लोकसभा से chandan chauhan aur Nagina se Chander Shekhar सांसद हैं|
भारतीय फिल्म जगत के जाने माने निर्माता, निर्देशक, संगीतकार विशाल भारद्वाज का गृहजिला भी बिजनौर ही है! सन 1817 से 1824 तक जिले का मुख्यालय नगीना शहर था।