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पाकिस्तान का प्रान्त विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
बलूचिस्तान (उर्दू: بلوچستان , बलोची: بلۏچستان) पाकिस्तान का प्रांत है।बलूचिस्तान नाम का क्षेत्र बड़ा है और यह ईरान (सिस्तान व बलूचिस्तान प्रान्त) तथा अफ़गानिस्तान के सटे हुए क्षेत्रों में बँटा हुआ है। यहाँ की राजधानी क्वेटा है। यहाँ के लोगों की प्रमुख भाषा बलूच या बलूची के नाम से जानी जाती है। 1944 में बलूचिस्तान के स्वतन्त्रता का विचार जनरल मनी के विचार में आया था ।[2]
यह लेख अंग्रेज़ी भाषा में लिखे लेख का खराब अनुवाद है। यह किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा लिखा गया है जिसे हिन्दी अथवा स्रोत भाषा की सीमित जानकारी है। कृपया इस अनुवाद को सुधारें। मूल लेख "अन्य भाषाओं की सूची" में "अंग्रेज़ी" में पाया जा सकता है। |
बलूचिस्तान | |||
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प्रांतपर इस पर पूरी दुनिया को भारत को देने की बात की जाये. तभी मानवाधिकार का उल्लंघन रुकेगा. | |||
अस्तोला द्वीप | |||
| |||
बलूचिस्तान की अवस्थिति | |||
देश | पाकिस्तान | ||
स्थापित | 1 जुलाई 1970 | ||
राजधानी | क्वेटा | ||
सबसे बड़ा शहर | क्वेटा | ||
शासन | |||
• प्रणाली | प्रान्त | ||
• सभा | प्रान्तीय विधानसभा | ||
• राज्यपाल | नवाब ज़ुल्फ़िकार अली मग्सी | ||
• मुख्यमन्त्री | नवाब असलम रायसानी (PPP) | ||
क्षेत्रफल | |||
• कुल | 347190 किमी2 (1,34,050 वर्गमील) | ||
जनसंख्या (2005)[1] | |||
• कुल | 78,00,000 | ||
• घनत्व | 22 किमी2 (58 वर्गमील) | ||
समय मण्डल | PKT (यूटीसी+5) | ||
प्रमुख भाषाएं | |||
विधानसभा की सीटें | 65 | ||
जिले | 30 | ||
संघीय परिषदें | 86 | ||
वेबसाइट | balochistan.gov.pk |
इसके पूर्वी किनारे पर सिन्धु घाटी सभ्यता का उद्भव हुआ। कुछ विद्वानों का मानना है कि सिन्धु घाटी सभ्यता के मूल लोग बलूच ही थे। पर इसके साक्ष्य नगण्य हैं। सिन्धु घाटी की लिपि को न पढ़े जाने के कारण संशय अब तक बना हुआ है। पर सिन्धु सभ्यता के अवशेष आज के बलूचिस्तान में कम ही पाये जाते हैं।
बलूची लोगों का माना है कि उनका मूल निवास सीरिया के इलाके में थे और उनका मूल सेमेटिक (अफ़्रो-एशियाटिक) है। आज का दक्षिणी बलूचिस्तान ईरान के कामरान प्रांत का हिस्सा था जबकि उत्तर पूर्वी भाग सिस्तान का अंग है। सन् 652 में मुस्लिम खलीफ़ा उमर ने कामरान पर आक्रमण के आदेश दिए और यह इस्लामी खिलाफ़त (ख़िलाफ़त) का अंग बन गया। पर उमर ने अपना साम्राज्य कामरान तक ही सीमित रखा। अली के खिलाफ़त में पूरा बलूचिस्तान, सिन्धु नदी के पश्चिमी छोर तक, खिलाफत के अन्तर्गत आ गया। इस समय एक और विद्रोह भी हुआ था। सन् 663 में हुए विद्रोह में कलात राशिदुन खिलाफ़त के हाथ से निकल गया। बाद में उम्मयदों ने इसपर कब्जा कर लिया। इसके बाद यह मुगल हस्तक्षेप का भी विषय रहा पर अन्त में ब्रिटिश शासन में शामिल हो गया। 1944 में इसे स्वतन्त्र करने का विचार भी अंग्रेजों के मन में आया था पर 1947 में यह स्वतन्त्र पाकिस्तान का अंग बन गया।
सत्तर के दशक में यहाँ पाकिस्तानी शासन के विरुद्ध मुक्ति अभियान भी चला था। जिसे कुचल दिया गया।
654 ईस्वी में, सिस्तान के राज्यपाल (गवर्नर) अब्दुलरहमान इब्न समराह और ससादीद फारस और बीजान्टिन साम्राज्य की कीमत पर नए उभरे रशीदुन खिलाफत ने ज़ारञ्ज में एक विद्रोह को कुचलने के लिये एक इस्लामी सेना भेजी, जो अब दक्षिणी अफगानिस्तान में है। जराञ्ज पर विजय प्राप्त करने के बाद, सेना के एक स्तम।भ ने हिन्दू कुश पर्वत शृङ्खला में काबुल और गजनी पर विजय प्राप्त करते हुए उत्तर की ओर धकेल दिया, जबकि एक अन्य स्तम्भ उत्तर-पश्चिमी बलूचिस्तान में क्वेटा जिले से होकर गया और डावर और कान्दबील (बोलन) के प्राचीन शहरों तक क्षेत्र पर विजय प्राप्त की। यह प्रलेखित है कि आज के प्रान्त के भीतर आने वाली प्रमुख बस्तियाँ, 654 में रशीदुन खिलाफत द्वारा नियन्त्रित हो गयीं, सिवाय अच्छी तरह से संरक्षित पर्वतीय शहर क़ाइक़ान को छोड़कर, जो अब कलात है।
अली की खिलाफ़त के दौरान, दक्षिणी बलूचिस्तान के मकरान क्षेत्र में विद्रोह छिड़ गया। 663 में, उमय्यद खलीफा मुआविया प्रथम के शासनकाल के दौरान, उनके मुस्लिम शासन ने उत्तर-पूर्वी बलूचिस्तान और कलात पर नियंत्रण खो दिया, जब कलात में विद्रोह के खिलाफ लड़ाई में हारिस इब्न मारा और उनकी सेना का एक बड़ा हिस्सा मर गया।
पाकिस्तान के अन्य प्रान्तों की भाँति बलूचिस्तान में संसदीय प्रणाली है। प्रान्त का औपचारिक प्रमुख राज्यपाल होता है, जिसे प्रान्तीय मुख्यमन्त्री के सुझाव पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। मुख्यमन्त्री, प्रान्त का मुख्य कार्यकारी, सामान्ययः प्रान्तीय विधानसभा में सबसे बड़े राजनीतिक दल या दलों के गठबन्धन का नेता होता है।
बलूचिस्तान की एक सदनीय प्रान्तीय विधानसभा में 65 सीटें हैं, जिनमें से 11 महिलाओं के लिये तथा 3 अ-मुसलमानों के लिये आरक्षित हैं। सरकार की न्यायिक शाखा बलूचिस्तान उच्च न्यायालय द्वारा सञ चालित की जाती है, जो क्वेटा में स्थित है और एक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में है।
प्रमुख पाकिस्तान-व्यापी राजनीतिक दलों (जैसे पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी) के अलावा, बलूचिस्तान राष्ट्रवादी दल (जैसे नेशनल पार्टी और बलूचिस्तान नेशनल पार्टी (मेंगल)) प्रान्त में प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए, प्रान्त को सात मण्डलों में विभाजित किया गया है - कलात, मकरान, नसीराबाद, क्वेटा, सिबी, झोब और रखशन। मण्डल स्तर को 2000 ईस्वी में समाप्त कर दिया गया था, किन्तु 2008 के निर्वाचन के पश्चात् बहाल कर दिया गया था। प्रत्येक मण्डल एक आयुक्त के अधीन है। सात मण्डलों को आगे 33 जनपदों में विभाजित किया गया है :[3][4]
दिसम्बर 2021 तक, आठ मण्डल हैं। आठवें मण्डल, लोरलाई मण्डल को विभाजित कर ज़ोब मण्डल बनाया गया था।[5]
इस प्रान्त में 35 जनपद हैं :
क्रमाङ्क | जनपद | मुख्यालय | क्षेत्रफल (कि॰मी॰2) |
जनसङ्ख्या (2017)[6] |
घनत्व (people/km2) |
मण्डल |
---|---|---|---|---|---|---|
1 | Awaran | Awaran | 29,510 | 121,821 | 4 | Kalat |
2 | Barkhan | Barkhan | 3,514 | 171,025 | 49 | Loralai |
3 | Kachhi (Bolan) | Dhadar | 4,374 | 236,473 | 54 | Nasirabad |
4 | Chagai | Chagai | 44,748[7] | 226,517 | 5 | Rakhshan |
5 | Dera Bugti | Dera Bugti | 10,160 | 313,110 | 31 | Sibi |
6 | Gwadar | Gwadar | 12,637 | 262,253 | 15 | Makran |
7 | Harnai[8] | Harnai | 2,492 | 97,052 | 39 | Sibi |
8 | Jafarabad | Dera Allahyar | 1,643 | 513,972 | 313 | Nasirabad |
9 | Jhal Magsi | Jhal Magsi | 3,615 | 148,900 | 41 | Nasirabad |
10 | Kalat | Kalat | 7,654 | 211,201 | 28 | Kalat |
11 | Kech (Turbat) | Turbat | 22,539 | 907,182 | 40 | Makran |
12 | Kharan | Kharan | 14,958 | 162,766 | 11 | Rakhshan |
13 | Kohlu | Kohlu | 7,610 | 213,933 | 28 | Sibi |
14 | Khuzdar | Khuzdar | 35,380 | 798,896 | 23 | Kalat |
15 | Killa Abdullah | Killa Abdullah | 3,553 | 323,823 | 91 | Quetta |
16 | Killa Saifullah | Killa Saifullah | 6,831 | 342,932 | 50 | Zhob |
17 | Lasbela | Uthal | 15,153 | 576,271 | 38 | Kalat |
18 | Loralai | Loralai | 3,785 | 244,446 | 65 | Loralai |
19 | Mastung | Mastung | 3,308 | 265,676 | 80 | Kalat |
20 | Musakhel | Musa Khel Bazar | 5,728 | 167,243 | 29 | Loralai |
21 | Nasirabad | Dera Murad Jamali | 3,387 | 487,847 | 144 | Nasirabad |
22 | Nushki[9] | Nushki | 5,797 | 178,947 | 31 | Rakhshan |
23 | Panjgur | Panjgur | 16,891 | 315,353 | 19 | Makran |
24 | Pishin | Pishin | 6,218 | 736,903 | 119 | Quetta |
25 | Quetta | Quetta | 3,447 | 2,269,473 | 658 | Quetta |
26 | Sherani | Sherani | 4,310 | 152,952 | 35 | Zhob |
27 | Sibi | Sibi | 8,429 | 253,210 | 30 | Sibi |
28 | Washuk | Washuk | 29,510 | 176,206 | 4.0 | Rakhshan |
29 | Zhob | Zhob | 15,987 | 310,354 | 19 | Zhob |
30 | Ziarat | Ziarat | 3,301 | 160,095 | 49 | Sibi |
32 | Sohbatpur | Sohbatpur | 800 | 200,426 | 250 | Nasirabad |
33 | Shaheed Sikandarabad | Surab | 762 | 200,857 | 263 | Kalat |
34 | Duki | Duki | 4,233 | 152,977 | 36 | Loralai |
35 | Chaman | Chaman | 1,341 | 434,561 | 324 | Quetta |
ऐतिहासिक जनसङ्ख्या | ||
---|---|---|
जनगणना | जनसङ्ख्या | नगरीय |
| ||
1951 | 1,167,167 | 12.38% |
1961 | 1,353,484 | 16.87% |
1972 | 2,428,678 | 16.45% |
1981 | 4,332,376 | 15.62% |
1998 | 6,565,885 | 23.89% |
2017 | 12,344,408 | 27.55% |
पहाड़ी क्षेत्रों और जल के अभाव के कारण बलूचिस्तान का जनसङ्ख्या घनत्व कम है। मार्च 2012 में, प्रारम्भिक जनगणना के आँकड़ों से ज्ञात हुआ है कि बलूचिस्तान की जनसङ्ख्या 1,31,62,222 तक पहुँच गयी थी, जिसमें खुजदार, केच और पञ्जगुर जनपद सम्मिलित नहीं थे, 1998 में 55,01,164 से 139.3% की वृद्धि हुई, जो पाकिस्तान की कुल जनसङ्ख्या का 6.85% है। उस समय पाकिस्तान के किसी भी प्रान्त द्वारा जनसङ्ख्या में यह सबसे बड़ी वृद्धि थी।[10][11][12]
बलूचिस्तान की जनसङ्ख्या का आधिकारिक अनुमान 2003 में लगभग 70.45 लाख से बढ़कर 2005 में 78 लाख हो गयी।[1] 2017 की जनगणना में बलूचिस्तान की जनसङ्ख्या 1,23,44,408 थी।
2017 की जनगणना के प्रारम्भिक परिणामों के अनुसार, प्रान्त में सबसे अधिक देशी वक्ताओं वाली भाषाएँ बलूची हैं, जो जनसङ्ख्या का 35.49% बोली जाती हैं, और पश्तो, जिनकी हिस्सेदारी 35.34% है, 1998 की जनगणना में एक उल्लेखनीय वृद्धि है, जब यह 29.6% रहा। पास्थुन मुख्य रूप से बलूचिस्तान के उत्तर में निवास करते हैं और क्वेटा में बहुमत बनाते हैं। दूसरी ओर बलूच पूरे बलूचिस्तान में पाए जाते हैं, लेकिन प्रान्त के पश्चिम और दक्षिण में सबसे अधिक केन्द्रित हैं। ब्रहुई, जिसे पहले जनगणना में बलूची के रूप में गिना जाता था, मुख्य रूप से बलूचिस्तान के मध्य भाग में 17.12% बोली जाती है। अन्य भाषाओं में सिन्धी (4.6%), सराइकी (2.7%), पंजाबी (1.1%), और उर्दू (0.81%) सम्मिलित हैं।
बलूचिस्तान के 21 जनपदों में बलूची समुदाय बहुमत में है और बलूचिस्तान के 9 जनपदों में पश्तो समुदाय बहुमत में है। 4 जनपदों में ब्रहुई बहुमत में है। लासबेला जनपद में, जनसङ्ख्या का एक बड़ा अल्पसंख्यक लसी बोलता है, जो सिन्धी भाषा की एक बोली है।
एथनोलॉग के अनुसार, बलूची भाषा बोलने वाले परिवार, जिनकी प्राथमिक बोली मकरानी 13%, रुखशानी 10%, सुलेमानी 7% और खेतरानी 3% है। बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ लसी, उर्दू, पंजाबी, हज़ारगी, सिन्धी, सराइकी, देहवारी, दारी, ताजिक, हिन्दको, उज़्बेक और हिन्दकी है।
पाकिस्तान में अफगानों से सम्बन्धित 2005 की जनगणना से पता चला है कि कुल 7,69,268 अफगान शरणार्थी अस्थायी रूप से बलूचिस्तान में रह रहे थे। हालाँकि, वर्तमान में बलूचिस्तान में सम्भवतः कम अफगान रह रहे हैं, जितने शरणार्थी 2013 में स्वदेश लौटे थे। 2015 तक, UNHCR के अनुसार केवल 3,27,778 पञ्जीकृत अफगान शरणार्थी हैं।
2017 की जनगणना के अनुसार, बलूचिस्तान की लगभग सम्पूर्ण जनसङ्ख्या मुस्लिम थी। प्रान्त में हिन्दू और ईसाई अल्पसङ्ख्यक भी थे। प्रान्त में हिन्दू जनसङ्ख्या लगभग 49,133 (अनुसूचित जातियों सहित) थी।[15][16][17] श्री हिङ्गलाज माता मन्दिर जो पाकिस्तान में सबसे बड़ा हिन्दू तीर्थस्थल है, बलूचिस्तान में स्थित है। प्रान्त में 26,462 व्यक्तियों का ईसाई अल्पसङ्ख्यक भी था।
पन्थ | जनसङ्ख्या (1941)[18] | प्रतिशत (1941) | जनसङ्ख्या (2017)[14] | प्रतिशत (2017) |
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इस्लाम | 785,181 | 91.53% | 12,255,528 | 99.28% |
हिन्दू धर्म | 54,394 | 6.34% | 49,378 | 0.4% |
सिख धर्म | 12,044 | 1.4% | N/A | N/A |
ईसाईयत | 6,056 | 0.71% | 33,330 | 0.27% |
अहमदिया | N/A | N/A | 2,469 | 0.02% |
अन्य | 160 | 0.02% | 3,703 | 0.03% |
कुल जनसङ्ख्या | 8,57,835 | 100% | 1,23,44,408 | 100% |
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