धीरूभाई अंबानी
भारतीय व्यापार टाइकून / From Wikipedia, the free encyclopedia
धीरजलाल हीरालाल अंबानी (28 दिसम्बर, 1932, - 6 जुलाई, 2002) जिन्हें धीरुभाई भी कहा जाता है) भारत के एक चिथड़े से धनी व्यावसायिक टाइकून बनने की कहानी है जिन्होनें रिलायंस उद्योग की स्थापना मुम्बई में अपने चचेरे भाई के साथ की। कई लोग अंबानी के अभूतपूर्व/उल्लेखनीय विकास के लिए अन्तरंग पूंजीवाद और सत्तारूढ़ राजनीतिज्ञों तक उनकी पहुँच को मानते हैं क्योंकि ये उपलब्धि अति दमनकारी व्यावसायिक वातावरण में पसंदीदा वर्ताव द्वारा प्राप्त की गई थी। (लाइसेंस राज ने भारतीयों को दबाया। १९९० तक भारतीय व्यवसाय का गला घोंट दिया और उन्हीं को राजनीतिज्ञों ने लाइसेंस प्रदत्त किया जो की उनके इष्ट थे, जिसने प्रतियोगिता के कोई आसार नहीं छोड़े)। अंबानी ने अपनी कंपनी रिलायंस को १९७७ में सार्वजानिक क्षेत्र में सम्मिलित किया और २००७ तक परिवार (बेटे मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी) की सयुंक्त धनराशी १०० अरब डॉलर थी, जिसने अम्बानियों को विश्व के धनी परिवारों में से एक बना दिया। उनके घर की पहली कुरसी गीरधरलाल मेवाडा ने बनाई जो गुजरात से थे।
धीरूभाई अंबानी | |
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2002 में भारत की मुहर पर धीरूभाई अंबानी | |
जन्म |
28 दिसम्बर 1932 |
मौत |
6 जुलाई 2002(2002-07-06) (उम्र 69) मुंबई, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
पेशा | रिलायंस उद्योग के संस्थापक |
धर्म | सनातन |
जीवनसाथी | कोकिलाबेन |
बच्चे |
मुकेश अंबानी अनिल अंबानी नीता कोठारी दीप्ति सालोंकर |
पुरस्कार | पद्म विभूषण(2016) |