तिरुवन्नामलई
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तिरुवन्नामलई (Tiruvannamalai) भारत के तमिल नाडु राज्य में स्थित एक तीर्थस्थल और नगर है। यह तिरुवन्नामलई ज़िले का मुख्यालय भी है। यहाँ अन्नामलई पहाड़ों की तरई में अन्नामलईयार मन्दिर है, जो भगवान शिव का एक अतिप्रसिद्ध मन्दिर है। लम्बे समय से तिरुवन्नामलई कई योगियों और सिद्धों से जुड़ा रहा है और वर्तमानकाल में अरुणाचल की पहाड़ियाँ, जहाँ 20वीं सदी के गुरु रमण महर्षि रहते थे, एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक पर्यटन स्थल के रूप में चर्चित रहा है।[1][2][3]
तिरुवन्नामलई Tiruvannamalai திருவண்ணாமலை | |
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ऊपर से दक्षिणावर्त: अन्नामलईयार मन्दिर से तिरुवन्नामलई दृश्य, श्री रमन आश्रम का प्रवेशद्वार, महारथ, अन्नामलई पहाड़ों का दृश्य, रात्रि में तिरुवन्नामलई | |
निर्देशांक: 12.22°N 79.07°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | तमिल नाडु |
ज़िला | तिरुवन्नामलई ज़िला |
क्षेत्रफल | |
• शहर | 13.00 किमी2 (5.02 वर्गमील) |
ऊँचाई | 171 मी (561 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• शहर | 1,45,278 |
• महानगर | 3,98,100 |
भाषा | |
• प्रचलित | तमिल |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 606601 से 606611 |
दूरभाष कोड | 91-4175 |
वाहन पंजीकरण | TN-25 |
तिरुवन्नामलई पंच भूत स्थलंगल में से एक है, जो चिदम्बरम, श्री कालहस्ती, तिरुवनईकोएल तथा कांचीपुरम के साथ अग्नि तत्त्व को दर्शाता है, जिनमें ये चार क्रमशः पंच भूत तत्वों- आकाश, हवा, जल और पृथ्वी का प्रतिनिधित्व करते हैं। वैसे तो चार ब्रह्मोत्सवम हर वर्ष मनाये जाते हैं, लेकिन सबसे प्रसिद्ध वह है, जो तमिल महीने कार्तिकेय (नवंबर / दिसंबर) में पड़ता है। दस दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम की समाप्ति कार्तिगय दीपम से होती है। इस संध्या को एक बड़ी कड़ाही में तीन टन घी डालकर इसे दीप के रूप में अन्नमलई पहाड़ के सबसे ऊपरी हिस्से पर रख कर जलाया जाता है।[4]
हर पूर्णिमा की रात करीब दसियों हज़ार तीर्थयात्री भगवान शंकर की पूजा करते हैं और खाली पैरों से अरुणाचल पहाड़ी की परिक्रमा करते हैं। इस परिक्रमा की कुल दूरी तकरीबन 14 किलोमीटर है।[5]. तमिल कैलेंडर के अनुसार, इस वार्षिक "चित्र पूर्णिमा" की रात हजारों श्रद्धालु विश्व के कोने-कोने से इस पवित्र शहर में आते हैं।
अद्वैत वेदांत गुरु रमण महर्षि ने तिरुवन्नामलई में अंतिम 53 वर्ष यहीं बिताए और उनका देहांत सन् 1950 में यहीं हुआ। उनका आश्रम, श्री रमणाश्रम, अरुणाचल पहाड़ी के निचले हिस्से में स्थित है, जो शहर के पश्चिम में है। शेषाद्री स्वामीगल और योगी रामसूरत कुमार दो ऐसे गुरुओं के नाम हैं, जो इसी शहर में रहे।
तिरुवन्नामलई , चेन्नई से 185 किलोमीटर और बेंगलुरु से 210 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। थेनमपेन्नई नदी के ऊपर साथनूर डैम, तिरुवन्नामलई के पास एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है। अरुणाचल पर्वत की ऊंचाई करीब 1,600 फीट है।
2011 के अनुसार [update] भारतीय जनगणना के अनुसार,[6] तिरुवन्नामलई की आबादी 3,56,863 है। इसमें पुरुष 51% और महिला 49% है। तिरुवन्नामलई की औसत साक्षरता 84 % है, जो कि राष्ट्रीय साक्षरता के औसत -59.9 % से अधिक है। पुरुषों की साक्षरता 89% और महिलाओं की साक्षरता 78 % है। तिरुवन्नामलई की 10% आबादी 6 साल से कम उम्र की है।
यह भगवान शिव का मंदिर है, जो तमिल साम्राज्य के चोल वंशी राजाओं ने 9वीं और 10वीं सदी के बीच में बनवाया था। यह मंदिर अपने विशाल गोपुरम के लिए प्रसिद्ध है।[7] नौवीं सदी में चोल साम्राज्य के राजाओं ने इसकी स्थापना की थी, जिसका उल्लेख यहां मौजूद शिलालेखों में मिलता है।
पूर्व में स्थित राजागोपुरम स्तम्भ 11 मंजिली है और इसकी ऊंचाई 217 फीट है। यह विशाल मंदिर मजबूत दीवारों से घिरा हुआ है, जिसमें चार गोपुर प्रवेश द्वार हैं और ये मंदिर को एक विराट रूप देता हैं। बाकी के तीन गोपुरम, पेई गोपुरम, तिरुमनजाना गोपुरम और अन्नमलई गोपुरम हैं। विजयनगर के कृष्णदेव रय्यरर ने इस मंदिर के 1000 स्तम्भों वाले भवन और मंदिर के तालाबों का निर्माण कराया था। वलाला महाराज गोपुरम और कीली गोपुरम जैसे प्रत्येक प्रकारम में एक विशालकाय नंदी और अनेक स्तम्भ हैं।
पांच मूल तत्वों को दर्शाने वाला यह एक पंचभूत स्थलम है। यह एक तेजो स्थलम है, जो पंचभूत स्थलम में से अग्नि का प्रतिनिधित्व करता है। अन्य हैं- तिरुवन्नईकवल (अप्पू स्थलम - जल) कांचीपुरम (पृथ्वी स्थलम - पृथ्वी) कलाहस्ती (वायु स्थलम - वायु) चिदम्बरम (आकाश स्थलम - अंतरिक्ष)
तिरुवन्नामलई , तमिलनाडु, कर्नाटक एवं आंध्र प्रदेश के कई शहरों से सड़क के जरिए अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यह शहर चित्तूर-कडलूर राज्य मार्ग और पॉन्डिचेरी-बेंगलोर राजमार्ग एनएच 66 के मिलन स्थल (जंक्शन) पर स्थित है। टीएनएसटीसी की बस सर्विस तमिलनाडु के छोटे-बड़े कई शहरों जैसे- चेन्नई, वेल्लोर, सेलम, तिरुपति, विल्लुपुरम, बेंगलुरु, तिरुची, मदुरई, कोयंबटूर, इरोड, त्रिपूर, कन्याकुमारी और पुद्दूचेरी से बहुत अच्छी है।
वेलोर और वेलुपुरम के बीच की रेलवे सेवा तिरुवन्नामलई से होकर जाती है, यहां से यात्री वेल्लोर और वेल्लुपुरम (यह रेल सेवा अभी मीटर गेज से ब्रॉड गेज बनाने के कारण स्थगित है) आने-जाने के लिए ट्रेन का प्रयोग कर सकते हैं। सबसे नजदीक और मुख्य रेलवे स्टेशन विल्लुपुरम है, जो 60 किलोमीटर की दूरी पर है। तिरुवन्नामलई और चेन्नई के बीच तीनदिवनम से होकर गुजरने वाली नई रेलवे लाइन का काम अभी जारी है।
यहां के लिए सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट चेन्नई (170 किलोमीटर) और बेंगलुरु इंटरनैशनल एयरपोर्ट (200 किलोमीटर) है।
चेन्नई से बहुत करीब होने के बावजूद तिरुवन्नामलई के आस-पास कोई बड़ा उद्योग नहीं है। परिणामस्वरूप, इस जिले के ज्यादातर लोग परंपरागत तरीके से बेंगलुरु या चेन्नई में रोजगार के अवसर ढूंढते हैं।
तिरुवन्नमलई, तिरुवन्नामलई जिले का मुख्यालय है। तिरुवन्नामलई (assembly) निर्वाचन क्षेत्र, तिरुवन्नामलई लोक सभा चुनाव क्षेत्र के अंतर्गत आता है। तमिलनाडु के खाद्य-मंत्री तिरु ईं.वी. वेलू तिरुवन्नामलई से हैं। पूर्व आवासीय मंत्री के। पिचंडी भी तिरुवन्नलमई से ही हैं। अरुणई इंजीनियरिंग कॉलेज और एसकेपी इंजीनियरिंग कॉलेज, तिरुवन्नामलई में स्थित दो प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेज हैं।
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