तमांग रिपोर्ट
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तमांग रिपोर्ट, मैट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एस पी तमांग द्वारा बनाई गई रिपोर्ट हैं। इस रिपोर्ट में गुजरात पुलिस पर आरोप लगाए गए थे कि पुलिस ने जून 2004 में कालेज छात्रा इशरत जहां और उसके तीन दोस्तों जावेद गुलाम उर्फ प्रनेश कुमार पिल्ले, अमजद अली उर्फ राजकुमार अली राणा और जीशान जौहर, अब्दुल गनी को फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया था[1]। इस रिपोर्ट पर गुजरात उच्च न्यायालय ने ९ सितंबर, २००९ को रोक लगा दी।