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जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना
विशाल शहर-आधुनिकीकरण योजना / From Wikipedia, the free encyclopedia
जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना (JNNURM) भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष २००५ में शुरू की गयी एक एक योजना थी जिसका उद्देश्य भारत के कुछ चुने हुए शहरों में विकास को गति प्रदान करना था। इसका शुभारम्भ तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ३ दिसंबर २००५[1] को किया था और इसका नाम भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नाम पर रखा गया था। प्रारम्भ में सात वर्षों (२०१२ तक) के लिए शुरू की गयी इस योजना के तहत भारतीय शहरों में अवस्थापनात्मक सुविधाओं और नगरीय सुविधाओं के विकास हेतु चरणबद्ध तरीके से योजना के लक्ष्यों को लागू करने का प्रस्ताव था और बाद में इसे दो वर्षों के लिए बढ़ा कर मार्च २०१४ तक जारी रखा गया।
जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना (JnNURM) | |
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भोपाल में इस योजना के तहत निर्मित एक ३० लाख लिटर धारण का क्षमता शिरोपरि जलाशय | |
देश | भारत |
प्रधानमन्त्री | मनमोहन सिंह |
आरम्भ | 3 दिसम्बर 2005 (2005-12-03)ਬਿਜਲੀ ਰਾਜਭਰ |
बंद | 31 मार्च 2014 (2014-03-31) |
वर्तमान स्थिति: बंद |
इस वृहद् स्तर की योजना में भारतीय संविधान के ७४वें संशोधन के अनुरूप नगरों में "आर्थिक रूप से कार्यक्षम, लाभकारी और उत्तरदायी" नागरीय अवस्थापनाओं का विकास सुनिश्चित करने, नगरों के पुराने बसे इलाकों में आवागमन अवरोध मिटाने, और गरीब लोगों तक आम नागरिक सुविधाओं को पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया था।[2] इस योजना के तहत कुल ६३ शहरों को चुना गया था जिनमें ७ शहर चालीस लाख से अधिक जनसंख्या वाले, २८ शहर दस लाख से चालीस लाख की जनसंख्या वाले और २८ शहर दस लाख से कम जनसंख्या वाले थे; योजना में २००५ से २००७ की अवधि में कुल ₹१,२०,५३६ करोड़ के निवेश का प्रस्ताव था।[2]