छाया मंत्रिमंडल
सरकार की वेस्टमिंस्टर प्रणाली की विशेषता / From Wikipedia, the free encyclopedia
छाया मंत्रालय वेस्टमिंस्टर प्रणाली के अंतर्गत एक प्रकार की राजनैतिक संस्था है। इसमें संसद में विपक्षी दलों के वरिष्ठ सांसदों की टोली नेता विपक्ष के नेतृत्व में सरकार के आधिकारिक मंत्रिमंडल के विपक्ष में एक छाया मंत्रिमंडल या दूसरा मंत्रिमंडल बनाते हैं और इसका हर एक सदस्य किसी सरकारी मंत्री के लिए विपक्षी मंत्री की तरह होता है। यानि हर सरकारी मंत्री के विपक्ष में विपक्ष का एक मंत्री जिसे उस मंत्रालय का छाया मंत्री कहते हैं उस सरकारी मंत्री के कामकाज की समीक्षा करता रहता है।[1] अगर बाद में कभी विपक्षी दल सत्ता में चुन के आता है तो अक्सर इन्हीं छाया मंत्रियों को उस मंत्रालय के अनुभव को देखते हुए उसका वास्तविक सरकारी मंत्री बना दिया जाता है। हालांकि ऐसा होना कोई जरूरी नहीं है, किसे किस विभाग का मंत्री बनाया जाए यह प्रधानमंत्री के विवेक पर निर्भर करता है। छाया मंत्री की यह जिम्मेदारी होती है कि वह उस मंत्रालय के कामकाज़ में सरकारी गलतियाँ ढूंढे, उसे जनता के समक्ष ले जाए और सरकारी नीतियों का विकल्प बताए।
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अधिकांश देशों में छाया मंत्रिमंडल के सदस्यों को छाया मंत्री कहा जाता है। हालांकि कनाडा में इनके लिये अपोज़िशन क्रिटिक यानी विपक्षी आलोचक शब्द का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है। संयुक्त राजशाही (यूके) के हाउस ऑफ लॉर्ड्स और न्यूज़ीलैंड में छाया की जगह प्रवक्ता (स्पोक्स परसन) शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। [1]