ग्रेट बेल्ट फ़िक्स्ड लिंक
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ग्रेट बेल्ट फ़िक्स्ड लिंक (डेनिश: Storebæltsforbindelsen) सेतु डेनमार्क के ज़ीलैंड द्वीप को फ़नेन द्वीप से जोड़ता है। इसमें ज़ीलैंड से स्प्रोगो द्वीप तक सड़क का रज्जु कर्षण सेतु है और रेल की सुरंग है और आगे स्प्रोगो द्वीप से फ़नेन तक बॉक्स गर्डर सेतु है। "ग्रेट बेल्ट ब्रिज" (डेनिश: Storebæltsbroen) प्रायः कर्षण सेतु को ही इंगित करता है, हालांकि इसका अर्थ आगे के बॉक्स-गर्डर सेतु या पूरे सेतु कड़ी के लिये भी लगाया जा सकता है। कर्षण सेतु को ईस्ट ब्रिज कहते हैं, जो विश्व का तीसरा सबसे बड़े मुख्य स्पैन वाला (1.6 कि.मी) और एशिया के बाहर सबसे बड़ा कर्षण सेतु है। इसकी अभिकल्पना डेनिश वास्तुकारों डिस्सिंग+वेट्लिंग ने की थी।
द ग्रेट बेल्ट ब्रिज (द ईस्ट ब्रिज) | |
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निर्देशांक | 55°20′31″N 11°02′10″E |
आयुध सर्वेक्षण राष्ट्रीय ग्रिड | |
वहन | मोटर वाहन |
पार | ग्रेट बेल्ट |
आधिकारिक नाम | Østbroen |
रखरखाव | A/S Storebælt |
लक्षण | |
डिज़ाइन | रज्जु कर्षण सेतु |
सामग्री | कंक्रीट एवं स्टील |
कुल लम्बाई | 6,790 मीटर (22,277 फीट) |
चौड़ाई | 31 मीटर (102 फीट) |
ऊँचाई | 254 मीटर (833 फीट) |
दीर्घतम स्पैन | 1,624 मीटर (5,328 फीट) |
जल में पाये | 19 |
सेतु फर्श के नीचे | 65 मीटर (213 फीट) |
इतिहास | |
डिज़ाइनर | डिस्सिंग+वेट्लिंग |
निर्माण पूर्ण | 1998 |
खुला | 14 जून 1998 |
सांख्यिकी | |
टोल | 235.00 DKK ($41.70) per car.[1] |
इस कड़ी के चालू होने के बाद से ग्रेट बेल्ट फ़ेरी सेवा बंद हो गई है, जो इससे पूर्व तक इस ग्रेट बेल्ट को पार करने का मुख्य साधन थी। लगभग ५ दशकों की चर्चा और वाद-विवाद के बाद इस कड़ी को अन्ततः बनाने का निर्णय १९८६ में लिया गया।[2] इसका मूल उद्देश्य निर्माण पूर्ण होने से ३ वर्ष पूर्व तक ही रेल कड़ी को तैयार कर सेवा आरंभ कर देने का था, किन्तु रेल यातायात १९९७ और सड़क परिवहन १९९८ में ही आरंभ हो पाया। इसकी अनुमानित लागत DKK 2.14 करोड़ (1988 के अनुसार) थी,[3] और यह निर्माण डेनिश इतिहास में सबसे बड़ी निर्माण परियोजना रहा।[4]