पार्वती
हिन्दू धर्म मे वर्णित शक्ति का रूप एवं भगवान शिव जी की पत्नी / From Wikipedia, the free encyclopedia
पार्वती, उमा या गौरी मातृत्व, शक्ति, प्रेम, सौंदर्य, सद्भाव, विवाह, संतान की देवी हैं।[1][2][3]देवी पार्वती कई अन्य नामों से जानी जाती है, वह सर्वोच्च हिंदू देवी परमेश्वरी आदि पराशक्ति (शिवशक्ति) की साकार रूप है और शाक्त सम्प्रदाय या हिन्दू धर्म मे एक उच्चकोटि या प्रमुख देवी है और उनके कई गुण,रूप और पहलू हैं। उनके प्रत्येक पहलुओं को एक अलग नाम के साथ व्यक्त किया जाता है, जिससे उनके भारत की क्षेत्रीय हिंदू कहानियों में 10000 से अधिक नाम मिलते हैं। लक्ष्मी और सरस्वती के साथ, वह हिंदू देवी-देवताओं (त्रिदेवी) की त्रिमूर्ति का निर्माण करती हैं।[4] माता पार्वती हिंदू भगवान शिव की पत्नी हैं । वह पर्वत राजा हिमांचल और रानी मैना की बेटी हैं। पार्वती का जन्म स्थान उत्तराखंड के चमोली जिले में माना जाता है जहां उसे नंदा के रूप में पूजा जाता है और इसी कारण वहां हर 12 सालों में नंदा राजजात का आयोजन किया जाता है। [5]पार्वती हिंदू देवताओं गणेश, अशोकसुंदरी, ज्योति और मनसा देवी की मां और, कार्तिकेय, अय्यप्पा की सौतेली माता हैं। पुराणों में उन्हें श्री विष्णु की बहन कहाँ गया है। वे ही मूल प्रकृति और कारणरूपा है। [6][7]शिव विश्व के चेतना है तो पार्वती विश्व की ऊर्जा हैं। पार्वती माता जगतजननी अथवा परब्रह्मस्वरूपिणी है।
माता पार्वती(सती/गौरी) | |
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शक्ति, सुंदरता, देवत्व, दिव्य शक्ति, ऊर्जा, सुहाग, सद्भाव, प्रजनन क्षमता, प्रेम , विवाह, संतति की देवी एवम साक्षात् प्रकृति स्वरूपा,शिवानी (शिव की पटरानी),महादेवी, महाकाली, जगजन्नी, जगतमाता | |
भगवान शिव के साथ मां पार्वती | |
अन्य नाम | शक्ति, सती, शिवानी, शाकम्भरी , शताक्षी, दुर्गा, चामुंडा, काली, आदि पराशक्ति , आदि शक्ति |
संबंध | देवी, शक्ति, आदि शक्ति,आदि पराशक्ति, |
निवासस्थान |
कैलाश (ससुराल) हिमालय (पैतृक घर), मनिद्विप |
मंत्र |
॥ ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डयै विच्चै॥ ॥ ॐ उमामहेश्वराभ्याम नमः॥ ॥ ॐ महामये विद्माहे शिवप्रियाय धीमहि तन्नो उमा प्रचोद्यात ॥ ॥ ॐ सर्वसमोहन्ये विद्महे विश्वजनन्ये धीमहि तन्नो शक्ति प्रचोद्यात॥ ॥ ॐ नमो देव्ये महादेव्ये शिवाये सततम नमः॥ ॥ ॐ नमः प्रकृत्यः भद्राया नियतः प्रणतास्मितः॥ |
अस्त्र | त्रिशूल, पाश, गदा, वज्र , आग की कटोरी , शंख, चक्र भाला, डमरू , खप्पर , कमल , परशु , रस्सी, धनुष बाण, कुंत, मूसल, खड्ग, तलवार, परशु, यम दंड एवं विश्व के समस्त दिव्यास्त्र |
युद्ध |
महिषासुर एवं देवी के महिषासुरमर्दिनी रूप का युद्ध चंड मुंड एवं देवी के काली रूप का युद्ध धूम्रलोचन एवं देवी के चंडी रूप का युद्ध दुर्गामासुर एवं देवी के दुर्गा रूप का युद्ध शुंभ निशुंभ एवं देवी के कौशीकी रूप का युद्ध |
दिवस | सोमवार और शुक्रवार |
जीवनसाथी | शिव, पथरमा |
माता-पिता |
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भाई-बहन |
विष्णु छोटे भाई माता गंगा छोटी बहन अदिति पूर्व जन्म में माता सती की बड़ी बहन दिति पूर्व जन्म में माता सती की बड़ी बहन कद्रु पूर्व जन्म में माता सती की बड़ी बहन विनीता पूर्व जन्म में माता सती की बड़ी बहन |
संतान | कार्तिकेय, अशोकसुन्दरी , अय्यप्पा , देवी ज्योति , मनसा देवी और श्री गणेश |
सवारी | शेर , सिंह |
शास्त्र | वेद, श्री देवी भागवत पुराण, काली पुराण, तंत्र चुरामणि, देवी महातम्यम, रामायण, श्री दुर्गा सप्तशती, श्री चंडी पाठ, शिव महापुराण, विष्णु पुराण, गणेश पुराण, स्कंद पुराण, उपनिषद, श्री पार्वती महात्मय , श्री माता पार्वती चालीसा, श्री 52 शक्ति पीठ महात्म्य एवं अन्य कई धार्मिक ग्रंथ और किंवदंतियां |
त्यौहार | गंगौर, महाशिवरात्रि, दुर्गाष्टमी, नवरात्रि, दुर्गा पूजा, हरितालिका तीज, श्रावण, गौरी पूजन, तीज, काली पूजा, गौरी तृतीय, शीतलाष्टमी, |