गोण्डी लेखन
गोंडी भाषा लेखन / From Wikipedia, the free encyclopedia
गोंडी भाषा, को वर्त्तमान समय में प्रचलित रूप से, सामान्यतः देवनागरी लिपि अथवा तेलुगु लिपि में लिखी जाती है। हाल ही में, वर्ष २०१४ में, हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुछ शोधकर्ताओं द्वारा गोंडी की जन्मज, गुंजल गोंडी लिपि की खोज से पूर्व, गोंडी भाषा की जन्मज लिपि अज्ञात थी।[1][2] सन १९१८ में मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के निवासी मुंशी मंगल सिंह मासाराम ने गोंडी के लिए एक लिपि अभिकल्पित की जो ब्राह्मी लिपि से व्युत्पन्न अन्य भारतीय लिपियों से चुने हुए वर्णों पर आधारित है, जिसे मंगल सिंह मासाराम लिपि या केवल मासाराम लिपि कहा जाता है। इस लिपि को गोंडी की एक निजी लिपि के रूप में देखा जाता है, किन्तु यह लिपि बहुत कम प्रचलित है। गुंजल गोंडी लिपि के खोज से पूर्व यह गोंडी की एकमात्र ज्ञात निजी लिपि थी। वर्त्तमान स्थिति में, हालाँकि गोंडी को प्रचलित रूप से अधिकांशतः देवनागरी या तेलुगु लिपि में लिखा जाता है, परंतु मनसाराम लिपि को भी सिखाया जाता है। तथा हालही में खोजे गए गुंजल गोंडी लिपि के भी पुनरुथान की योजना है।[3]