Loading AI tools
विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
कुमाऊँ रेजीमेंट भारतीय सशस्त्र सेना का एक सैन्य-दल है, जिसकी स्थापना सन् 1788 में हुई। यह कुमांऊँ नामक हिमालयी क्षेत्र के निवासियों से सम्बन्धित भारतीय सैन्य-दल है। जिसका मुख्यालय उत्तराखण्ड के कुमाऊँ मण्डल के रानीखेत नामक पर्वतीय स्थान में स्थित है तथा भारतीय सशस्त्र सेना के वीरता का प्रथम सर्वश्रेष्ठ सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित है। कुमाऊँ रेजिमेंट को 1947 में हुए भारत-पाकिस्तान तथा 1962 के भारत और चीन युद्ध के लिये विशेष गौरवपूर्ण माना जाता ।
कुमाऊं रेजिमेंट | |
---|---|
सक्रिय | 1813 – वर्तमान |
देश | India |
शाखा | Indian Army |
प्रकार | Infantry |
विशालता | 19 Battalions |
रेजिमेंटल सेंटर | रानीखेत, उत्तराखण्ड |
अन्य नाम | Creed Of The Man Eaters |
आदर्श वाक्य | Parakramo Vijayate (Valour Triumphs) |
War Cry | Kalika Mata Ki Jai (Victory to the Great Goddess Kali) |
मार्च (सीमा रक्षा) | Bedu Pako Baro Masa |
सैनिक चिह्न | 2 परमवीर चक्र 4 अशोक चक्र |
युद्ध सम्मान | Post Independence Srinagar (Badgam), Rezang La, Gadra City, Bhaduria, Daudkandi, Sanjoi Mirpur and Shamsher Nagar |
सेनापति | |
वर्तमान सेनापति | Lt. Gen. Rana Pratap Kalita |
प्रसिद्ध सेनापति | Gen. S.M. Shrinagesh Gen. K.S. Thimayya Gen. T.N. Raina |
बिल्ला | |
Regimental Insignia | A demi-rampant lion holding a cross. The demi-rampant lion is part of the arms of the Russel family, whose ancestor had started the body of troops now formed into the Kumaon Regiment. |
कुमाऊं रेजिमेंट का रेजिमेंटल केन्द्र रानीखेत में है, और इसमें कुमाऊं क्षेत्र से स्थानीय क्षत्रिय निवासियों की, और मैदानी इलाकों से की भर्ती होती है।[1]
सेना की संरचना मुख्य रूप से कुमाऊंनियों और साथ-साथ मैदानी इलाकों के विभिन्न समुदायों की रही है।[2][3][4]
कुमाऊँ रेजीमेंट की स्थापना सन् 1788 में हैदराबाद में हुयी थी, तब मात्र चार बटालियनें थीं। (सन् 2019 में इक्कीस बटालिनें हैं)[5][6] कुमाऊँ रेजीमेंट के स्वतंत्रता पूर्व की शौर्य गाथा का इतिहास भी गौर्वान्वित रहा है। इस रैजीमेंट ने मराठा युद्ध (1803), पिण्डारी युद्ध (1817), भीलों के विरुद्ध युद्ध (1841), अरब युद्ध (1853), रोहिल्ला युद्ध (1854) तथा भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम, झॉंसी (1857) इत्यादि युद्धों में महत्वपूर्ण तथा गौरवपूर्ण कर्तव्यों का निर्वहन किया।
भारत की स्वतंत्रता से पहले से ही कुमांऊँ रेजीमेंट की शौर्य गाथा का इतिहास गौर्वान्वित रहा है। इस रैजीमेंट ने मराठा युद्ध (1803), पिन्डारी युद्ध (1817), भीलों के विरुद्ध युद्ध (1841), अरब युद्ध (1853), रोहिल्ला युद्ध (1854) इत्यादि युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
Jai ho
Seamless Wikipedia browsing. On steroids.
Every time you click a link to Wikipedia, Wiktionary or Wikiquote in your browser's search results, it will show the modern Wikiwand interface.
Wikiwand extension is a five stars, simple, with minimum permission required to keep your browsing private, safe and transparent.