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इमानुएल काण्ट
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इमानुएल कांट (1724-1804) जर्मन वैज्ञानिक, नीतिशास्त्री एवं दार्शनिक थे। उसका वैज्ञानिक मत "कांट-लाप्लास परिकल्पना" (हाइपॉथेसिस) के नाम से विख्यात है। उक्त परिकल्पना के अनुसार संतप्त वाष्पराशि नेबुला से सौरमंडल उत्पन्न हुआ। कांट का नैतिक मत "नैतिक शुद्धता" (मॉरल प्योरिज्म) का सिद्धांत, "कर्तव्य के लिए कर्तव्य" का सिद्धांत अथवा "कठोरतावाद" (रिगॉरिज्म) कहा जाता है। उसका दार्शनिक मत "आलोचनात्मक दर्शन" (क्रिटिकल फ़िलॉसफ़ी) के नाम से प्रसिद्ध है।
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सामान्य तथ्य व्यक्तिगत जानकारी, जन्म ...
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व्यक्तिगत जानकारी | |
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जन्म | 22 अप्रैल 1724 Königsberg, Prussia (now Kaliningrad, Russia)ਬਿਜਲੀ ਰਾਜਭਰ |
मृत्यु | 12 फ़रवरी 1804(1804-02-12) (उम्र 79) Königsberg, Prussiaਬਿਜਲੀ ਰਾਜਭਰ |
वृत्तिक जानकारी | |
युग | 18th-century philosophy |
क्षेत्र | Western philosophy |
विचार सम्प्रदाय (स्कूल) |
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राष्ट्रीयता | Prussian |
मुख्य विचार |
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प्रमुख विचार |
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हस्ताक्षर | ![]() |
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इमानुएल कांट अपने इस प्रचार से प्रसिद्ध हुए कि मनुष्य को ऐसे कर्म और कथन करने चाहियें जो अगर सभी करें तो वे मनुष्यता के लिये अच्छे हों।