आर्यभट
भारतीय गणितज्ञ-खगोलविद / From Wikipedia, the free encyclopedia
कृपया भ्रमित न हों और इसे आर्यभट द्वितीय से भिन्न समझें।
अन्य प्रयोगों के लिए, आर्यभट (बहुविकल्पी) देखें।
आर्यभट (४७६-५५०) प्राचीन भारत के एक महान ज्योतिषविद् और गणितज्ञ थे। इन्होंने आर्यभटीय ग्रंथ की रचना की जिसमें ज्योतिषशास्त्र के अनेक सिद्धांतों का प्रतिपादन है।[1] इसी ग्रंथ में इन्होंने अपना जन्मस्थान कुसुमपुर और जन्मकाल शक संवत् 398 लिखा है। बिहार में वर्तमान पटना का प्राचीन नाम कुसुमपुर था लेकिन आर्यभट का कुसुमपुर दक्षिण में था, यह अब लगभग सिद्ध हो चुका है।
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सामान्य तथ्य आर्यभट, जन्म ...
आर्यभट | |
---|---|
पुणे में आर्यभट्ट की मूर्ति ४७६-५५० | |
जन्म |
४७६ कुसुमपुर (पाटलिपुत्र)पटना,भारत |
मौत |
५५०(उम्र ७३-७४) |
ਬਿਜਲੀ ਰਾਜਭਰ |
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एक अन्य मान्यता के अनुसार उनका जन्म महाराष्ट्र के अश्मक देश में हुआ था। उनके वैज्ञानिक कार्यों का समादर राजधानी में ही हो सकता था। अतः उन्होंने लम्बी यात्रा करके आधुनिक पटना के समीप कुसुमपुर में अवस्थित होकर राजसान्निध्य में अपनी रचनाएँ पूर्ण की। इनकी उत्पत्ति भट्ट ब्रह्मभटट ब्राह्मण समुदाय में मानी जाती है.