आयलर समीकरण
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चिरसम्मत यांत्रिकी में, आयलर के घूर्णी समीकरण घूर्णी निर्देश तन्त्र की सहायता से दृढ़ पिण्डों की घूर्णन गति का वर्णन करते हैं। इसमें जो घूर्णी फ्रेम लिया जाता है उसका अक्ष उस पिण्ड से जुड़ा हुआ (फिक्ड) तथा पिण्ड के मुख्य जड़त्व अक्षों के समान्तर होता है। आयलर समीकरण, सदिश अर्धरैखिक प्रथम ऑर्डर वाले साधारण अवकल समीकरण होते हैं। आयलर समीकरणों का सामान्य रूप निम्नलिखित है-
सामान्य तथ्य शाखाएं, सूत्रिकरण ...
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जहाँ M लगाये गये बलाघूर्ण हैं, I जड़तवाघूर्ण मैट्रिक्स (inertia matrix) है, ω मुख्य अक्षों के सापेक्ष कोणीय वेग है।
3D मुख्य लम्बकोणिक अक्षों (orthogonal coordinates) में उपर्युक्त समीकरणों का निम्नलिखित रूप हो जाता है-
जहाँ Mk आरोपित बलाघूर्ण M के घटक हैं, Ik मुख्य जड़त्व आघूर्ण अक्ष I के घटक हैं और ωk कोणीय वेग ω के घटक मुख्य अक्षों की दिशा हैं।