अष्टमुडी झील
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अष्टमुडी झील भारत के केरल राज्य के केरल अनूपझील क्षेत्र की एक अनूप झील है। इसका आकार आठ-भुजाओं वाला है, जिस से इसका नाम पड़ा है। यह पर्यटकों में लोकप्रिय है और केरल अनूझीलों में भ्रमण करने वालों के लिये एक आरम्भिक बिन्दु है।[1][2][3] झील का पारिस्थितिक तंत्र अनूठा है और यह भारत के महत्वपूर्ण आर्द्रभूमि क्षेत्रों में से एक है और रामसर सम्मेलन की सूची में शामिल है।[4]
अष्टमुडी झील | |
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स्थान | कोल्लम ज़िला, केरल |
निर्देशांक | 8°59′N 76°36′E |
मुख्य अन्तर्वाह | कल्लड़ा नदी |
जलसम्भर | 1,700 कि॰मी2 (1.8×1010 वर्ग फुट) |
द्रोणी देश | भारत |
सतही क्षेत्रफल | 61.4 कि॰मी2 (661,000,000 वर्ग फुट) |
अधिकतम गहराई | 6.4 मी॰ (21 फीट) |
जल आयतन | 76,000,000,000 कि॰मी3 (2.7×1021 घन फुट) |
सतही ऊँचाई | 10 मी॰ (33 फीट) |
द्वीप | मन्रो द्वीप चवरा दक्षिण |
अभिहीत: | 19 August 2002 |
झील के दोनो तटों और उस से जुड़ी हुई नहरों के किनारों पर नारियल और ताड़ के वृक्ष उगे हुए हैं और स्थान-स्थान पर गाँव-कस्बे हैं। कोल्लम एक ऐतिहारिक बंदरगाही नगर है जो झील के दाएँ (पूर्वी) किनारे पर है। यहाँ से आलापुड़ा (आलेप्पी) तक एक नाव-सेवा चलती है। झील पर पर्यटकों के लिये हाउसबोट सेवा भी उपलब्ध है जो झीलों व नहरों से होती हुई कई गाँवो के समीप से निकलती है - यह ८ घंटों की यात्रा सैलानियों को स्थानीय सौन्दर्य से परिचित कराती है। जलमार्ग पर मछुआरों द्वारा लगाये गये चीनी-शैली के मछली पकड़ने के जाल दिखते हैं।[1][5][6]