अभाज्य संख्या
अभाज्य संख्या जो सिर्फ़ अपने आप में ही भाजित हो / From Wikipedia, the free encyclopedia
वे 1 से बड़ी [प्राकृतिक संख्याएँ], जो स्वयं और 1 के अतिरिक्त और किसी प्राकृतिक संख्या से विभाजित नहीं होतीं, उन्हें 'अभाज्य संख्या' कहते हैं। [1] वे १ से बड़ी प्राकृतिक संख्याएँ जो अभाज्य संख्याँ (whole number) नहीं हैं उन्हें भाज्य संख्या Archived 2023-04-19 at the वेबैक मशीन कहते हैं। अभाज्य संख्याओं की संख्या अनन्त हैं जिसे ३०० ईसापूर्व यूक्लिड ने प्रदर्शित कर दिया था। १ को परिभाषा के अनुसार अभाज्य नहीं माना जाता है। क्योकि १ न तो भाज्य है और न अभाज्य है 46 अभाज्य संख्याएं नीचे दी गयीं हैं-
2, 3, 5, 7, 11, 13, 17, 19, 23, 29, 31, 37, 41, 43, 47, 53, 59, 61, 67, 71, 73, 79, 83, 89, 97, 101, 103, 107, 109, 113, 127, 131, 137, 139, 149, 151, 157, 163, 167, 173, 179, 181, 191, 193, 197, 199.
अभाज्य संख्याओं का महत्त्व यह है कि किसी भी अशून्य प्राकृतिक संख्या के गुणनखण्ड को केवल अभाज्य संख्याओं के द्वारा व्यक्त किया जा सकता है और यह गुणनखण्ड एकमेव (unique) होता है। इसे अंकगणित का मौलिक प्रमेय कहा जाता है। I
अभाज्य संख्या को रूढ़ संख्या भी कहा जाता है।
रूढ़ संख्या के गुण
- 1 से बड़ी प्रत्येक प्राकृतिक संख्या का कम से कम एक रूढ़ विभाजक अवश्य होता है।