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लव रंजन द्वारा निर्देशित हिंदी चलचित्र (2018) विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
सोनू के टीटू की स्वीटी 2018 की हिन्दी भाषा में बनी एक भारतीय हास्य फिल्म है, जिसका निर्देशन लव रंजन ने किया था। इस फिल्म का निर्माण रंजन के साथ साथ भूषण कुमार, कृशन कुमार और अंकुर गर्ग ने मिल कर किया था। इस फिल्म में कार्तिक आर्यन, नुशरत भरूचा और सनी सिंह मुख्य किरदार निभा रहे हैं। इस फिल्म को सिनेमाघरों में 23 फरवरी 2018 को दिखाया गया था। ये व्यापारिक रूप से सफल रहा।
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सोनू के टीटू की स्वीटी | |
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चित्र:Sonu Ke Titu Ki Sweety - Movie Poster.jpg | |
निर्देशक | Luv Ranjan |
लेखक |
Rahul Mody Luv Ranjan |
कहानी | Luv Ranjan |
निर्माता |
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अभिनेता |
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छायाकार | Sudhir K. Chaudhary |
संपादक | Akiv Ali |
संगीतकार |
Score: Hitesh Sonik Songs:
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निर्माण कंपनियां |
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वितरक | AA Films, T-series |
प्रदर्शन तिथियाँ |
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लम्बाई |
138 minutes |
देश | India |
भाषा | Hindi |
लागत | ₹30 crore[1] |
कुल कारोबार | अनुमानित ₹152.75 crore[2] |
कहानी की शुरुआत रोते हुए टीटू से शुरू होती है, जो अपनी प्रेमिका, पीहू के बात करने से भी इंकार करने के कारण दुःखी रहता है। उसका सबसे अच्छा दोस्त, सोनू उससे कहता है कि वो उसके लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं थी। उसकी बातों का असर न होता देख वो उसे आखिरी चेतावनी देता है और प्रेमिका या दोस्त में से किसी एक को चुनने बोलता है। टीटू उन दोनों में से अपने सबसे अच्छे दोस्त, सोनू को चुनता है।
टीटू और पीहू को अलग हुए 6 महीने बीत चुके होते हैं और उसके परिवार वाले उसे बताते हैं कि एक परिवार अपनी बेटी, स्वीटी की शादी उससे कराना चाहती है। टीटू उससे मिलने के लिए मान जाता है। पहली मुलाक़ात में वो एक बहुत ही देखभाल करने वाली और समझदार लगती है, वहीं सोनू को इसमें कुछ झोल-झाल लगता है। सोनू उसे बताता है कि वो मानता है कि स्वीटी अच्छी है, पर वो अभी शादी के लिए कुछ नहीं कह सकता है।
सोनू को पता चलता है कि स्वीटी की पहले किसी राहुल नाम के आदमी से शादी हो चुकी थी, पर वो उसे अपने मन मर्जी से चलाने की कोशिश करते रहती थी और इस कारण ये रिश्ता ज्यादा समय तक टिक नहीं सका था। उसने एक बार शराब के नशे में गोवा में तमाशा भी किया था। वो ये सारी बात परिवार वालों के सामने बता देता है। परिवार वाले उससे जब सवाल करते हैं, तो वो अपने तरफ वाली कहानी सुनाती है। सोनू को टीटू बताता है कि उसने पहली ही मुलाक़ात में ये सब मुझे बता दिया था, लेकिन वो नहीं चाहता था कि परिवार वालों को ये सब पता चले।
सगाई की रात सोनू को स्वीटी चुनौती देती है कि वो बहुत चालक लड़की है और वो उसे टीटू के घर से ही नहीं, बल्कि उसके जिंदगी से भी बाहर कर देगी। सोनू इस बारे में अपने दादा घसीटाराम और लालू को बताता है, और वे लोग आपस में शर्त लगाते हैं कि क्या सोनू, टीटू को स्वीटी से बचा पाएगा या नहीं।
टीटू की स्वीटी से सगाई के बाद से ही सोनू को अपनी जिंदगी में बहुत से समझौते करने पड़ते हैं। स्वीटी उनके देखभाल करने वालों को बदल देती है, और परिवार वालों को एक घर खरीदने और उसे उसके और टीटू का नाम देने के लिए भी मना लेती है। वो पूरे घर को शाकाहारी बना देती है और साथ ही घसीटाराम को धमकी भी देती है कि वो दादी को उनके सारे घटिया झूठ बता देगी।
टीटू को बचाने के लिए सोनू उसे एम्स्टरडैम में एक पार्टी रखने के लिए मना लेता है। वहाँ हो पीहू को यकीन दिलाता है कि टीटू उससे आज भी प्यार करता है और वो उन दोनों को मिलाने की कोशिश कर रहा है। वो ऐसा इंतजाम करता है कि उसकी मुलाक़ात गलती से पीहू से हुई है, ऐसा दिखे। वे लोग पीहू के साथ भारत आ जाते हैं, और स्वीटी को पीहू और टीटू के बीच करीबी देख कर चिंता करते देख सोनू खुश हो जाता है। लेकिन स्वीटी पीहू को सच बता देती है कि पहले उन दोनों के बीच रिश्ता टूटने की वजह सोनू था और अब वो उसका इस्तेमाल कर रहा है। ये सब जान कर टीटू भी सोनू के ऊपर गुस्सा हो जाता है।
घसीटाराम और लालू इस मामले को सुलझाने की कोशिश करते हैं, पर सोनू उन्हें बोल देता है कि अब उसका सबसे अच्छा दोस्त ही अपने लिए फैसला करेगा। इसके बाद सोनू शादी की तैयारी में लग जाता है और बारात में नाचता भी है। जब शादी का समय आता है, तब वो आखिरी बार को चेतावनी देता है कि 'उसके झूठ या मेरी सच्चाई, या तो वो या मैं' ऐसा बोल कर वो रोते हुए वहाँ से जाने लगता है। स्वीटी इस माहौल को बदलने की कोशिश करती है, पर टीटू सब के सामने ये कहता है कि अगर उसे उन दोनों में से किसी एक को चुनना है तो वो हमेशा अपने सबसे अच्छे दोस्त को ही चुनेगा।
इसके बाद दिखता है कि स्वीटी मंडप में खड़ी है और मानती है कि बुरे चाल से हमेशा जीत नहीं मिलती है। उसके कुछ समय बाद दिखता है कि सोनू, टीटू, घसीटाराम और लालू पूल के पास बैठ कर पीते रहते हैं। इसी के साथ कहानी समाप्त हो जाती है।
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