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लिंगा रजनीकांत की तमिल भाषा में बनी एक फिल्म है। जिसमें वे दो किरदार निभा रहे हैं। यह 12 दिसम्बर 2014 को प्रदर्शित हो चुकी है।[3] इस फिल्म में रजनीकांत, अनुष्का शेट्टी और सोनाक्षी सिन्हा मुख्य किरदार निभा रहे हैं। इस फिल्म के संगीत का निर्माण ए आर रहमान ने किया है।[4]
लिंगा | |
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निर्देशक | के. एस. रविकुमार |
लेखक | के. एस. रविकुमार और पोन् कुमारन् |
निर्माता | रॉकलाइन वेंकटेश |
अभिनेता | रजनीकांत, जगपति बाबू, अनुष्का शेट्टी, सोनाक्षी सिन्हा |
छायाकार | आर. रत्नवेलु |
संपादक | संजीत मोहम्मद |
संगीतकार | ए आर रहमान |
निर्माण कंपनी |
रॉकलाइन एंटर्टेंमेंट |
वितरक | एरॉस इंटरनेशनल |
प्रदर्शन तिथियाँ |
12 दिसम्बर, 2014 |
देश | भारत |
भाषा | तमिल |
लागत | ₹ 80 करोड़ (यूएस$13 मिलियन)[1] |
कुल कारोबार | ₹ 148.75 करोड़ (यूएस$24 मिलियन)[2] |
यह कहानी सोलैयुर नाम के एक छोटे से गांव की हैं, जहाँ सभी का दैनिक कार्य एक बांध से जुड़ा हुआ है। परंतु गांव के सांसद, नागभूषण (जगपति बाबू) अपने स्वार्थी उद्देश्यों के लिए बांध को हटाने की योजना बनाता है। इसके लिए वह बांध की ताकत का परीक्षण करवाता है। परंतु एक सरकारी अधिकारी यह प्रमाणित करता है कि यह एक बहुत लंबे समय तक चलेगा। नागभूषण मरने से पहले, बांध को बचाने के लिए मंदिर को फिर से खोलने के लिए गांव को चेतावनी देता है और कहता है कि- मंदिर को फिर से खोलने का कार्य बांध के इंजीनियर राजा लिंगेश्वरन् (रजनीकांत) की कानूनी वारिस द्वारा किया जाना चाहिए।
एक लंबी खोज के बाद, लक्ष्मी को लिंगेश्वरन् के कानूनी वारिस लिंगा (रजनीकांत) का पता चलता है। वह एक छोटा-मोटा आभूषण चुराने वाला चोर है। एक दिन, वह अपने गिरोह के साथ एक सितारा होटल में एक पन्ने का हार चुराने जाता है। इस चोरी में न चाहते हुए भी लक्ष्मी उसका साथ देती है। लिंगा हार चुरा कर व्यापारी के पास अपना हिस्सा लेने के लिए जाता है। परंतु पुलिस उस व्यापारी को पकड़ लेती है। पुलिस से बचने के लिए वह शहर छोड़ने के लिए मजबूर हो जाता है। लक्ष्मी उसे सोलैयुर गांव में चलने को कहती है।
वहाँ, लिंगा और उसके दोस्तों को यह पता चलता है कि मंदिर का शिवलिंग मरगध मणि से (पन्ने से) बना है जो बहुत महँगा होता हैं।
लिंगा और उसके मित्र मंदिर में प्रवेश करते हैं। जब वे धूमधाम से महादेव की पूजा शुरू करते है तब गांव वाले भी पूजा आरंभ कर देते हैं। उस दिन महाशिवरात्रि होती हैं - उसी दिन राजा लिंगेश्वरन् ने इस मंदिर का उद्घाटन करने के बारे में कहा था। एक स्थानीय आदमी सुब्बैय्या के साथ भारती (सोनाक्षी सिन्हा) नाम की एक गाँव की लड़की आसपास के गांवों के बारे में जानकारी जुटाने में लिंगा की सहायता करती है।
गांव वाले लिंगा और उसके दोस्तों को लिंगेश्वरन की कहानी सुनाते हैं। लिंगेश्वरन् अपने पिता के अनुरोध पर 1939 के दौरान ब्रिटिश सरकार में कलेक्टर रहे और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियर की पढ़ाई की, वह कोडय्युर के महाराजा थे। उन्होंने कहा कि यहाँ पानी की समस्या को देखते हुए एक बांध बनाया जाना चाहिए। उन्होंने ब्रिटीश सरकार से इस पर वार्तालाप कर बांध बनाने हेतु अनुमति मांगी। लेकिन कोच्चि के कलेक्टर ने वहाँ एक रेलवे ट्रैक बनाने की योजना बनाई थी। इस पर बहस के पश्चात लिंगेश्वरन् अपने पद से इस्तीफा दे देते है और स्वयं ही बांध बनाने का निर्णय लेते है। वह बांध बनाने के लिए राज्यपाल से अनुमति लेते है और ग्रामीण नागरिकों की मदद से बांध के निर्माण की योजना में सफल होते हैं।
मार्च २०१४ में, रजनीकांत को एस रविकुमार की अगली फिल्म के लिए मुख्य किरदार के रूप में लिया गया।[5] इसके पश्चात इरोज इंटरनेशनल ने दुनिया भर में फिल्म को वितरित करने की पुष्टि की थी।[6]
अप्रैल २०१४ में सोनाक्षी सिन्हा को रजनीकांत के फिल्म में एक गाँव की लड़की का किरदार दिया गया।[7][8][9]सुदीप ने फिल्म में एक महत्वपूर्ण भूमिका से इनकार कर दिया। अनुष्का शेट्टी २७ जून २०१४ को फिल्म में उसके एक भाग की शूटिंग के लिए इकाई में शामिल कर लिया गया।
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