तापोपचार (Heat treatment) उन प्रक्रमों या विधियों को कहते हैं जो उष्मा के आदान-प्रदान के द्वारा पदार्थों के भौतिक गुणों को बदलने के लिये उपयोग किये जाते हैं। कभी-कभी इनकी सहायता से पदार्थ के रासायनिक गुण भी बदले जाते हैं। इनका धातुकर्म में बहुत उपयोग है। कांच आदि कुछ अन्य पदार्थों के उत्पादन में भी तापोपचार का प्रयोग होता है। तापोपचार द्वारा वांछित परिणाम पाने के लिये पदार्थ को प्राय: बहुत अधिक गरम करना या बहुत अधिक ठण्डा करना पड़ता है।

एनिलिंग (annealing), केस कठोरीकरण (case hardening), प्रेसिपिटेशन सशक्तीकरण (precipitation strengthening), टेम्परिंग (tempering) तथा क्वेंचिंग (quenching) प्रमुख तापोपचार हैं।

धातुओं एवं मिश्रधातुओं का तापोपचार

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1800 डिग्री फारेनहाइट पर तापोपचार करने वाली भट्ठी

तापोपचार की निम्न विधिया है:-

(१) कठोरीकरण:- किसी भी मुलायम स्टील को घिसने से बचाने के लिए अथवा टूल को किसी धातु को काटने योग्य बनाने के लिए उसे किसी विशेष तापक्रम पर गर्म करके ठण्डा करने की कि्रया को कठोरीकरण कहते हैं।

(2) टेम्परिगं:- कठोरीकरण से इस्पात कठोर व भगुंर हो जाती है। उसे दूर करने के लिए टेम्परिंग करते है।

(३) एनेलिंग

(४) नार्मलाइजिगं

(५) केश हार्डेनिंग

बाहरी कड़ियाँ

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