गणकीय तरल गतिकी[1] या अभिकलनीय तरल गतिकी (Computational Fluid Dynamics or CFD), तरल यांत्रिकी (fluid mechanics) और गणक विधियों का एक एक मिश्र विषय है जिसमें आंकिक विधियों (Numerical Methods) की मदद से तरल गति के जटिल समीकरणों का हल निकाला जाता है। संगणकों के आ जाने से इस विषय में शोध और विकास के कार्य तेजी से चलने लगे हैं।[2]
उपयोग
- वायुयान, राकेट, आटोमोबाइल एवं अन्य यानों की डिजाइन
- मौसम का पूर्वानुमान करना - यह विद्या पूर्णतः तरल यांत्रिकी पर आधारित है और इसके लिये बहुत सारे नेवियर स्टोक्स समीकरण हल करने पड़ते हैं।
- कृत्रिम चैनेलों की डिजाइन
- क्रूड आयल और प्राकृतिक गैस ले जाने वाले पाइपलाइनों में प्रवाह का अध्ययन एवं उसका इष्टतमीकरण (ऑप्टिमाइजेशन)
- रक्त वाहिनियों में रक्त के प्रवाह का अध्ययन
- मोल्ड में पिघले हुए प्लास्टिक अथवा धातु की गति का अध्ययन ताकि अच्छी गुणवत्ता के ठोस पार्ट तैयार किये जा सकें।
- पम्पों एवं पानी-वितरण की प्रणाली में पानी के प्रवाह का अध्ययन एवं इष्टतमीकरण (optimization)
- जल टर्बाइन (बिजली उत्पादन में उपयोगी), एवं गैस टर्बाइन (प्रोपल्सन में उपयोगी) की डिजाइन
- संवहनात्मक ऊष्मान्तरण गुणांक की गणना करना तथा ऊष्मान्तरण का समुचित प्रबन्धन, ऊष्मा विनिमायक (हीट इक्स्चेंजर) की डिजाइन आदि। ध्यान दें कि संवहन द्वारा ऊष्मा का अन्तरण, तरल प्रवाह के साथ बहुत निकटता से जुड़ा हुआ है। [3][4]
चित्र दीर्घा
- अंतर्दहन इंजन का गणकीय तरल यांत्रिकी नमूना
- एकोमोबिले के ऊपर वायु का प्रवाह
- Hyper-X यान के ऊपर माक ७ की गति से वायु का प्रवाह
- इलेक्ट्रोनिक PCB प्लेट पर तापमान वितरण
सन्दर्भ
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