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पुरानी काॅल्टन क़ब्रगाह या ओल्ड काॅल्टन ब्यूरियल ग्राउण्ड(अंग्रेज़ी: Old Calton Burial Ground) एडिनबर्ग के काॅल्टन हिल पर स्थित एक शवाधान भूमी है, जिसे १७१८ में ख़ोला गया था। यह कई नामचीन स्काॅटियाई हस्तियों का "अंत्यत विश्राम स्थान" भी है, जिनमें डेविड ह्यूम, वैज्ञानिक जाॅन प्लेफ़ेयर, प्रसारक व़िलियम ब्लैकवुड एवं आर्क़िबाॅल्ड काॅन्स्टेबल भी शामिल हैं। साथ ही इसके परिसर में पोलिटिकल माॅर्टर्स्एज़ माॅन्युमेन्ट(राजनैतिक शहीदों का स्मारक) एवं साकाॅटलैन्ड के अमरीकी गृहयुद्ध स्मृतिका भी स्थित है। 1891 में वाॅटरलू पैलॅस के निर्माण के कारण इसमें कुछ परिवर्तन भी किया था। एडिनबर्ग के अन्य ऐतिहासिक क़ब्रगाहों की तरह ही इसे भी एडिनबर्ग की नगर परिशद द्वारा ही प्रबंधित किया जाता है। यह यूके की ए श्रेणी(Category-A) के धरोहरों की सुची में अंकित है।
विवरण | |
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स्थापना | १७१८ |
स्थान | काॅल्टन पहाड़ी, एडिनबर्ग |
देश | सकाॅटलैन्ड |
प्रकार | सार्वजनिक स्थान |
स्वामित्व | एडिनबर्ग सिटी काउन्सिल |
इस शवाधान भूमी के बनने से पहले, कैल्टन गाँव(या काॅल्टन गाँव; अंग्रेज़ी: Calton) के निवासियों को, मृलकों को दफनाने के लिये साउथ लीथ पैरिश चर्च तक जाना पड़ता था। यह काम इतने तनावपूर्ण था की १७१८ में काॅल्टन की व्यापारी समीती ने £१०१३ की राशी चुका कर लाॅर्ड बाल्मरीनो नामक ज़मीनदार(फ़यूडल लाॅर्ड) से आधी एकड़ भूमी मृतकी को दफनाने के लिये कब्रगाह बनाने हेतू खरीद ली। बाड में वहां तक एक सड़क बनाने की अनुमती प्राप्त कर ली गई। आज इस सड़क को जहां कैल्टन हिल के नाम से ही जाना जाता है, वहीं पहले इसे हाई कैल्टनके नाम से जाना जाता था।
इसके बाद भी कई बर इसके क्षेत्र का विस्तार किया गया। १८६९ तक यहां दफ़नाना बंद करना पड़ा, परंतू समीती फिर भी १८८८ तक कब्रिस्तान की देखरेख के नियंत्रणकरता थी। वाॅटरलू की युद्ध में ब्रिटेन की जीत के पश्चात, १८१४ में एक नई सड़क, वाॅटरलू प्लेस(Waterloo Place) को अनुमती दे दी गई और इसे १८१५ और १८१८ को बीच निर्मित किया गया। यह सड़क मोजूदा कब्रिस्तान के बीच से गुज़रती थी। इसी करणवश शवों का निष्कासन अति आवश्यक हो गया। उस समय के हिसाब से यह अटपटा सा था, परंतू हड्डियों को बड़े ध्यान से संजो कर नए स्थल पर दफ़नाया गया जहां नई काॅल्टन क़ब्रगाह बनाई गई थी। नया स्थल पुरानेवाले से ०.५ किलोमीटर पूर्व की ओर स्थित है। इसी कारणवश नए कब्रगाह की कई पत्थरें कब्रिस्तान को पूर्वतिथ कर्ती हैं।[1]
डेविड ऐलन, (१७४४-१७९६) बचपन से एक विशिश्ठ चित्रकार, इन्होंने ऐलन रैमसेऽ और राॅबर्ट बॅऱ्न के कई कामों का चित्रण किया था। इन्हें "स्काॅटलैन्ड का व़िलियम हौगार्थ" भी कहा जाता था। इनके क़ब्र पर स्मृतीशिला १८७४ में लगाई गई थी।
डेविड ह्यूम, (१७११-१७७६) एक स्काॅट इतिहास्कार और तर्कश्स्त्री, यह नामचीन हस्ती १८वीं शताब्दी में युरोप भर में घर-घर-का-नाम हुआ करता था। इन्होंने "ट्रिटाइज़ ऑफ़ ह्यूमन नेचर" लिखी थी और स्काॅटिश प्रबुद्धता के महत्वपूर्ण चेहरा भी थे। इस सब ख्यती के बावजूद उनकी मृत्यू के समय, उनकी नास्तिक दृश्टि और विचारधारा के कारण उनके खिलाफ़ आई भारी जनाक्रोश के कारण उनके कब्र को ८ दिनों तक पहरेदारी के अंदर रखना पड़ा था। उनकी वसीहत में व्याख्यित उनकी इच्छानुसार, आम प्रचलन के विरुद्ध, उनके कब्र पर केवल उनका नाम एवं जन्म और निधन की तथी लिखी गई थी, क्योंकी वे चाहते थे की "भावी पीढ़ी अपने अनुसार आगे की बात लिखे।"[2]
यह एक शिल्पयुक्त शिला है जिसे कैप्टन जाॅन ग्रेऽ ने अपने माता-पिता की याद में खड़ा किया था इस पर उनके नाम के साथ विभिन्न प्रतीकात्मक रूपांकनें शिल्पित हैं। इसपर एक जहाज़ी लंगर बना है, जिस्के नीचे तीन मस्तूलों वाला एक जहाज़ बना है जिस्पर पर्चम देखा जा सकता है नीचे बाईं ओर एक हैट पहना दाढ़ीगार आदमी है(उनके पिता की आकृती) और दाईं ओर एक टोपी पहनी औरत के रूप में उनली माँ की आकृती बनी है साथ ही दो रिबनों से दोनों आकृतियों को मृत्यू के चिन्ह से जोड़ा गया है।
जाॅन लींश्मन मॅकडोगल (१८४०-१८६९) एक ब्रिटिश सैनिक थे जिन्हें द्वितीय चीन युद्ध के दौरान, ताकु क़िलों में घुसपैठ करने के लिये बहुमूल्य, विक्टोरिया क्राॅस(ब्रिटेन का सबसे उच्चतम नागरिक पुरस्कार; भारत में भारत रत्न का जोड़िदार) से नवाज़ा गया था।
चार्ल्स मैकेऽ (मृत्यू १८५७) एक हास्य कलाकार एवं अभिनेता थे, जिन्हें वाॅल्टर स्काॅट के आविश्कारों की भूमिकाओं के हास्यास्पक चित्रण के लिये जाना जाता था। थियेटर राॅयल की दस्तावेज़ों के हवाले से यह पता चलता है की वे १८३० में २३ डबलिन स्ट्रीट के पते पर रहते थे।[3]
अभिनेता व़िलियम व़ुड्स, जो किसी समय (१७७२ से १८०२ के बीच) एडिनबर्ग के रंगमंच की दुनिया के पसंदीदा एवं प्रमुख सितारा हुआ करते थे, को भी यहीं विश्राम अवस्था में लिटाया गया था। असल स्मरण पट्टिका पूरी तरह अपठ्नीय हो गयी है, एक नयी पट्टिक को १८६५ में कुछ सज्जनों द्वारा लगाया गया था।
स्कॉटियाई आसवक(शराब निर्माता) जॉन हैग भी यहां, "हैग व्हिस्की परिवार" के कई सदस्यों के साथ, दफ़न हैं। हैग एडिनबर्ग के बहुत बड़े मदिरा उत्पादक और सफल व्यापारी थे। उन्होंने १९वीं सदी में, एडिनबर्ग के शराब और ब्रैंडी के बाजारों की विफलता पर, व़िस्की के उद्यमी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस मुहिम के रूप में उन्होंने प्रभावी ढंग से मिश्रित व़िस्की(ब्लेन्डेड व्हिस्की) का आविष्कार किया और स्काॅच व़िस्की को एक "बेचारे" स्थानीय जरूरतों की आपूर्ती करने वाले धन्धे से, एक सच्चे बजाय उद्योग में बदल दिया। यह पारिवारिक व्यापार बाद में युनाईटेड डिस्टिलर्स बन गया। फ़ील्ड मार्शल लाॅर्ड डोगलस हैग, जाॅन हैग के ही पुत्र हैं।
डाॅ० राॅबर्ट स्मिथ कैन्ड्लिश (१८०६-१८७३) स्काॅटिश चर्च से जुड़े हुए एक पादरी(क्लर्जीमैन) थे, जिन्होंने १८४३ में स्काॅटिश चर्च के विधटन(कार्य भंग होना) का नेत्रित्व किया था जब चर्च के कार्यों पर मनमुटाव के कारण ४७० मंत्रि महासभा से बीच में ही उठ गए थे और सदा के लिये महासभा का बहिश्कार कर दिया था। उन्होंने १८४३ में थाॅमस क़्लैमर्स के साथ फ़्री चर्च आॅफ़ स्काॅटलैन्ड(स्काॅटलैन्ड का मुक्त गिर्जा) की स्थापना की थी। वे कई धार्मिक प्स्तकों के लखक भी थे। उनके पिता जेम्स कैन्ड्लिश, जो एडिनबर्ग वष्वविद्यालय में आयुर्विज्ञान के व्याख्याता(मेडिकल साइन्स के लेक्चरर) थे, भी यहीं दफ़न हैं। [4]
थाॅमस हैभिल्टन (१७८४-१८५८) एक वस्तुकार थे, जिन्होंने राॅयल हाई स्कूल (शाही उच्चविद्यालय), बैंक आॅफ़ड स्काॅटलैन्ड, फ़िज़ीशियन हाॅल एवं एडिनबर्ग और ऐरिशायर की कई मान्य बिल्डिंगों का नकशा तईयार किया था। उन्हें राॅयल स्काॅटिश अकैडमी की स्थापना भी की थी। उन्हें यहां पुर्वतह एक नामहीन कब्र में दफनाया गया था परंतू अब उनकी कब्र पर एक रजत पट्टिका है जिसपर उनकी आकृती बनी हुई है, जिसे अकैडमी के छात्रों द्वारा स्कूल की शतकजयन्ती पर लगाया गया था। मज़ेदार बात यहां यह भी है की उनके कब्र से कुछ यार्ड की दूरी पर स्थित पोलिटिकल मार्टर्स माॅन्युमेन्ट भी उन्ही का काम है।
डैनियल स्टीवार्ट (१७४१-१८१४) डैनियल स्टीवार्ट हाॅस्पिटल के संस्थापक, जो बाद में जा कर स्टीवार्ट्स मेल्विल काॅलेज बन गया।
व़िलियम ब्लैकव़ुड (१७७६–१८३४), मैजिस्ट्रेट और प्रसारक थे जिन्होंने एडिनबर्ग ज्ञानकोश(एडिनबर्ग एन्साईक्लोपीडिया) एवं ब्लैव़ुड्स एडिनबर्ग मैगज़ीन की संस्थापना की थी। इनकी समाधी लोहे की दर्वाज़ों से बंद एक बंद कक्ष है।
पुस्तक संयोजक एवं प्रसारक आर्क़िबाल्ड काॅन्स्टेबल (१७७४-१८२७) ब्लैकवुड के प्रतिद्वंदी, उन्होंने फ़ार्मर्स मैगज़ीन और एडनबर्ग रीव्यू की संस्थापना की और स्काॅटस मैगज़ीन को खरीद लिया था।
राॅबर्ट बॅऱ्न (मृत्यू:१८१५) एक प्रसिद्ध वास्तूकार थे, उनके प्रमुख कामों में, पास के ही काॅलटन पहाड़ी पर स्थित, होराशियो नेल्सन का स्मृतीप्रतीक, नेल्सन माॅन्युमेन्ट भी शामिल है। उनके पुत्र विलियम और जाॅन, दोनो ही प्रसिद्ध वास्तुकार थे।[5]
प्रो० जाॅन प्लेफ़ेयर (१७४८-१८१९) अपने काल के महत्वपूर्ण वैज्ञानिकों और गणितश्स्त्रीयों में गिने जाते थे। वे वास्तूकार जेम्स प्लेफ़ेयर और इन्जीनियर विलियम प्लेफ़ेयर के भाई थें।
पीटर व़िलियमसन (१७३०–१७९९), जिसे प्रचलित रूप से मीडिया में इन्डियन पीटर कहा जाता था, को १३ साल की ही उम्र में अधवा कर के बंधी के रूप में बेच दिया गया था। इसकी कहानी श्वेन दास व्यापार की गिनी-चुनी प्रलेखित कहाधियों में से एक है। इसे "इन्डियन" इस लिये कहा जाने लगा क्योंकी भागने के बाद वह कुछ सालों तक मूल अमरीकीयों के साथ रहता था, और अमरीका में मूल अमरीकियों(नेटिव अमेरिकन्स) को इन्डियन भी कहा जाता है।
सर जाॅन स्टील (१८०४-१८९१) एक वख्यात स्काटिश शिल्पकार भी यही दफ़्न हैं।
इसके अलावा अन्य महत्वपूर्ण कब्रें हैं जाने-मेने गीनकार जेम्स लम्स्डेन(१८३६-१८९९), वास्तुकार रिचर्ड डिकसन (१७४०-१८१८), प्रो० ज्याॅर्ज व़िल्सन (१८१८-१८५९), जो जीवनीकार एवं लेखक थे। साथ ही बेट्टी मोर्टन एवं जाॅन और डेविड पेटॅन(मृ० १८३०) के स्मारक भी यहां स्थित हैं, जिन्होंने एडिनबर्ग के न्यू टाउन का ज़्यादातर हिस्सा बनाया था। पेटॅल के प्रतिद्वंदी व़िलियम लॅन्न भी यहीं दफ़रॅ हैं। साथ ही जर्मन नाइट और स्काॅलर जूलियस वौन येलिन(मृ० १८२६) भी यहीं दफ़न हैं, जो सर वाॅल्टर स्काॅट से भेंट करने आए थे परंतू मुलाकात से पहले ही उनका नधन हो गया। इसके बाद स्काॅट और उनकी पहली "मुलाकात" जूलियस की बर्सी पर हुई।
इसके अलावा एडिनबर्ग के १८वीं सदी के अन्य कई रईस व्यापारियों की कब्रें और स्मारकें यहां देखी जा सकती हैं। इनमें से सबसे भव्य स्मारक है जाॅन मोर्टॅन का, जोकी १८वीं सदी के एक व्यापारी थे, उनकी मृत्यू १७२८ में हुई थी। इस तरह की कई स्मारकें हैं, जिनपर मृत्यू से संबंधित विभिन्न रूपांकनें एवं चिन्ह शिल्पित देखे जा सकते हैं। जहां कई स्मारक केवल एक सामान्य से कब्र के रूप में हैं वहीं, कईयों को, और भी भव्य रूप के मकबरे के रूप में बनाया गया है।
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