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बालकृष्ण थापर (18 अक्टूबर 1921 - 6 सितंबर 1995) एक भारतीय पुरातत्वविद् थे। 1978 में उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के महानिदेशक के रूप में एम०एन० देशपांडे की जगह ली और 1981 में सेवानिवृत्ति तक सेवा की। उन्होंने कला एवं सांस्कृतिक विरासत के लिए भारतीय राष्ट्रीय न्यास (इंटैक) की संस्थापना की। 1992 में उन्हें भारत सरकार ने साहित्य और शिक्षा [1] के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया था।
बाल कृष्ण थापर | |
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जन्म |
18 अक्टूबर 1921 |
मौत |
6 सितम्बर 1995 73 वर्ष) | (उम्र
राष्ट्रीयता | भारतीय |
प्रसिद्धि का कारण | भारत के प्रतिष्ठित पुरातत्वविद, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण] के भूतपूर्व महानिदेशक |
बालकृष्ण थापर ने कालीबंगा, पुराना किला और मस्की में पुरातात्विक खुदाई में भाग लिया। वे अफगानिस्तान में फराह घाटी और बेग्राम में एएसआई की खुदाई में भी शामिल थे । उनके नेतृत्व में किए गए अन्य उत्खनन में हस्तिनापुर, शिशुपालगढ़, रूपनगर, कौशांबी, पोर्कलम, सोमनाथ, प्रकाश, कुचाई और जूना पानी में पुरातात्विक परियोजनाएं शामिल हैं।
पूर्वाधिकारी एम.एन. देशपांडे |
महानिदेशक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण 1978 - 1981 |
उत्तराधिकारी देवबाला मित्रा |
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