प्यार की ये एक कहानी
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प्यार की ये एक कहानी स्टार वन पर आने वाला भारत का एक अत्यंत विशेष लोकप्रिय धारावाहिक था। यह १८ अक्टुबर २०१० से १५ दिसम्बर २०११ तक चला।[2]
प्यार की ये एक कहानी | |
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निर्माणकर्ता | एकता कपूर |
लेखक | ऋतु भाटिया (संवाद) |
स्क्रीनप्ले | अथ्लेया कौशल |
कथाकार | सोनाली जाफ़र |
निर्देशक | पार्थो मित्र, रमिंदर सिंह सूरी, आशीष श्रीवास्तव और नितेश सिंह |
रचनात्मक निर्देशक |
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अभिनीत | ↓ नीचे देखें |
मूल देश | भारत |
मूल भाषा(एँ) | हिन्दी |
एपिसोड की सं. | 331[1] |
उत्पादन | |
निर्माता | |
उत्पादन स्थान | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
छायांकन | महेश तलकड़ |
संपादक |
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कैमरा स्थापन | बहु-कैमरा |
प्रसारण अवधि | 24 मिनट लगभग |
उत्पादन कंपनी | बालाजी टेलीफिल्म्स |
मूल प्रसारण | |
नेटवर्क | स्टार वन |
प्रसारण | 18 अक्टूबर 2010 – 15 दिसम्बर 2011 |
यह कहानी २०० साल पहले पिसाच बने अभ्येंद्र कि है जो २०० सालों के पश्चात पियाली जयसवाल से मिलता है। जिसका चेहरा गायत्रीसिंघी शिवरंजनी मैथिली गौरिमा पंढेर से मिलता है। पियाली/पिया को शिष्यवृत्तीद्वारा माउंट नामक एक महाविद्यालय में पढ़ने का मौका मिलता है। वह देहरादून चली जाती हैं। यहाँ उसकी मुलाकात मिशा डोबरियाल (प्रिया वल) से होती है। और दोनों मे दोस्ती हो जाती हैं। मिशा उसे अपने दोस्तों (कबीर,रूही और अंगद) से मिलवाती है |घर एक दिन ले जाती है। तब पिया को पता चलता है कि मिशा अरनब डोबरियाल की बेटी है। साथ ही उसे अपनी सौतेली माँ और दो बहनों का पता चलता है। पहले वह इस बात को किसी को नहीं बताती है।
उसे एक अभय नाम का लड़का भी मिलता है जो एक पिसाच है। लेकिन पिया को इस बारे में नहीं पता होता। पिया अभय के बारे में जानने के लिए उससे कई प्रश्न पूछते रहती है। जिस कारण अभय उससे दूर भागते रहता है। पिया को अभय में पिसाच के गुण पता चलने लगते हैं और तभी अभय पिया को अपने दिल की बात बता देता है। पिया महाविद्यालय छोड़ के जाने लगती है कि तभी उसे सड़क के पास यह अहसास होता है कि वह भी अभय को प्यार करने लगी है।
इसी बीच एक और पिसाच अभय से बदला लेने के लिए आता है। और उससे पिया को बचाने के लिए अभय पिया को अपने से दूर कर देता है। लेकिन सिद्धार्थ उसे खोज निकालता है। इसके बाद वह पिया को भी पिसाच बनाने की कोशिश करता है। कुछ समय के बाद सिद्धार्थ और अभय में लड़ाई होती है। कुछ समय के लिए सिद्धार्थ चले जाता है। मेथिली नामक एक और पिसाच, जो अभय से प्यार करती है और बिलकुल पिया के जैसे दिखती है, वह भी आ जाती है। अभय को लगता था की मेथिली जल कर मर चुकी है लेकिन सिद्धार्थ उसे पिसाच बना चुका था। वह अभय को वापस पाने के लिए पिया को मारने की कोशिश करती है। लेकिन अभय उसे बचा लेता है। अंत में अभय और उसके कई दोस्त मिल कर सिद्धार्थ और मेथिली को मार देते हैं। इसके बाद अभय पिसाच से मनुष्य बन जाता है और पिया और अभय की शादी हो जाती है।
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