तूनिसीया

उत्तरी अफ़्रीक़ा महाद्वीप में एक राष्ट्र विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश

तूनिसीया

ट्यूनीशिया (अरबी: تُونِس) उत्तरी अफ़्रीक़ा महाद्वीप में एक अरब राष्ट्र है। यह भूमध्यसागर के किनारे स्थित है, इसके पूर्व में लीबिया और पश्चिम मे अल्जीरिया देश हैं[1]। देश की पैंतालीस प्रतिशत ज़मीन सहारा रेगिस्तान में है जबकि बाक़ी तटीय जमीन खेती के लिए इस्तमाल होती है। रोमन इतिहास मे तूनिस का शहर कारथिज एक आवश्यक जगह रखता है और इस प्रान्त को बाद में रोमीय राज्य का एक प्रदेश बना दीया गया जिस का नाम अफ़्रीका यानी गरम प्रान्त रखा गया जो अब पूरे महाद्वीप का नाम है।

सामान्य तथ्य ट्यूनीशिया गणराज्य الْجُمْهُورِيَّة التُّونِسِيَّة, राजधानी एवं सबसे बड़ा शहर ...
ट्यूनीशिया गणराज्य

الْجُمْهُورِيَّة التُّونِسِيَّة
Thumb
कुल चिह्न
ध्येय वाक्य: حُرِّيَّة, نِظَام, عَدَالَة
("स्वतंत्रता, आदेश, न्याय")
राष्ट्रगान: حُمَاة الْحِمَى
("स्वदेश के रक्षक")
Thumb
उत्तर अफ़्रीका में अवस्थिति
राजधानी
एवं सबसे बड़ा शहर
तूनिस
36°45′N 10°11′E
आधिकारिक भाषा(एँ)अरबी
सरकारएकात्मक अध्यक्षीय गणराज्य
 राष्ट्रपति
क़ैस सईद
 प्रधानमंत्री
कमाल मदूरी
स्थापना
 प्राचीन कार्थेज
814 ई.पू.
 हुसैनी राजवंश
15 जुलाई 1705
 स्वतंत्रता
20 मार्च 1956
 गणराज्य के रूप में स्थापित
25 जुलाई 1957
 वर्तमान संविधान
22 जुलाई 2022
क्षेत्रफल
 कुल
163,610 कि॰मी2 (63,170 वर्ग मील) 89वाँ)
 जल क्षेत्र (%)
5.04
जनसंख्या
 जुलाई 2005 आकलन
10,102,000 (79 वां)
 1994 जनगणना
8,785,711
GDP (PPP)2005 प्राक्कलन
 कुल
$ 76.91 बिलियन (63 वां)
 प्रति व्यक्ति
$7,400 (105 वां)
HDI (2003)0.753
उच्च · 89 वां
मुद्राट्यूनीशियाई दीनार (TND)
समय मंडलUTC+1 (CET)
 ग्रीष्मकालीन (DST)
UTC+2 (CEST)
दूरभाष कोड+216
ISO 3166 कोडTN
इंटरनेट TLD.tn
* Rank in 2005
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परिचय

ट्यूनीशिया स्थिति : ३३° ३०' उ. अ. तथा ९° १०' पू. दे.। यह उत्तरी अफ्रीका का एक स्वतंत्र गणतंत्र (जुलाई, १९५७ तक राजतंत्र) राष्ट्र है, जिसके पश्चिम में अलजीरिया, उत्तर तथा पूर्व में भूमध्यसागर तथा दक्षिण-पूर्व में लीबिया है। जिब्राल्टर के मुहाने तथा स्वेज नहर के मध्य में स्थित होने के कारण ट्रयूनीशिआ सिसली के साथ भूमध्यसागर के पूर्वी तथा पश्चिमी भागों में व्यवधान उपस्थित करता है। इस तरह की स्थिति तथा ९०० मील लंबे समुद्रतट पर अधिकार होने के कारण ट्यूनीशिआ क बहुत आर्थिक तथा राजनीतिक महत्व है। गणतंत्र का क्षेत्रफल ४८,३३२ वर्ग मील है।

९०,००,००० हेक्टेयर विस्तृत खेती करने लायक जमीन में से ३४,००,००० हेक्टेयर पर खेती होती है परंतु उपज बहुत कम होती है। ३६,००० हेक्टेयर पर अंगूर की खेती तथा २५,००,००० एकड़ में जंगल है।

यहाँ फॉस्फेट का अक्षय भंडार है। अच्छे किस्म का कच्चा लोहा केफ के दक्षिण में मिलता है। पारा, मैंगनीज, ताँबा, तथा नमक भी यहाँ मिलते हैं। (नृ. कु. सिं.)

भाषा

अरबी राजभाषा है। फ्रेंच का भी प्रयोग प्रशासन और व्यापार में किया जाता है ट््यूानिजियाई अरबी भाषा, जिसपर मगरिबी लिपि का प्रभाव है, मध्य पूर्व में ही वोली जाती है। बेरबर भाषियों की संख्या बहुत थोड़ी है।

राज्य का धर्म इसलाम है। फिर भी यहाँ के निवासी धर्म के मामले में दुराग्रही नहीं। मूलवासी सुन्नी मुस्लिम हैं। यूरोपीय लोग रोमन कैथोलिक, ग्रीक आर्थोडॉक्स, प्रोटेस्टेंट और अंाग्लिकन आदि धर्मों पर आस्था रखते हैं।

इतिहास

सारांश
परिप्रेक्ष्य

ट्यूनिशिया का इतिहास १२०० वर्ष ईसा पूर्व से आरंभ होता है। उस समय कुछ फीनिशियन वहाँ आ बसे और उन्होंने कार्थेज नगर की स्थापना की। १४६ वर्ष ईसा पूर्व प्रसिद्ध प्यूनिक युद्ध में कार्थेज ध्वस्त हुआ और वहाँ रोमनों का राज्य स्थापित हुआ। कुछ समय पश्चात्‌ रोमनों का पतन हुआ तथा लगभग दो शताब्दियों तक ट्यूनीशिया में अव्यवस्था तथा अराजकता रही विदेशी आक्रमणकारियों ने ट््यनूीजिया आना आरंभ किया। पाँचवीं और छठी शताब्दियों में क्रमश: वंडल और बाइजेंटाइन आए। अरबों ने सातवीं शताब्दी में ट्यूनिशिया को विजय किया।

८०० में ट्यूनिशिया के तात्कालिक मनोनीत प्रशासक इब्राहिम बिन अगलब ने बगदाद के खलीफा से विद्रोह करके अपने आधिपत्य में ट्यूनिशिया को अलग राज्य बनाया। सिसली भी उसमें मिला लिया गया। दो शताब्दियों बाद हाफसिद वंश सत्तारूढ़ हुआ और उसने अगले ३०० वर्षों में ट्यूनीशिया को बहुत संपन्न बना दिया। १५७४ से १८८१ के बीच तुर्क आटोमन साम्राज्य का अधिकार रहा। धीरे धीरे टर्की द्वारा नियुक्त छोटे-छोटे स्थानीय प्रशासक ट्यूनीशिया के शासक बन गए और १७०५ में उन्होंने राज्य को स्वतंत्र घोषित कर दिया। इस प्रकार सत्ता हुसेन वंश को प्राप्त हुई। यह वंश १९५७ तक ट्यूनीशिया का शासक रहा।

१९वीं शताब्दी का अंतिम चरण आते आते ट्यूनीशिया की आर्थिक स्थिति गंभीर रूप से बिगड़ गई। अन्तरराष्ट्रीय आयोग की सिफारिश पर उसे यूरोप के राष्ट्रों से ऋण प्राप्त हुआ, साथ ही फ्रांस, ब्रिटेन और इटली की प्रतिनिधि वहाँ के आर्थिक मामलों की देख रेख के लिये नियुक्त हुए। इस संदर्भ में फ्रांस ने वहाँ अपनी स्थिति सुधारनी चाही और इसी से प्रेरित होकर १८८५ के मई में उसने अपना सैनिक अड्डा कायम कर लिया। इसके अतिरिक्त ट्यूनिशिया के आधुनिकीकरण में भी उसने रुचि ली। बदले में प्रथम विश्वयुद्ध में ट्यूनिशिया ने फ्रांस का साथ दिया।

प्रथम विश्वयुद्ध की समाप्ति के साथ ट्यूनिशिया में राष्ट्रीय चेतना का जागरण हुआ। ज्यून ट्यूनिशिया पार्टी (Jeune Tunisian Party) ने १९२० में सामाजिक सुधारों की माँग की। द्वितीय विश्वयुद्ध में जब फ्रांस की बहुत क्षति हुई तो उसने ट्यूनिशिया को अंतरिक विषयों में स्वायत्तता प्रदान करने का आश्वासन दिया। १९४५ में देस्तूर पार्टी और नियो-देस्तुर पार्टी ने मिलकर पूर्ण स्वतंत्रता की माँग की। किंतु १९५१ में फ्रांस अपने वादे से मुकर गया और उसने स्वायत्त शासन की माँग को भी ठुकरा दिया। साथ ही फ्रांसीसी प्रशासकों ने दमनचक्र आरंभ किया। अनेक लंबी वार्ताओं के बाद जून, १९५५ को फ्रांसीसी ट्यूनीशियाई सम्मेलन पेरिस में हुआ। २० मार्च १९५६ की फ्रांस ने ट्यूनिशिया को स्वतंत्र कर दिया। उसी वर्ष अप्रैल में हबीब बोरगुइवा (नियो-देस्तू पार्टी के नेता) के नेतृत्व में स्वतंत्र सरकार का गठन हुआ। २५ जुलाई १९५७ को प्रतिनिधि सभा ने ट्यूनिशिया को गणराज्य घोषत किया और हबीब-बोर-गुइवा राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। १ जून १९५९ को स्वतंत्र ट्यूनिशिया का नया संविधान लागू हुआ।

अर्थव्यवस्था

कृषि ट्यूनिशिया का मुख्य उद्योग है। राष्ट्रीय आय का लगभग ४० प्रतिशत भाग इससे प्राप्त होत है। धान्य का निर्यात बड़ी मात्रा में देश के लिये लाभकारी है। खनिज पदार्थों से भी जिनमें फास्फेट राक्‌ (Phosphate rock) मुख्य हैं, लाभ मिलता है। उद्योगीकरण क्रमश: बढ़ रहा है और वह राष्ट्रीय आय के २८ प्रतिशत भाग की पूर्ति करता है। किंतु आबादी के निरंतर बढ़ते रहने के साथ साथ आय में वृद्धि नहीं हो पा रही है। फलत: रहनसहन का स्तर गिर रहा है और बेरोजगारी भी बना रही है। इस संकट के निवारण के लिये सरकार अनेक योजनाएँ बना रही है और नए नए उद्योग भी खोल रही है।

सन्दर्भ

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