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इनका जन्म हजारीबाग में हुआ था विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
कृष्ण बल्लभ सहाय (31 दिसम्बर 1898 – 3 जून 1974) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी थे जो भारत के आज़ादी के बाद बिहार के राजस्व मंत्री बने और फिर बाद में बिहार के चौथे मुख्यमंत्री बने।
कृष्ण बल्लभ सहाय | |
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बिहार विधान परिषद के सदस्य | |
पद बहाल 1937–1939 | |
भारतीय संविधान सभा के सदस्य | |
पद बहाल 9 दिसम्बर 1946 – 26 जनवरी 1950 | |
उत्तरा धिकारी | पद समाप्त कर दिया गया" |
पद बहाल 20 अप्रैल 1947 – 2 अगस्त 1962 | |
मुख्यमन्त्री | एस के सिंह |
पद बहाल 1952–1967 | |
चुनाव-क्षेत्र | गिरीडीह |
पद बहाल 2 अक्टूबर 1963 – 5 मार्च 1967 | |
पूर्वा धिकारी | विनोदानन्द झा |
उत्तरा धिकारी | महामाया प्रसाद सिन्हा |
जन्म | 31 दिसम्बर 1898 शेखपुरा, बिहार |
मृत्यु | 3 जून 1974 75 वर्ष) हजारीबाग, बिहार, भारत (अब झारखण्ड में) | (उम्र
राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
शैक्षिक सम्बद्धता | सेन्ट कोलम्बा कॉलेज, हजारीबाग |
पेशा | सामाजिक कार्यकर्ता, राष्ट्रवादी, स्वतंत्रता सेनानी राजनेता |
श्री कृष्ण बल्लभ सहाय का जन्म पटना जिले के शेखपुरा में एक मध्यवर्गीय अम्बष्ठ कायस्थ परिवार में मुंशी गंगा प्रसाद के ज्येष्ठ पुत्र के रूप मे हुआ था। सन १९१९ (1919) में उन्होने सेंट कोलंबस कॉलेज हज़ारीबाग से अंग्रेजी आनर्स से प्रथम श्रेणी में स्नातक परीक्षा उतीर्ण की। इन्होंने ने सविनय अवज्ञा आन्दोलन 1930 के दौरान हजारीबाग में नमक बना कर इस आंदोलन को प्रसारित किया । जिसके लिए उन्हें खजांची तालाब में एक वर्ष का कारावास की सजा मिली।
सहाय को अंग्रेजी भाषा में उत्कृष्टता एवं उनकी सुसंगतता और सामंजस्य के लिए उन्हें - बिहार एवं उड़ीसा के तत्कालीन राज्यपाल सर एडवर्ड गैट के द्वारा स्वर्ण पदक पुरस्कृत किया गया था।
सहाय की मृत्यु 3 जून 1974 को एक दुर्घटना में हुई जिसमें हज़ारीबाग-पटना हाइवै के सिंदूर नामक जगह में एक चलती ट्रक ने जान-बूझकर, अचानक से, अपने ब्रेक लगा कर पीछे की ओर चलना शुरू कर दिया जिसके कारण सहाय, जो की अपने काले रंग की हिंदुस्तान एम्बेसडर गाड़ी (पंजीकरण संख्या - बीआरएम-201) के अगले सीट पर बैठे थे, उनकी उस ट्रक से जोरदार टक्कर के बाद मौके पर ही मृत्यु हो गई।
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