ऐनी आपा के नाम से जानी जानी वाली क़ुर्रतुल ऐन हैदर (२० जनवरी १९२७ - २१ अगस्त २००७) प्रसिद्ध उपन्यासकार और लेखिका थीं।

सामान्य तथ्य क़ुर्रतुल ऐन हैदर, जन्म ...
क़ुर्रतुल ऐन हैदर
जन्म 20 जनवरी 1926
अलीगढ़, उत्तर प्रदेश, भारत
मृत्यु 21 अगस्त 2007(2007-08-21) (उम्र 81 वर्ष)
नोयडा, भारत
उपनाम ऐनी आपा
व्यवसाय लेखक
राष्ट्रीयता भारतीय
शैली आख्यायिका उपन्यासकार और लघु कथाकार
हस्ताक्षर
बंद करें

जीवनी

उनका जन्म उत्तर प्रदेश के शहर अलीगढ़ में हुआ था। उनके पिता 'सज्जाद हैदर यलदरम' उर्दू के जाने-माने लेखक होने के साथ-साथ ब्रिटिश शासन के राजदूत की हैसियत से अफगानिस्तान, तुर्की इत्यादि देशों में तैनात रहे थे और उनकी मां 'नजर' बिन्ते-बाकिर भी उर्दू की लेखिका थीं। वो बचपन से रईसी व पाश्चात्य संस्कृति में पली-बढ़ीं। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा लालबाग, लखनऊ, उत्तर प्रदेश स्थित गाँधी स्कूल में प्राप्त की व तत्पश्चात अलीगढ़ से हाईस्कूल पास किया। लखनऊ के आई.टी. कालेज से बी.ए. व लखनऊ विश्वविद्यालय से एम.ए. किया। फिर लन्दन के हीदरलेस आर्ट्स स्कूल में शिक्षा ग्रहण की। विभाजन के समय १९४७ में उनके भाई-बहन व रिश्तेदार पाकिस्तान पलायन कर गए। लखनऊ में अपने पिता की मौत के बाद कुर्रतुल ऐन हैदर भी अपने बड़े भाई मुस्तफा हैदर के साथ पाकिस्तान पलायन कर गयीं। लेकिन १९५१ में वे लन्दन चली गयीं। वहाँ स्वतंत्र लेखक व पत्रकार के रूप में वह बीबीसी लन्दन से जुड़ीं तथा दि टेलीग्राफ की रिपोर्टर व इम्प्रिंट पत्रिका की प्रबन्ध सम्पादक भी रहीं। कुर्रतुल ऐन हैदर इलेस्ट्रेड वीकली की सम्पादकीय टीम में भी रहीं। १९५६ में जब वे भारत भ्रमण पर आईं तो उनके पिताजी के अभिन्न मित्र मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने उनसे पूछा कि क्या वे भारत आना चाहतीं हैं? कुर्रतुल ऐन हैदर के हामी भरने पर उन्होंने इस दिशा में कोशिश करने की बात कही और अन्ततः वे वह लन्दन से आकर मुम्बई में रहने लगीं और तब से भारत में हीं रहीं। उन्होंने विवाह नहीं किया।

उन्होंने बहुत कम आयु में लिखना शुरू किया था। उन्होंने अपनी पहली कहानी मात्र छः वर्ष की अल्पायु में ही लिखी थी। ’बी चुहिया‘ उनकी प्रथम प्रकाशित कहानी थी। जब वह १७-१८ वर्ष की थीं तब १९४५ में उनकी कहानी का संकलन ‘शीशे का घर’ सामने आया। गले ही वर्ष १९ वर्ष की आयु में उनका प्रथम उपन्यास ’मेरे भी सनमखाने‘ प्रकाशित हुआ। उन्होंने अपना कैरियर एक पत्रकार की हैसियत से शुरू किया लेकिन इसी दौरान वे लिखती भी रहीं और उनकी कहानियां, उपन्यास, अनुवाद, रिपोर्ताज़ वग़ैरह सामने आते रहे। वो उर्दू में लिखती और अँग्रेजी में पत्रकारिता करती थीं। उनके बहुत से उपन्यासों का अनुवाद अंग्रेज़ी और हिंदी भाषा में हो चुका है। साहित्य अकादमी में उर्दू सलाहकार बोर्ड की वे दो बार सदस्य भी रहीं। विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में वे जामिया इस्लामिया विश्वविद्यालय व अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय और अतिथि प्रोफेसर के रूप में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से भी जुड़ी रहीं।

१९५९ में उनका सबसे प्रसिद्ध उपन्यास आग का दरिया प्रकाशित जिसे आज़ादी के बाद लिखा जाने वाला सबसे बड़ा उपन्यास माना गया था जिसमें उन्होंने ईसा पूर्व चौथी शताब्दी से लेकर १९४७ तक की भारतीय समाज की सांस्कृतिक और दार्शनिक बुनियादों को समकालीन परिप्रेक्ष्य में विश्लेषित किया था। इस उपन्यास के बारे में निदा फ़ाज़ली ने यहाँ तक कहा है - मोहम्मद अली जिन्ना ने हिन्दुस्तान के साढ़े चार हज़ार सालों की तारीख़ (इतिहास) में से मुसलमानों के १२०० सालों की तारीख़ को अलग करके पाकिस्तान बनाया था। क़ुर्रतुल ऎन हैदर ने नॉवल 'आग़ का दरिया' लिख कर उन अलग किए गए १२०० सालों को हिन्दुस्तान में जोड़ कर हिन्दुस्तान को फिर से एक कर दिया।

मंगलवार, २१ अगस्त २००७ को सुबह तीन बजे दिल्ली के पास नोएडा के कैलाश अस्पताल में ८० वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ।

रचनाएँ

कहानी-संग्रह

  1. सितारों से आगे -१९४७
  2. शीशे के घर -१९५२
  3. पतझड़ की आवाज़ -१९६७
  4. रोशनी की रफ़्तार -१९८२
  5. क़ुर्रतुलऐन हैदर की श्रेष्ठ कहानियाँ -१९९७ (नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया, नयी दिल्ली से प्रकाशित)
  6. क़ुर्रतुलऐन हैदर और उनकी श्रेष्ठ कहानियाँ (इन्द्रप्रस्थ प्रकाशन, कृष्णा नगर, दिल्ली से प्रकाशित)

उपन्यास

  1. मेरे भी सनमख़ाने -१९४९
  2. सफ़ीना-ए-ग़मे दिल -१९५२
  3. आग का दरिया - मूल उर्दू में दिसम्बर १९५९ में 'मक्तबा जदीद' से प्रकाशित।[1] (हिन्दी अनुवादक- मोहम्मद मुग़नी अब्बासी, पुनरीक्षण एवं संशोधन- शमशेर बहादुर सिंह, किताब महल, इलाहाबाद से प्रकाशित। हिन्दी अनुवादक- नंदकिशोर विक्रम, इन्द्रप्रस्थ प्रकाशन, कृष्णा नगर, दिल्ली से प्रकाशित)
  4. कार-ए-जहाँ दराज़ है -१९७८-७९ (दो भागों में, अकाल्पनिक औपन्यासिक कथा; हिन्दी अनुवाद चार खंडों में, वाणी प्रकाशन, नयी दिल्ली से प्रकाशित)
  5. आख़िरे-शब के हमसफ़र -१९७९ (हिन्दी अनुवाद निशान्त के सहयात्री नाम से भारतीय ज्ञानपीठ, नयी दिल्ली से प्रकाशित)
  6. गर्दिशे-रंगे-चमन -१९८७ (हिन्दी अनुवाद इन्द्रप्रस्थ प्रकाशन, कृष्णा नगर, दिल्ली से प्रकाशित)
  7. चाँदनी बेगम -१९९० (हिन्दी अनुवाद भारतीय ज्ञानपीठ, नयी दिल्ली से प्रकाशित)
उपन्यासिका-
  1. सीता हरण
  2. दिलरुबा (हिन्दी अनुवाद राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली से प्रकाशित तीन उपन्यास नामक संग्रह में 'अगले जनम मोहे बिटिया न कीजो' तथा 'एक लड़की की ज़िन्दगी' के साथ संकलित)
  3. चाय के बाग़ (हिन्दी अनुवाद इन्द्रप्रस्थ प्रकाशन, कृष्णा नगर, दिल्ली से प्रकाशित)
  4. अगले जनम मोहे बिटिया न कीजो (हिन्दी अनुवाद राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली से प्रकाशित तथा लम्बी कहानी के रूप में 'क़ुर्रतुलऐन हैदर की श्रेष्ठ कहानियाँ' में संकलित)
  5. हाउसिंग सोसाइटी (हिन्दी अनुवाद इन्द्रप्रस्थ प्रकाशन, कृष्णा नगर, दिल्ली से प्रकाशित)

कथेतर गद्य

  • क्लासिकल गायक बड़े ग़ुलाम अली खाँ की जीवनी (सह लिखित)
  • छुटे असीर तो बदला हुआ ज़माना था (रिपोर्ताज़)
  • कोह-ए-दमावंद (रिपोर्ताज़)
  • गुलगश्ते जहाँ (रिपोर्ताज़)
  • ख़िज़्र सोचता है (रिपोर्ताज़)
  • सितम्बर का चाँद (रिपोर्ताज़)
  • दकन सा नहीं ठार संसार में (रिपोर्ताज़)
  • क़ैदख़ाने में तलातुम है कि हिंद आती है (रिपोर्ताज़)
  • जहान ए दीगर (रिपोर्ताज़)

अनुवाद

  • हमीं चराग़, हमी परवाने - हेनरी जेम्स के उपन्यास ‘पोर्ट्रेट ऑफ़ ए लेडी' का अनुवाद
  • कलीसा में क़त्ल - अंग्रेज़ी नाटक ‘मर्डर इन द कैथेड्रल’ का अनुवाद
  • आदमी का मुक़द्दर (अनुवाद)
  • आल्पस के गीत (अनुवाद)
  • तलाश (अनुवाद)
  • आग का दरिया (उनके अपने उर्दू उपन्यास का अंग्रेज़ी अनुवाद या ट्रांस्क्रिएशन) (1999)

पुरस्कार और सम्मान

सन्दर्भ

इन्हें भी देखें

संबंधित कड़ियाँ

बाहरी कड़ियाँ

Wikiwand in your browser!

Seamless Wikipedia browsing. On steroids.

Every time you click a link to Wikipedia, Wiktionary or Wikiquote in your browser's search results, it will show the modern Wikiwand interface.

Wikiwand extension is a five stars, simple, with minimum permission required to keep your browsing private, safe and transparent.