इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग
यह भारत का एक राजनैतिक दल है। विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), सामान्य तौर पर मुस्लिम लीग नाम से मशहूर, भारत की एक राजनैतिक पार्टी है जिसे भारतीय चुनाव आयोग ने केरल राज्य के दल के रूप में मान्यता दे रखी है।[4][5]
इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग | |
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संक्षेपाक्षर | I. U. M. L. (the League) |
दल अध्यक्ष | Sayyid Sadiq Ali Shihab Thangal |
महासचिव | P. K. Kunhalikutty |
नेता लोकसभा | E. T. Muhammed Basheer |
नेता राज्यसभा | P. V. Abdul Wahab |
गठन |
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मुख्यालय | Quaid-e-Millath Manzil, No. 36, Maraikayar Lebbai Street, Chennai, तमिलनाडु, भारत.[1] |
गठबंधन |
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लोकसभा मे सीटों की संख्या |
3 / 543 |
राज्यसभा मे सीटों की संख्या |
1 / 245 |
राज्य विधानसभा में सीटों की संख्या |
15 / 140 |
विचारधारा |
Communitarianism[2] Conservatism[3] |
प्रकाशन |
(see below)
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विद्यार्थी शाखा | Muslim Students Federation (M. S. F.) |
युवा शाखा Mulayam Singh youth brigade | Muslim Youth League (the Youth League) |
महिला शाखा | Indian Union Women's League |
श्रमिक शाखा | Swatantra Thozhilali Union (S. T. U.) |
किसान शाखा | Swathanthra Karshaka Sangam (Kerala) |
Election symbol | |
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इतिहास
इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग का गठन तो १० मार्च १९४८ को हुआ परन्तु इसका इतिहास और पहले से है जो अखिल भारतीय मुस्लिम लीग के गठन के साथ शुरुआत होता है। जिसने पाकिस्तान बनवाने में सक्रिय भूमिका निभाई। अंग्रेजों से मुक्त होने पर और पाकिस्तान के बन जाने के बाद मुस्लिम लीग कई दलों में बंट गई और यह इसकी कमजोरी का बहुत बड़ा कारण बना। पाकिस्तान में मुस्लिम लीग नाम के कई संगठन आज भी कार्य कर रहे हैं। १९४८ में भारत में इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग का गठन हुआ जो पिछडे़ हुए मुसलमानों के हित के लिए काम करती आ रही है।
मुस्लिम लीग की नीतियां एवं उद्देश्य
- यह मुसलमानों के लिए अंग्रेजी, अरबी, और उर्दू शिक्षा की पक्षधर है।
- मुस्लिमों को भारत में आरक्षण मिले।
- भारत को हिन्दू राष्ट्र बनने से रोकना।
- मुसलमानों में भाईचारा और एकता कायम करना।
- इस्लाम के अनुसार जीवन पद्धति बनाना।
सन्दर्भ
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