अर्ध-अध्यक्षीय प्रणाली

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अर्ध-अध्यक्षीय प्रणाली

अर्ध-अध्यक्षीय प्रणाली अथवा अर्ध राष्ट्रपति प्रणाली, शासन की वह प्रणाली होती है, जिसमें राज्य के कार्यकारी अधिकार पूर्णतः एक कार्यकारी राष्ट्राध्यक्ष के अंतर्गत ना हो, बल्कि कुछ कार्यकारी शक्तियां अन्य अधिकारीयों व संस्थाओं के अंतर्गत हों, जो स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकें। यह किसी अध्यक्षीय प्रणाली से भिन्न है, जिसमें सम्पूर्ण कार्यकारी शक्तियन एक ही अधिकारी (राष्ट्राध्यक्ष या शासनाध्यक्ष) के अंतर्गत आती हैं।

██ संपूर्ण राष्ट्रपति प्रणाली वाले देश ██ अर्ध-अध्यक्षीय प्रणाली वाले देशों ██ संसदीय गणराज्य जहां संसद कार्यकारी अध्यक्ष का चयन करती है ██  नाममात्र राष्ट्राध्यक्ष वाले संसदीय गणराज्य, जहां प्रधानमंत्री प्रमुख कार्यकारी है ██ संवैधानिक राजतंत्र: जहां पारंपरिक शासक एक जन-चयित प्रधानमंत्री के सलाह पर कार्य करता है ██  अर्ध-संवैधानिक राजतंत्र: जहां शासक के अलावा एक अन्य कार्याधिकारी शासन प्रशासन संभालता है, परंतु राजा को भी राजनीतिक अधिकार होते हैं ██ संपूर्ण राजतंत्र ██ एक-दलीय राज्य ██ अस्पष्ट स्थिति: अनंतिम सरकार अथवा पूर्णतः अलग शासन प्रणाली

इस शासन प्रणाली में एक कार्यकारी राष्ट्रपति एक प्रधानमंत्री और कैबिनेट के साथ मौजूद होता है, जिसमें केवल प्रधानमंत्री राष्ट्रिय विधायिका के प्रति जिम्मेदार होता है। यह संसदीय प्रणाली से भिन्न है जिसमें एक लोकप्रिय निर्वाचित शासनप्रमुख होता है, जबकि राष्ट्रप्रमुख के पास नाममात्र अधिकार होते हैं। वहीं राष्ट्रपति प्रणाली से भी यह भिन्न है जिसमें राष्ट्रपति द्वारा नामित कैबिनेट विधायिका के लिए जिम्मेदार होती है, जो अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से इस्तीफा देने के लिए कैबिनेट को मजबूर कर सकता है।[1][2][3][4]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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